November 22, 2024

India GDP Growth Rate: भारत की जीडीपी में आई रेकॉर्ड तेजी, पहली तिमाही में ही 20.1 फीसदी की दर से बढ़ी अर्थव्यवस्था

नई दिल्ली,31अगस्त(इ खबर टुडे)। कोरोना काल में सबसे तगड़ा झटका देश की जीडीपी को लगा था। अब इसमें सुधार दिखने लगा है। मंगलवार को सरकार की तरफ से जीडीपी के ताजा आंकड़े जारी किए गए। वित्त वर्ष 2022 की पहली तिमाही यानी अप्रैल 2021 से जून 2021 में भारत की जीडीपी की ग्रोथ में 20.1 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई है।

आंकड़ों के अनुसार 2021-22 के पहली तिमाही में जीडीपी 32.38 लाख करोड़ रुपये रही है, जो 2020-21 की पहली तिमाही में 26.95 लाख करोड़ रुपये थी। यानी साल दर साल के आधार पर जीडीपी में 20.1 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। पिछले साल 2020-21 की पहली तिमाही में भारत की जीडीपी में 23.9 फीसदी की गिरावट आई थी।

रिजर्व बैंक के अनुमान के बेहद करीब
एसबीआई की ईकोरैप रिसर्च रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया था कि मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में देश की जीडीपी की दर 18.5 फीसदी रह सकती है। वहीं भारतीय रिजर्व बैंक का अनुमान था कि पहली तिमाही में अर्थव्यवस्था 21.4 फीसदी की दर दिखा सकती है। अभी सरकारी आंकड़ों के अनुसार जीडीपी ग्रोथ रेट 20.1 फीसदी है, जो रिजर्व बैंक के अनुमान के बेहद करीब है। जीडीपी की इतनी शानदार ग्रोथ रेट ये संकेत दे रही है कि भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से सुधर रही है।

क्या है सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी?
ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट यानी सकल घरेलू उत्पाद किसी एक साल में देश में पैदा होने वाले सभी सामानों और सेवाओं की कुल वैल्यू को कहते हैं। जीडीपी किसी देश के आर्थिक विकास का सबसे बड़ा पैमाना है। अधिक जीडीपी का मतलब है कि देश की आर्थिक बढ़ोतरी हो रही है। अगर जीडीपी बढ़ती है तो इसका मतलब है कि अर्थव्यवस्था ज्यादा रोजगार पैदा कर रही है। इसका यह भी मतलब है कि लोगों का जीवन स्तर भी आर्थिक तौर पर समृद्ध हो रहा है। इससे यह भी पता चलता है कि कौन से क्षेत्र में विकास हो रहा है और कौन सा क्षेत्र आर्थिक तौर पर पिछड़ रहा है। चीन की इकॉनमी जुलाई-सितंबर तिमाही में 4.9 फीसदी की दर से बढ़ी जबकि अप्रैल-जून तिमाही में इसमें 3.2 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी।

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