November 16, 2024

Crime news : पूर्व सहायक आबकारी आयुक्त झा ने पूर्व ठेकेदार जायसवाल के साथ मिलकर 4.6 करोड का लगाया चुना, धारा 409, 420, 120-बी भा.दं.वि. के अंतर्गत भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में प्रकरण दर्ज

उज्जैन,30 सितम्बर(इ खबर टुडे/ब्रजेश परमार)। विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त संगठन ने पूर्व सहायक आबकारी आयुक्त प्रमोद कुमार झा एवं पूर्व शराब ठेकेदार पवन कुमार जायसवाल के साथ अन्य के विरूद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में प्रकरण दर्ज किया है। वर्ष 2015-16 की अवधि में शराब ठेकेदार ने 4.60करोड से अधिक की पाक्षिक लायसेंस फीस व वार्षिक लायसेंस फीस का भुगतान जमा नहीं किया तथा तत्कालीन सहायक आबकारी आयुक्त के संरक्षण में शासन को उक्त राशि की आर्थिक क्षति पहुंची है।

उपपुलिस अधीक्षक सुनील तलान ने बताया कि लोकायुक्त एसपी उज्जैन संभाग अनिल विश्वकर्मा को शिकायत प्राप्त हुई थी कि वर्ष 2015-16 की अवधि में शराब ठेकेदार पवन जायसवाल द्वारा 4,60,77,600/- रू. की पाक्षिक लायसेंस फीस व वार्षिक लायसेंस फीस का भुगतान जमा नहीं किया गया है । तत्कालीन सहायक आबकारी आयुक्त प्रमोद कुमार झा के संरक्षण में शासन को उक्त राशि की आर्थिक क्षति पहुंचाई गई है।

प्रकरण का सत्यापन जांच में पाया गया कि राजपत्र में प्रकाशित नियमों के अनुसार किसी दुकान की पाक्षिक बेसिक लायसेंस फीस / वार्षिक लायसेंस फीस का भुगतान बकाया रहने पर उस दुकान को आगामी पक्ष में तब तक मदिरा का प्रदाय नहीं किया जाएगा, जब तक कि दुकान की अवशेष लायसेंस फीस / वार्षिक लायसेंस फीस जमा न कर दी जाए। उक्त ठेकेदार पवन जायसवाल द्वारा सितंबर 2015 से ही मदिरा ड्यूटी फीस समय पर व पूरी जमा नहीं की गयी तथा कमी – बेशी रखी जाती रही। यह राशि जनवरी 2016 तक लगातार बढ़ती रही।

तत्कालीन सहायक आबकारी आयुक्त प्रमोद कुमार झा ने दिनांक सितंबर,अक्टूबर एवं दिसंबर 2015 व जनवरी 2016 को कारण बताओ सूचना-पत्र ठेकेदार पवन जायसवाल को दिये परंतु नियमानुसार लायसेंस निरस्त नहीं किया। मार्च 2016 तक अवशेष राशि बढ़कर 4,60,77,600 रूपए हो गयी, ऑडिट रिपोर्ट में भी इस तथ्य को रेखांकित किया गया है। सितंबर 2015 से ही जब ठेकेदार द्वारा लायसेंस शुल्क जमा नहीं की जा रही थी तब से ही सहायक आयुक्त द्वारा ठेकेदार को सपोर्ट किया तथा उसकी दुकानों को अन्य दुकानों से मदिरा उपलब्ध करायी।

इस दौरान कुल 75 परिवहन परमिट अन्य दुकानों से पवन जायसवाल की दुकानों को जारी कर मदिरा उपलब्ध करायी जो अनुमत्य नहीं था। इस प्रकार पद व प्रास्थिति का दुरूपयोग कर सहायक आयुक्त श्री झा द्वारा शराब ठेकेदार पवन जायसवाल के साथ षड़यंत्र कर शासन को 4करोड 60 लाख 77 हजार 600 रूपए की हानि पहुंचायी गयी है। इस कृत्य में अन्य ठेकेदार व आबकारी विभाग के तत्कालीन अधिकारी / कर्मचारियों की भूमिका की भी जांच विवेचना के दौरान की जावेगी ।

तत्कालीन सहायक आबकारी आयुक्त उज्जैन प्रमोद कुमार झा द्वारा लायसेंसी पवन कुमार जायसवाल से मिलकर छल व षड़यंत्रपूर्वक तथा पद व प्रास्थिति का दुरूपयोग करते हुए शासन को राजस्व का नुकसान पहुंचाया जाना व अपने पदीय कर्त्तव्यों का दुरूपयोग किया जाना पाया गया है। इसके साथ ही शासकीय धनराशि के संबंध में विश्वास का आपराधिक हनन करते हुए बकाया राशि को छलपूर्वक निजी लाभ / हित के लिये कोष में जमा नहीं किये जाने पर प्रमोद कुमार झा, तत्कालीन सहायक आबकारी आयुक्त उज्जैन, पवन कुमार जायवाल पिता रामगोपाल जायसवाल, तत्कालीन आबकारी अनुज्ञप्तिधारी निवासी देहरादून, उत्तराखण्ड (प्रायवेट व्यक्ति) एवं अन्य के विरूद्ध अपराध क्रमांक 211 / 2023 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 ( 1 ) ए, 13 (2) भ्र.नि.अधि.1988 (संशोधन 2018 ) एवं धारा 409, 420, 120-बी भा.दं.वि. के अंतर्गत पंजीबद्ध किया जाकर विवेचना में लिया गया।

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