May 12, 2024

Bail Granted : कांग्रेस नेता मयंक जाट समेत पांच आरोपियों को हाईकोर्ट से मिली बडी राहत,जमानत याचिका स्वीकृत,गुरुवार को हो सकते है रिहा

रतलाम,21 दिसम्बर (इ खबरटुडे)। दस साल पुराने गैगवार के बहुचर्चित मामले में जिला न्यायालय द्वारा दोषसिद्ध करार दिए गए कांग्रेस नेता मयंक जाट समेत पांच अभियुक्तों को हाईकोर्ट से बडी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने पांचों अभियुक्तों की अपील को सुनवाई हेतु स्वीकार करते हुए उन्हे जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए है। मयंक के पक्ष के शेष दो अभियुक्तों को अभी जमानत नहीं मिली है,जबकि दूसरे पक्ष भदौरिया ग्रुप के चार आरोपी भी इसी मामले में जेल में बन्द है।

कांग्रेस नेता मयंक जाट,अमित जायसवाल,ऋषि जायसवाल,किशोर चौहान,भाजपा नेता यतेन्द्र भारद्वाज और योगेन्द्र की ओर से दायर जमानत याचिका पर बुधवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इन्दौर उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सत्येन्द्र कुमार सिंह ने छ: में से पांच याचिकाकर्ताओं को जमानत पर रिहा किए जाने का आदेश प्रदान किया,जबकि भाजपा नेता यतेन्द्र भारद्वाज की जमानत याचिका की सुनवाई आगे बढा दी गई है।

जिन पांच अभियुक्तों की जमानत याचिका स्वीकार की गई है,उनकी रिहाई संभवत: गुरुवार को होगी। इस पक्ष के कुल सात अभियुक्तों में से एक भूपेश नेगी की ओर से जमानत याचिका प्रस्तुत नहीं की गई थी। जबकि दूसरी ओर गैैंग वार के दूसरे पक्ष भदौरिया गुट के चार आरोपी भी इसी मामले में जेल में बन्द है। इनमें भाजपा पार्षद भगत भदौरिया भी शामिल है। इनकी ओर से अब तक जमानत याचिका प्रस्तुत नहीं की गई है।

कानून के जानकारों का कहना है कि एक पक्ष के पांच लोगों की जमानत स्वीकृत हो जाने के बाद इस प्रकरण के अन्य अभियुक्तों को भी आसानी से जमानत मिलने की संभावना है।

उल्लेखनीय है कि दोनो गुटों के कुल ग्यारह आरोपियों को विगत 26 नवंबर को जिला न्यायालय के तृतीय अतिरिक्त जिला न्यायाधीश लक्ष्मण वर्मा ने दोषसिद्ध करार दिया था। इन सभी को करीब दस वर्ष पूर्व हुए एक विवाद के मामले में सजा सुनाई गई थी। इस विवाद में दोनो पक्षों की ओर से धारदार हथियारों के साथ पिस्टल से भी फायर किए गए थे।

यह था मामला

दोनो ग्रुपो में खूनी संघर्ष की यह घटना करीब दस वर्ष पूर्व 29 जनवरी 2012 की रात करीब साढे दस बजे डाट की पुलिया क्षेत्र में शिखा बार के सामने हुई थी। इस संघर्ष में दोनो पक्षों ने एक दूसरे पर पिस्टल से फायरिंग करने और तलवार से प्राणघातक हमले करने के आरोप लगाए थे। पुलिस थाना औद्योगिक क्षेत्र पर क्रास रिपोर्ट दर्ज की गई थी।

पहला प्रकरण रितेश भदौरिया की रिपोर्ट पर दर्ज किया गया था,जिसमें यतेन्द्र भारद्वाज,ऋषि जायसवाल,अमित जायसवाल और मयंक जाट नामजद आरोपी बनाए गए थे और कुछ अन्य अज्ञात लोग आरोपी थे। इस प्रकरण के अनुसंधान के बाद पुलिस ने इसमें इन चारों के अलावा भूपेश नेगी,किशोर चौहान,यौगेन्द्र सिंह और रमेश सिंधी (कुल आठ) को भी आरोपी बनाया था और सभी के विरुद्ध भादवि की धारा 307,147,148,149 के तहत प्रकरण दर्ज किया था।

दूसरा प्रकरण कांग्रेस के महापौर पद के प्रत्याशी रहे मयंक जाट की रिपोर्ट पर दर्ज किया गया था। मयंक जाट की रिपोर्ट पर पुलिस ने भाजपा पार्षद भगत भदौरिया,रितेश भदौरिया,रितेश नाथ उर्फ कालू,रवि मीणा और शरद भाटी के विरुद्ध भादवि की धारा 307,147,148,149 के तहत प्रकरण दर्ज किया था। दोनो पक्ष के लोगों ने अवैध पिस्टल से फायरिंग की थी और तलवारों से दूसरे पक्ष के लोगों पर जानलेवा वार किए थे। दोनो प्रकरणों के कुल तेरह आरोपियों में से रितेश भदौरिया और रमेश सिंधि की प्रकरण के विचारण के दौरान मृत्यु हो गई परिणामत: कुल ग्यारह अभियुक्तों का विचारण किया गया था।

तकनीकी आधारों पर न्यायालय द्वारा सभी आरोपियों को विगत 26 नवंबर को सजा सुनाई गई थी। तभी से सभी अभियुक्त जेल में थे जिनमे से पांच को करीब छब्बीस दिनों के बाद न्यायालय से राहत मिल गई है।

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