December 28, 2024

Foolish Step : ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर ने अफगानिस्तान से सैनिकों की वापसी को बताया मूर्खतापूर्ण,जो बाइडेन की कड़ी निंदा

tony blair

लंदन,23 अगस्त(इ खबरटुडे)। अफगानिस्तान से नाटो सैनिकों की वापसी को ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर ने मूर्खतापूर्ण कदम बताया है। उन्होंने कहा कि इस फैसले से पूरी दुनिया के आतंकी-जिहादी संगठन खुशियां मना रहे हैं। ब्लेयर का यह बयान इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि 20 साल पहले उनके कार्यकाल में ही ब्रिटिश सैनिकों की तैनाती अफगानिस्तान में की गई थी। संख्या के लिहाज से अमेरिका के बाद ब्रिटेन के ही सर्वाधिक सैनिक अफगानिस्तान में तैनात थे।

20 साल पहले ब्लेयर के कार्यकाल में ही ब्रिटेन ने भेजे थे अपने सैनिक

अपनी वेबसाइट में लिखे लेख में ब्लेयर ने कहा, सैनिकों की अचानक और एकसाथ वापसी ने तालिबान को वह सब फिर से पाने का मौका दे दिया, जो उसने बीते 20 साल में खोया था। अफगानिस्तान को जो तरक्की मिली थी, वह खत्म हो गई। अफगानिस्तान ने जो खोया उसमें बेहतर जिंदगी के मौके और लड़कियों की शिक्षा मुख्य हैं। अफगानिस्तान की यह दशा न अफगान आबादी के लिए अच्छी है और न बाकी दुनिया के लिए। ब्लेयर 1997 से 2007 के बीच ब्रिटेन के प्रधानमंत्री रहे हैं। उनके ही कार्यकाल में ब्रिटेन ने अमेरिका के नेतृत्व में 2003 में लड़े गए इराक युद्ध में हिस्सा लिया था।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की कड़े शब्दों में निंदा की

ब्लेयर ने लिखा है कि दुनिया अब पश्चिमी देशों की सोच को लेकर अनिश्चितता की स्थिति में है। क्योंकि अफगानिस्तान से सैनिकों की वापसी का फैसला बड़ी रणनीति को ध्यान में रखकर नहीं लिया गया, बल्कि राजनीतिक कारणों से लिया गया। ब्लेयर ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की कड़े शब्दों में निंदा की है। लिखा है कि मूर्खतापूर्ण राजनीतिक नारों में फंसकर अफगानिस्तान से सैनिक वापसी का फैसला लिया गया। इन नारों में हमेशा चलने वाले युद्धों से निकलने की बात कही गई थी। अगर हमने यह फैसला अब किया है तो क्या 10 या 20 साल पहले नहीं कर सकते थे?

ब्लेयर ने लिखा है कि अफगानिस्तान में साथ देने वाले हर व्यक्ति को वहां से बाहर निकालकर सुरक्षित माहौल देने की ब्रिटेन की नैतिक जिम्मेदारी है। अफगानिस्तान में ऐसे पांच हजार लोग हैं जिन्होंने ट्रांसलेटर, ड्राइवर या किसी अन्य तरीके से ब्रिटिश सैनिकों की मदद की थी। अब तालिबान से उनकी जान बचाए जाने की जरूरत है।

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