July 3, 2024

CWG 2018: आक्रामक साइना ने जीता राष्ट्रमंडल महिला एकल का स्वर्ण

India's Saina Nehwal waves after winning her women's singles badminton bronze medal match against China's Wang Xin at the London 2012 Olympic Games at the Wembley Arena August 4, 2012. Nehwal won the bronze medal after Wang retired hurt with a knee injury. REUTERS/Toru Hanai (BRITAIN - Tags: SPORT BADMINTON SPORT OLYMPICS)

गोल्ड कोस्ट,15 अप्रैल(इ खबरटुडे)। साइना नेहवाल ने अपने आक्रामक खेल के सामने पी वी सिंधू की सारी कोशिशों को नाकाम करके आज यहां राष्ट्रमंडल खेलों में महिला एकल का स्वर्ण पदक जीता। आज के मैच से पहले सिंधू पर 3-1 का रिकार्ड रखने वाली साइना ने फिर से अपनी हमवतन प्रतिद्वंद्वी पर अपना दबदबा साबित किया तथा एक घंटे तक चले मैच में 21-18, 23-21 से जीत दर्ज की। इस जीत से साइना का वर्तमान राष्ट्रमंडल खेलों में शानदार अभियान का भी अंत हुआ।

दोनों खिलाडिय़ों की अलग अलग रणनीति के कारण मैच रोमांचक था
साइना ने भारत को इससे पहले टीम चैंपियनशिप का स्वर्ण पदक दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी। सिंधू की चोट के कारण उन्हें टीम स्पर्धा में प्रत्येक एकल मैच खेलना पड़ा था। मैच में दोनों खिलाडिय़ों ने अच्छी शुरूआत की लेकिन धीरे धीरे साइना ने दबदबा बनाना शुरू कर दिया। उन्होंने कोर्ट पर आक्रामकता दिखाई। सिंधू के कुछ करारे स्मैश का हालांकि उनके पास जवाब नहीं था। दूसरी तरफ सिंधू को उनके साइना के सधे हुए शाट से जूझना पड़ा। लंदन ओलम्पिक की कांस्य पदक विजेता ने पहले गेम में 9-4 की बढ़त बनायी। इसके बाद भी उन्होंने अंतर बनाए रखा और नेट के साथ साथ बेसलाइन पर भी अपनी पकड़ बना दी। दोनों खिलाडिय़ों की अलग अलग शैली के कारण मैच रोमांचक बन गया था।
सिंधू अपने शाट पर ताकत तो लगा रही थी लेकिन उन पर उसका नियंत्रण नहीं था। उन्होंने शटल बाहर मारकर कम से कम चार अंक गंवाए और वह ब्रेक तक 6-11 से पीछे चल रही थी। ब्रेक के बाद सिंधू ने अच्छी वापसी की लेकिन उनका स्ट्रोकप्ले साइना की तरह सधा हुआ नहीं था। साइना ने इसके अलावा प्रभावी तरीके से कोर्ट को भी संभाला। साइना जब 20-14 से आगे थी तब सिंधू ने अपना नैर्सिगक खेल दिखाया और वह 18-20 से अंतर कम करने में सफल रही। साइना ने हालांकि 23 मिनट में पहला गेम अपने नाम किया।

दूसरे गेम में सिंधू ने अपने स्मैश में सुधार किया और कोर्ट पर कवरेज भी उनकी बेहतर थी जिससे वह 9-7 से आगे हो गई जिसे ब्रेक तक उन्होंने 13-8 कर दिया। स्टेडियम खचाखच भरा था और दर्शकों को दो भारतीय खिलाडिय़ों के बीच रोमांचक मुकाबला देखने को मिला। सिंधू एक समय 19-16 से आगे थे लेकिन 64 स्ट्रोक की रैली से यह 18-19 हो गया। साइना ने इसके बाद स्कोर 19-19 से बराबर किया लेकिन सिंधू फिर से 20-19 से बढ़त बनाने में सफल रही। उनके पास पहली बार गेम प्वाइंट था। उन्होंने हालांकि शाट बाहर मार दिया जिससे साइना ने स्कोर बराबर कर दिया।
इसके बाद जब सिंधू का रिटर्न बाहर गया तो साइना के पास चैंपियनशिप प्वाइंट था लेकिन कोई भी खिलाड़ी हार मानने को तैयार नहीं थी और स्कोर फिर से 21-21 से बराबर हो गया। लेकिन साइना के क्रास कोर्ट स्मैश का सिंधू के पास जवाब नहीं था। इसके बाद स्वर्ण पदक के लिए र्सिवस करते हुए साइना ने सिंधू को शाट बाहर मारने के लिए मजबूर किया और फिर जीत का जश्न मनाने लगी।

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