Two attacks:काबुल एयरपोर्ट पर 16 घंटे बाद उड़ानें शुरू; धमाकों में मरने वालों की संख्या 103 हुई, 28 तालिबानी लड़ाके भी शामिल
काबुल,27 अगस्त (इ खबरटुडे)। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के हामिद करजई इंटरनेशनल एयरपोर्ट के ठीक सामने गुरुवार शाम दो फिदायीन हमले हुए। अमेरिकी अखबार ‘वॉल स्ट्रीट जर्नल’ के मुताबिक, अब तक 103 लोग मारे जा चुके हैं और 1383 जख्मी हैं। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, आतंकी संगठन ISIS के खुरासान ग्रुप ने हमले की जिम्मेदारी ली है। अमेरिकी सेंट्रल कमांड के जनरल कैनेथ मैकेंजी ने कहा है कि मरने वालों में 13 मरीन कमांडो शामिल हैं। सूत्रों के मुताबिक, 3 और धमाकों की खबर है। हालांकि, ये एयरपोर्ट के पास ही हुए, ये नहीं कहा जा सकता। दारुलअमन इलाके में भारी गोलीबारी की भी जानकारी है।
अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने कहा- गुरुवार को हामिद करजई इंटरनेशनल एयरपोर्ट के अब्बे गेट पर पहला ब्लास्ट हुआ। कुछ ही देर बाद एयरपोर्ट के नजदीक बैरन होटल के पास दूसरा धमाका हुआ। यहां ब्रिटेन के सैनिक ठहरे हुए थे। एयरपोर्ट के बाहर तीन संदिग्धों को देखा गया था। इसमें से दो आत्मघाती हमलावर थे, जबकि तीसरा बंदूक लेकर आया था। मरने वालों का आंकड़ा बढ़ने की आशंका है।
US सेंट्रल कमांड के जनरल मैकेंजी ने कहा- फिलहाल, 5 हजार लोग काबुल एयरपोर्ट पर फ्लाइट का इंतजार कर रहे हैं। इनमें 1 हजार अमेरिकी हैं। 14 अगस्त से अब तक हम एक लाख चार हजार सिविलियंस को निकाल चुके हैं। इनमें से 66 हजार अमेरिका और 37 हजार हमारे सहयोगी देशों के नागरिक हैं। मीडिया के मुताबिक, आतंकी संगठन ISIS ने काबुल एयरपोर्ट पर हमले की जिम्मेदारी ली है। उसने फिदायीन हमलावर का फोटो भी जारी किया है।
देर रात अमेरिकी राष्ट्रपति प्रेस कांफ्रेंस कर बोले – हमला करने वालों को छोड़ेंगे नहीं
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने काबुल एयरपोर्ट हमले की निंदा करते हुए कहा कि सैनिकों की मौत बेहद दुखद है, दूसरों की जान बचाने में अमेरिकी सैनिकों का बलिदान हम कभी भुलेंगे नहीं और ना ही माफ करेंगे। हम आतंकियों को ढूंढकर मारेंगे । सैनिकों के परिवार के साथ हमारी संवेदनाएं हैं। हम अफगानिस्तान से अमेरिकी नागरिकों को बचाएंगे और अपने अफगान सहयोगियों को बाहर निकालेंगे, हमारा मिशन जारी रहेगा, जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त फौज भी भेजेंगे।
तालिबान ने भी आतंकी हमला बताया
तालिबान ने अब तक 15 लोगों के मारे जाने की पुष्टि की है। इसमें महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। तालिबान ने इसे आतंकी हमला बताया है। एयरपोर्ट पर एक शख्स ने बताया कि उसकी गोद में ही उसके बच्चे की मौत हो गई।
एयरपोर्ट से लगा नाला लाशों और घायलों से पटा
मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि एयरपोर्ट से लगे नाले में लाशों और घायलों का ढेर लगा है। यहां पानी में शव पड़े हुए हैं। लोग अपनों को ढूंढ रहे हैं। एक दिन पहले ही इस नाले का वीडियो सामने आया था, जिसमें लोगों का हुजूम था। लोग एयरपोर्ट के अंदर जाने के लिए नाले में खड़े थे।
सभी विमानों को नाटो की सेना ने सुरक्षा घेरे में ले लिया
ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने दोनों धमाकों की पुष्टि की। सुरक्षा के लिए काबुल एयरपोर्ट से सभी उड़ानें रद्द कर दी गई हैं। सभी विमानों को नाटो सेना ने सुरक्षा घेरे में ले लिया है। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि यह फिदायीन हमला था और हमलावर के निशाने पर अमेरिकी और ब्रिटिश सैनिक थे। इटली के एक एयरक्राफ्ट पर भी फायरिंग की खबर है। इस एयरक्राफ्ट में इटली के अलावा कुछ और देशों के नागरिक थे।
बाइडेन ने इमरजेंसी मीटिंग बुलाई
काबुल एयरपोर्ट पर दो धमाकों के फौरन बाद अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन को इसकी जानकारी दी गई। CBS न्यूज ने व्हाइट हाउस के एक सूत्र के हवाले से कहा- राष्ट्रपति और उनकी नेशनल सिक्योरिटी टीम ने एक घंटे तक सिचुएशन रूम में मीटिंग की। विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन भी इस मीटिंग में मौजूद रहे। इसके अलावा ज्वॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ जनरल मार्क मिले भी राष्ट्रपति के साथ थे। अफगानिस्तान पर कुछ बड़ा फैसला लिया जा सकता है।
ट्रम्प की पार्टी ने कहा- बाइडेन के हाथ खून से रंगे हुए हैं
काबुल एयरपोर्ट पर धमाके के बाद डोनाल्ड ट्रम्प की रिपब्लिकन पार्टी के सीनेटर और पूर्व प्रवक्ता डेन क्रेनशॉ ने प्रेसिडेंट बाइडेन पर निशाना साधा। उन्होंने कहा- मिस्टर प्रेसिडेंट अब इस मामले को संभालिए जिसको आपने ही खड़ा किया है। इससे भागने की कोशिश मत कीजिए। आपके हाथ खून से रंगे हुए हैं। हम अब भी जंग के मैदान में हैं। इसे युद्ध का अंत समझने की गलती मत कीजिए। आपने दुश्मन को एक और फायदेमंद मौका दिया है।
एयरपोर्ट न जाएं अमेरिकी नागरिक
ब्लास्ट के करीब आधे घंटे बाद ही अमेरिका ने अपने नागरिकों को काबुल एयरपोर्ट न जाने और इस इलाके से दूर रहने की एडवाइजरी जारी की। काबुल स्थित अमेरिकी एम्बेसी ने अपने ट्विटर हैंडल पर इस एडवाइजरी को शेयर किया है। खास बात यह है कि बुधवार को ही एक अमेरिकी अफसर ने कहा था कि अगर अफगानिस्तान के अलग-अलग हिस्सों में कोई अमेरिकी है तो वो फौरन एम्बेसी से संपर्क करके काबुल एयरपोर्ट पहुंचे।
तालिबान ने वॉर्निंग दी थी
इससे पहले तालिबान ने अमेरिका को चेताया था कि 31 अगस्त तक वह किसी भी हाल में वह देश छोड़ दे। अमेरिका ने भी तय समय सीमा में देश से सेना हटाने की बात कही थी। हालांकि आज ही व्हाइट हाउस ने 31 के बाद भी जरूरत पड़ने पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाए जाने का ऐलान किया था। हालांकि, तालिबान के स्पोकस्पर्सन ने इस बात से इनकार किया था कि काबुल एयरपोर्ट पर किसी तरह के आतंकी हमले की आशंका है।
एयरपोर्ट के पास गुरुवार को हुए दो धमाकों से राजधानी काबुल लहू का दरिया बन गई। घटना के बाद एयरपोर्ट से लगे नाले में शवों और घायलों का ढेर लग गया। जब लोगों को निकाला गया तो नाले का पानी लाल हो गया। रिपोर्ट्स में बताया गया कि मृतकों की संख्या अभी और बढ़ सकती है। दूसरी तरफ घटना के बाद लोगों में दहशत फैल गई। आलम यह था कि जिसे जो मिला, उसी से अपनों को अस्पताल पहुंचाने में जुट गया।
हमले की आशंका थी
काबुल एयरपोर्ट पर अफरातफरी का माहौल है। गुरुवार को ही अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन ने काबुल एयरपोर्ट पर आतंकी हमले का बड़ा खतरा बताते हुए अपने नागरिकों से कहा था कि फिलहाल काबुल एयरपोर्ट पर नहीं जाएं और जो लोग एयरपोर्ट के बाहर मौजूद हैं वहां से तुरंत हट जाएं।
काबुल स्थित अमेरिकी दूतावास ने कहा है कि जो अमेरिकी काबुल एयरपोर्ट के अब्बे गेट, ईस्ट गेट या नॉर्थ गेट पर मौजूद हैं, वे फौरन वहां से हट जाएं और अगले निर्देश का इंतजार करें। ब्रिटेन ने आशंका जताई थी कि ISIS काबुल एयरपोर्ट पर हमला कर सकता है।