July 3, 2024

‘नंदीग्राम चुनाव में गड़बड़ी’…ममता बनर्जी के आरोप खारिज, EC ने 6 पन्नों में दिया जवाब, अब आचार संहिता उल्लंघन पर ऐक्शन!

नंदीग्राम,04 अप्रैल (इ खबरटुडे)। नंदीग्राम चुनाव में मतदान के दौरान (Nandigram Polling) एक पोलिंग बूथ पर ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) का रवैया कठघरे में है। इस मामले में उन्हें चुनाव आयोग से झटका (EC on Mamata Banerjee) लगा है। आयोग ने यहां गड़बड़ी के उनके आरोपों को खारिज कर दिया है। साथ ही ईसी ने छह पन्नों में ममता को जवाब देते हुए कहा है कि उनकी शिकायत तथ्यों से परे है। आयोग ने संकेत दिए हैं कि उनके खिलाफ आदर्श आचार संहिता उल्लंघन और जनप्रतिनिधित्व कानून की धाराओं में कार्रवाई हो सकती है।

चुनाव आयोग ने ममता के आरोप नकारे

ममता बनर्जी और चुनाव आयोग के बीच लगातार टकराव देखा जा रहा है। बंगाल में आठ चरण के मतदान पर ममता ने सवाल उठाए। वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आदेशों के तहत पक्षपात का आरोप भी लगाया है। चुनाव आयोग ने ममता के आरोपों को सिरे से नकार दिया है। बंगाल में 1 अप्रैल को दूसरे चरण की वोटिंग में नंदीग्राम में तनाव दिखा था। यहां बीजेपी के सुवेंदु अधिकारी ममता बनर्जी को टक्कर दे रहे हैं।

बूथ नंबर 7 पर गड़बड़ी के आरोप किए खारिज

ममता के नंदीग्राम में एक सरकारी स्कूल में बने पोलिंग बूथ नंबर 7 पर गड़बड़ी के आरोप लगाए थे। आयोग ने इस पर छह पन्नों में जवाब दिया है। आयोग ने सुबह साढ़े 5 बजे मॉक ड्रिल, फिर 7 बजे मतदान की शुरुआत से लेकर मतदान खत्म होने तक का सिलसिलेवार ब्योरा दिया है। आयोग ने ममता के आरोपों को खारिज करते हुए सीसीटीवी फुटेज का हवाला देते हुए कहा है कि पूरी वोटिंग के दौरान बीजेपी, सीपीएम और एक निर्दलीय कैंडिडेट के एजेंट बूथ के अंदर थे। ड्यूटी पर तैनात पैरा मिलिट्री फोर्स के जवान ना तो बूथ के अंदर गए ना ही किसी मतदाता को अंदर जाने से रोका।

दो घंटे पोलिंग बूथ पर भी फंसी थीं ममता

नंदीग्राम में वोटिंग के दौरान एक पोलिंग बूथ पर बीजेपी और टीएमसी वर्कर्स में तनातनी हो गई थी। इस दौरान ममता पोलिंग बूथ के अंदर कथित रूप से दो घंटे तक फंस गई थीं। बाद में उन्हें सुरक्षा बलों ने बाहर सुरक्षित निकाला था। ममता ने चुनाव के दौरान आयोग पर कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर फेल रहने का आरोप लगाया था। ममता ने गवर्नर को फोन करके भी मदद मांगी थी।

‘क्या ऐक्शन संभव, इस पर अलग से जांच जारी’

आयोग ने कहा, ‘इस बात की अलग से जांच की जा रही है कि क्या एक अप्रैल की घटनाओं में जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 131 और 123 (2) या आदर्श आचार संहिता के तहत कोई कार्रवाई हो सकती है।’
बताते चलें कि जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 131 के तहत पोलिंग बूथ या उसके आसपास गलत आचरण करने पर तीन महीने की जेल या जुर्माने की सजा दी जा सकती है। गुरुवार को ममता बनर्जी ने आरोप लगाया था कि चुनाव आयोग अमित शाह के निर्देशों पर काम कर रहा है। वहीं सुबह से टीएमसी की ओर से दी गई 63 शिकायतों पर विचार नहीं किया गया।

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