Cheque Bounce : चैक बाउंस होने पर न्यायालय ने लगाया दुगुना अर्थदण्ड, एक साल के कारावास की सजा भी सुनाई
रतलाम,03 दिसम्बर (इ खबरटुडे)। रतलाम की एक अदालत ने चार लाख पिच्यासी हजार का चैक बाउंस होने पर अभियुक्त को जहां लगभग दुगुनी राशि अदा करने का आदेश दिया है,वहीं अभियुक्त को एक वर्ष के कारावास की सजा भी सुनाई है।
प्रकरण में परिवादी के अधिवक्ता पंकज बिलाला ने बताया कि जवाहर नगर निवासी परिवादी यशवन्त सिंह पिता रामरतन सिंह 42 ने धनजीबाई का नोहरा निवासी देवेन्द्र पिता नथुमल सोनी को 485000 रु. उधार दिए थे। उक्त राशि चुकाने के लिए देवेन्द्र ने पंजाब नेशनल बैैंक की धानमण्डी शाखा का एक चैक परिवादी को दिनांक 29 दिसम्बर 2011 को दिया था। जब परिवादी यशवन्त ने उक्त चैक बैैंक शाखा में प्रस्तुत किया,तो बैैंक ने उक्त चैक खाते में पर्याप्त राशि नहीं होने के कारण अनादृत कर दिया।
चैक बाउंस होने पर यशवन्त ने अभियुक्त देवेन्द्र से अपनी रकम की मांग की। लेकिन जब अभियुक्त ने उसकी रकम नहीं लौटाई तो उसने अपने अधिवक्ता पंकज बिलाला के माध्यम से न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी मनदीप कौर सेहमी के न्यायालय में परक्राम्य लिखत अधिनियम की धारा 138 के अन्तर्गत परिवाद प्रस्तुत किया।
प्रकरण पर विचारण के पश्चात विद्वान न्यायाधीश सुश्री सेहमी ने अभियुक्त को दोषसिद्ध करार देते हुए चैक की राशि 485000 के साथ इस राशि पर 9 प्रतिशत की दर से ब्याज राशि 4,36,500 रु. इस प्रकार कुल 9,21,500 रु.अदा करने का आदेश प्रदान किया। न्यायालय ने अभियुक्त देवेन्द्र को धारा 138 के प्रावधानों के तहत एक वर्ष के कारावास की सजा भी सुनाई है। आदेश अनुसार राशि अदा नहंी करने पर अभियुक्त को दो माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास भी भुगतना होगा।