शिप्रा के पानी में अग्निविस्फोट के कारण शनिश्चरी अमावस्या पर त्रिवेणी घाट पर फव्वारे से होगा स्नान
उज्जैन,12 मार्च (इ खबरटुडे /ब्रजेश परमार )। शनिश्चरी अमावस्या पर 13 मार्च शनिवार को त्रिवेणी के दोनों घाटों पर नदी में स्नान प्रतिबंधित किया गया है। त्रिवेणी मुख्य घाट पर भी फव्वारों से ही स्नान होगा। कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया त्रिवेणी के वीआईपी घाट पर पानी में अग्निविस्फोट की घटना के मद्देनजर उक्त निर्णय लिया गया है।
इंदौर रोड़ स्थित त्रिवेणी के शनि मंदिर पर शनिश्चरी अमावस्या का परंपरागत स्नान इस बार घाट पर फव्वारे के नीचे ही श्रद्धालुओं को करना होगा।ऐसा इसलिए किया गया है कि नदी के त्रिवेणी बैराज से नीचे की और भरे पानी में पिछले डेढ सप्ताह से अग्निविस्फोट की घटनाएं हो रही है।इन घटनाओं को लेकर जियोलाजीकल विभाग के जानकार लोगों ने जांच की थी।
कलेक्टर के आग्रह के बाद जियोलाजीकल सर्वे आफ इंडिया के तीन सदस्यीय दल ने यहां आकर जांच की थी। जांच के दौरान दल यहां से नदी की तलहटी से गाद एवं पानी के सेंपल लेकर गया था। भोपाल स्थित आधुनिक लैब में इसका विश्लेषण किया गया है। जिसके आधार पर जीएसआई की टीम ने निष्कर्ष निकाले कर उसकी रिपोर्ट से जिला प्रशासन को अवगत करवाया है।
इसी आधार पर कलेक्टर ने शनिश्चरी अमावस्या पर नदी के पानी में स्नान को प्रतिबंधित करते हुए घाट पर फव्वारे में स्नान के लिए श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्थाएं की है।इससे पूर्व नदी में पानी के अभाव में कई बार फव्वारा स्नान की व्यवस्थाएं की जाती रही है।