May 17, 2024

Free Cylinder निशुल्क आक्सिजन सिलैण्डर देकर जोड रहे हैैं कोरोना से टूटती सांसों की डोर,जरुरतमंदों के लिए सूखे राशन की भी व्यवस्था

रतलाम,17 मई (इ खबरटुडे)। कोरोना की दूसरी लहर में जब कई लोगों की सांसों की डोर आक्सिजन की कमी से टूटती देखी तो शहर के कुछ युवाओं ने जरुरतमंदों के लिए आक्सिजन सिलैण्डर जुटाने की ठानी। एक सिलैण्डर की व्यवस्था से शुरु हुआ उनका यह अभियान अब बढता जा रहा है और आज उनके पास छ: सिलैण्डर उपलब्ध है। इसी के साथ वे कई परिवारों को सूखे राशन के पैकेट भी उपलब्ध करवा चुके है।

सेवा की यह अनूठी मिसाल भारत भक्ति संस्थान से जुडे न्यूरोड निवासी उदित अग्रवाल और उनके कुछ साथियों ने मिलकर कायम की है। जब उन्होने देखा कि कई सारे लोग आक्सिजन सिलैण्डर की व्यवस्था के लिए इधर उधर भटक रहे हैैं तो उन्होने अपने पास उपलब्ध एक सिलैण्डर में आक्सिजन भरवा कर रोगियों की मदद करना शुरु किया। एक सिलेंडर की व्यवस्था करने के बाद उन्हें लगा कि अभी सिलेंडरों की जरुरत और है। उन्होंने अपनी बचत की गई रकम से पांच जम्बो सिलेंडरो की व्यवस्था और जुटा ली। सिलेंडरों की व्यवस्था होने के बाद अब जरुरत रही इन पर लगने वाले ऑक्सी फ्लो मीटर की। ये मीटर उन्होंने सीधे राजकोट से खरीद कर मंगवाए। इन सिलेंडरों की मदद से अब तक वे कई लोगो को निशुल्क ऑक्सीजन मुहैया करवा चुके है।उनके इस सेवा कार्य में महावीर गैस के संचालक संतोष पितलिया का भी उन्हें पूरा सहयोग मिल रहा है।

आक्सिजन सिलैण्डरों की व्यवस्था के दौरान ही उन्हे यह ध्यान में आया कि कई निम्न मध्यमवर्गीय परिवार ऐसे है,जो बेहद परेशानी में होने का बावजूद भी किसी से मदद नहीं मांग पाते। कई लोग तो ऐसे है जिनके सामने दो वक्त का भोजन तक का संकट खडा हो चुका है। ऐसे जरुरतमंद लोगों को राशन पैकेट उपलब्ध कराने का विचार श्री अग्रवाल ने जब अपने कुछ मित्रों के सामने रखा तो कई लोगों ने उन्हे सहर्ष सहायता राशि उपलब्ध करवा दी। इस राशि ने श्री अग्र्रवाल अब तक 135 परिवारों को राशन पैकेट उपलब्ध करवा चुके है। उनके इस सेवा कार्य में उनके छोटे भाई मेहुल और बहन साक्षी अग्रवाल व मित्र रूपेश पाल भी पूरा सहयोग कर रहें है। श्री अग्रवाल ने बताया कि आज के दौर में ऐसे लोगों की संख्या बहुत है जो सेवा को प्रचार पाने का जरिया मानते है,लेकिन बडी संख्या ऐसे लोगों की भी है,जो सेवा तो करना चाहते है,लेकिन इसका कोई प्रचार नहीं करना चाहते। श्री अग्रवाल ने कहा कि उन्हे ऐसे ही लोग मदद कर रहे है,जो सेवा का प्रचार नहीं करना चाहते। ऐसे निस्वार्थ भाव से सेवा करने वालों के कारण ही वे लोगों तक मदद पंहुचा पा रहे है।

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