June 16, 2024

Consumer Court Order : मेडीक्लेम की राशि का भुगतान नहीं करने पर स्टार हेल्थ इंश्योरैैंस कंपनी के खिलाफ उपभोक्ता कोर्ट का फैसला, परिवादी के उपचार में खर्च हुई राशि के साथ मानसिक संताप और वाद व्यय की राशि भी अदा करे इंश्योरैैंस कंपनी

रतलाम,22 मई (इ खबरटुडे)। बीमारी की दशा में कैशलैस उपचार का दावा करने वाली हेल्थ इंश्योरेंस कंपनिया बीमा करते समय तो उपभोक्ता को पूरी राशि के भुगतान के दावे करती है,लेकिन जब राशि चुकाने का मौका आता है तो येन केन प्रकारेण बीमीत व्यक्ति के क्लैम को निरस्त कर देती है। ऐसे ही एक मामले में जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम ने स्टार हेल्थ एण्ड एलायड इंश्योरेंस कंपनी के विरुद्ध निर्णय सुनाते हुए बीमीत व्यक्ति को उपचार पर खर्च की गई पूरी राशि का ब्याज सहित भुगतान करने का आदेश दिया है। उपभोक्ता फोरम ने बीमीत व्यक्ति को हुए मानसिक संताप की क्षतिपूर्ति राशि के साथ परिवाद पर हुए व्यय की राशि चुकाने का भी आदेश दिया है।

परिवादी के अधिवक्ता प्रकाश राव पंवार ने बताया कि कस्तूरबा नगर निवासी परितोष पिता अशोक चाष्टा ने स्टार हेल्थ एण्ड अलायड इंश्योरेंस कंपनी से मेडीक्लेम बीमा करवाया था,जो कि 26 मार्च 2022 से 25 मार्च 2023 तक के लिए था। अगस्त 2022 में परिवादी परितोष चाष्टा के पुत्र रन्वित चाष्टा का स्वास्थ्य अचानक खराब हुआ और उसे बडौदा के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। बडौदा के चिकित्सालय से परिवादी के पुत्र को 22 अगस्त 2022 को डिस्चार्ज कर दिया गया था,परन्तु दो दिन बाद ही बालक का स्वास्थ्य फिर से खराब हुआ और उसे फिर से 24 अगस्त 2022 को चिकित्सालय में भर्ती किया गया,जहां तीन दिन उपचार के बाद उसे छुट्टी दी गई।

परिवादी ने बीमा कंपनी को यथासमय बालक के अस्पताल में भर्ती होने और डिस्चार्ज होने की सूचना भी दे दी थी। इसके बाद परिवादी परितोष चाष्टा ने सारे आïवश्यक दस्तावेजों के साथ कुल 80,338 रु. का मेडीक्लैम बीमा कंपनी के समक्ष प्रस्तुत किया। कंपनी ने क्लैम के निराकरण के पूर्व परिवादी से कई दस्तावेज मांगे जिन्हे परिवादी ने यथासमय बीमा कंपनी को उपलब्ध भी करवा दिया। लेकिन इसके बाद भी स्टार हेल्थ इंश्योरैैंस कंपनी ने 18 जनवरी 2023 को परिवादी के मेडीक्लैम को निरस्त कर दिया।

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम के अध्यक्ष मुकेश कुमार तिवारी और सदस्य जयमाला संघवी ने परिवादी और बीमा कंपनी द्वारा प्रस्तुत तथ्यों और तर्को के विचारण के पश्चात बीमा कंपनी को यह माना कि बीमा कंपनी ने परिवादी के मेडीक्लैम को निरस्त कर घोर लापरवाही की है। उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष मुकेश कुमार तिवारी ने अपने निर्णय में कहा कि बीमा कंपनी को बीमीत व्यक्ति से सारे आवश्यक दस्तावेज एक बार में ही मांगना चाहिए परन्तु बीमा कंपनी ने परिवादी से बार बार अनावश्यक रुप से कई दस्तावेजों की मांग की। इसके बावजूद परिवादी द्वारा सारे दस्तावेज कंपनी को उपलब्ध करवाए गए। इससे यह साफ प्रतीत होता है कि बीमा कंपनी की इच्छा येन केन प्रकारेण बीमीत व्यक्ति के दावे को निरस्त करने की थी।

फोरम अध्यक्ष ने अपने फैसले में स्टार हेल्थ एण्ड एलायड इंश्योरेंस कंपनी के इस कृत्य को सेवा में त्रुटि मानते हुए परिवादी को बीमा राशि 80338 रु.,दावा निरस्ती दिनांक से अदायगी दिनांक तक 6 प्रतिशत ब्याज के साथ अदा करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही उपभोक्ता फोरम ने परिवादी को हुए मानसिक संताप के लिए पांच हजार रु. और परिवाद व्यय के रुप में दो हजार रु. परिवादी को पृथक से भुगतान करने का आदेश भी बीमा कंपनी को दिया है। उक्त प्रकरण में परिवादी की ओर से सफल पैरवी अभिभाषक प्रकाश राव पंवार और नीलेश शर्मा ने की।

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