January 31, 2025

रतलाम / जमीन विवाद को लेकर हुई हत्या में एक ही परिवार के चार लोगों को आजीवन कारावास की सजा

29_12_2020-court.naiduniajbp02_20201229_14824

रतलाम,12जुलाई(इ खबर टूडे)। अतिरिक्त लोके अभियोजक संजीव सिंह चौहान द्वारा बताया कि 13 मार्च 2021 को फरियादिया रामी बाई द्वारा थाना सरवन पर इस आशय की रिपोर्ट की थी कि वह ग्राम गोपालपुरा में रहकर खेती मजदूरी करती है, उसके काका ससुर विश्राम से खेत की जमीन को लेकर विवाद चल रहा था।

उक्त दिनांक को शाम लगभग 6:00 बजे वह और उसका पति खेत पर घास काट रहे थे। पास के खेत में काका ससुर और आरोपी विश्राम अपनी भैंस चरा रहा था। तथा विश्राम का लड़का मुकेश और लड़की कन्या दोनों खेत में गेहूं इकट्ठा कर रहे थे। तभी विश्राम की भैंस फरियादी के खेत में आकर गेहूं खाने लगी। तो फरियादिया के पति हरीश द्वारा विश्राम को भैंस हटाने को कहा तो विश्राम हरीश को गाली गलौज करने लगा। तभी अन्य आरोपी मुकेश व कन्या भी दौड़कर आए और हरीश के साथ गाली गलौज करने लगे। आवाज सुनकर विश्राम का अन्य पुत्र साधूलाल भी घर से दौड़कर आया और गाली गलौज करने लगा।

सभी आरोपियों ने मिलकर फरियादिया के पति को नीचे गिराकर उसके पैर ,छाती तथा मुंह पर बड़े-बड़े पत्थरों से मारपीट की। जिससे मृतक के दोनों पैर टूट गए तथा मुंह फट गया गंभीर चोटें आई थी घटना में मारपीट के दौरान आरोपियों द्वारा फरियादिया रामी बाई के साथ भी मारपीट की थी आरोपीगणों द्वारा चोट पहुंचाने के परिणाम स्वरूप हरीश की मृत्यु हो गई थी।

फरियादिया की रिपोर्ट पर आरोपी गणों के विरुद्ध थाना सरवन पर अपराध क्रमांक 65 / 21 पर धारा 302 एवम 34 भादवि के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया था और पुलिस द्वारा अनुसंधान पूर्ण कर आरोपीगणों के विरुद्ध अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था प्रकरण का विचारण द्वितीय अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश कि यहां पर किया गया था जहां पर अभियोजन द्वारा 14 साक्षियो के कथन न्यायालय में करवाए गए थे विचारण उपरांत अभियोजन द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य एवं तर्कों से सहमत होते हुए द्वितीय अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वारा आरोपीगण साधुलाल उर्फ साधु पिता विश्राम आयु 27 वर्ष , मुकेश पिता विश्राम आयु 22 वर्ष, विश्राम पिता जीव आयु 60 वर्ष ,तथा विश्राम की पुत्री कन्या पिता विश्राम आयु 30 वर्ष सभी निवासी ग्राम गोपालपुर थाना सरवन को 302 के अपराध में दोषी पाते हुए आजीवन कारावास एवं प्रत्येक को 1200-1200 अर्थदंड से दंडित किया गया. प्रकरण में अभियोजन की ओर से सफल पैरवी संजीव सिंह चौहान द्वारा की गई।

You may have missed