May 17, 2024

Immunization campaign begins/पूरे देश को था इस पल का इंतजार, बहुत कम समय में आई वैक्सीनः पीएम मोदी

नई दिल्ली,16 जनवरी (इ खबर टुडे)। दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान का आगाज हो गया। वैक्सीनेशन प्रोग्राम की शुरुआत करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि पूरे देश को इस पल का बेसब्री से इंतजार था। कोरोना की वैक्सीन बहुत ही कम समय में आ गई है।

उन्होंने कहा कि कितने महीनों से देश के हर घर में बच्चे, बूढ़े, जवान सबकी जुबान पर ये ही सवाल था कि कोरोना की वैक्सीन कब आएगी। उन्होंने कहा कि अब से कुछ ही मिनट बाद भारत में दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू होने जा रहा है।

पीएम मोदी ने इसके लिए देशवासियों को बधाई दी। प्रधानमंत्री ने इस मौके पर राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की पक्तियां ‘मानव जब जोर लगाता है, पत्थर पानी बन जाता है’ का भी जिक्र किया। पीएम मोदी के संबोधन को सभी टीकाकरण केंद्रों से कनेक्ट किया गया। केंद्र सरकार के मुताबिक, पहले दिन कुल 3006 वैक्‍सीनेशन सेंटर्स पर तीन लाख से ज्‍यादा हेल्‍थ वर्कर्स को पहली डोज दी जानी है। पीएम मोदी कोरोना काल के उन मुश्किल दिनों को याद कर सुबक पड़े।

जिसे सबसे ज्यादा जरूरी उसे पहले लगेगी वैक्सीन
पीएम ने कहा कि भारत का टीकाकरण अभियान बहुत ही मानवीय और महत्वपूर्ण सिद्धांतों पर आधारित है। जिसे सबसे ज्यादा जरूरी है, उसे सबसे पहले कोरोना वैक्सीन लगेगी। कोरोना वैक्सीन की 2 डोज लगनी बहुत जरूरी है। पहली और दूसरी डोज के बीच लगभग एक महीने का अंतराल भी रखा जाएगा। दूसरी डोज़ लगने के 2 हफ्ते बाद ही आपके शरीर में कोरोना के विरुद्ध ज़रूरी शक्ति विकसित हो पाएगी। भारत वैक्सीनेशन के अपने पहले चरण में ही 3 करोड़ लोगों का टीकाकरण कर रहा है।

किसी भी तरह की अफवाह से बचें
पीएम मोदी ने वैक्सीन को लेकर देशवासियों को किसी भी तरह की अफवाहों से बचने को कहा। उन्होंने कहा कि हमारे वैज्ञानिक और विशेषज्ञ जब दोनों मेड इन इंडिया वैक्सीन की सुरक्षा और प्रभाव को लेकर आश्वस्त हुए, तभी उन्होंने इसके इमरजेंसी उपयोग की अनुमति दी। पीएम मोदी ने कहा कि भारत के वैज्ञानिकों और वैक्सीन से जुड़ी विशेषज्ञता पर पूरी दुनिया को भरोसा है। उन्होंने कहा कि भारतीय वैक्सीन विदेशी वैक्सीनों की तुलना में बहुत सस्ती है। इनका उपयोग भी बहुत आसान है। पीएम ने कहा कि विदेश में ऐसी वैक्सीन है जिनकी कीमत 5000 रुपये तक है।

दो मेड इन इंडिया वैक्सीन हुई तैयार
पीएम मोदी ने कहा कि आमतौर पर एक वैक्सीन बनाने में बरसों लग जाते हैं लेकिन इतने कम समय में एक नहीं दो मेड इन इंडिया वैक्सीन तैयार हुई हैं। कई और वैक्सीन पर भी तेज़ गति से काम चल रहा है, ये भारत के सामर्थ्य, वैज्ञानिक दक्षता और टैलेंट का जीता-जागता सबूत है।

चीन में फंसे हर भारतीय को लेकर आए
पीएम मोदी ने कहा कि ऐसे समय में जब कुछ देशों ने अपने नागरिकों को चीन में बढ़ते कोरोना के बीच छोड़ दिया था, तब भारत चीन में फंसे हर भारतीय को वापस लेकर आया और सिर्फ भारत के ही नहीं, हम कई दूसरे देशों के नागरिकों को भी वहां से वापस निकालकर लाए।

सबसे पहले हेल्थ वर्करों को वैक्सीन
सरकार के मुताबिक, सबसे पहले एक करोड़ स्वास्थ्यकर्मियों, अग्रिम मोर्चे पर काम करने वाले करीब दो करोड़ कर्मियों और फिर 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को टीके की खुराक दी जाएगी। बाद के चरण में गंभीर रूप से बीमार 50 साल से कम उम्र के लोगों का वैक्सीनेशन होगा। हेल्थवर्कर्स और फ्रंटलाइन वर्कर्स पर वैक्सीनेशन का खर्च सरकार वहन करेगी।

कोविशील्ड और कोवैक्सीन की 1.65 करोड़ डोज अलॉट
भारत में ऑक्‍सफर्ड-एस्‍ट्राजेनेका की वैक्‍सीन जिसे यहां पर सीरम इंस्टिट्यूट ने डेवलप किया है। यह वैक्‍सीन ‘कोविशील्ड’ (Covishield)नाम से उपलब्‍ध है। इसके अलावा भारत बायोटेक की ‘कोवैक्सीन’ (Covaxin)भी लोगों को दी जाएगी। दोनों को सुरक्षा के मानकों पर सुरक्षित और असरदार पाया गया है। ‘कोविशील्ड’ और ‘कोवैक्सीन’ की 1.65 करोड़ डोज में से सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को हेल्‍थ वर्कर्स की संख्‍या के हिसाब से अलॉट किया गया है।

1075 नंबर पर मिलेंगे वैक्सीन से जुड़े सवालों के जवाब
कोविड-19 महामारी, वैक्सीनेशन की शुरुआत और कोविन सॉफ्टवेयर के संबंध सवालों के जवाब के लिए एक कॉल सेंटर-1075 भी बनाया गया है। सारे राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने टीकाकरण के लिए तैयारियां पूरी कर ली हैं।

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