CM योगी के सामने हर महकमा पेश करेगा ब्लू प्रिंट, आज शिक्षा विभाग की बारी
लखनऊ, 03 अप्रैल (इ खबरटुडे)। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार को 2 हफ्ते पूरे हो गए हैं. अब सीएम योगी आदित्यनाथ ने सभी विभागों के अफसरों से कामकाज का ब्योरा और ब्लू प्रिंट मांगना शुरू कर दिया है. 20 अप्रैल तक अफसर अपने विभाग की प्रजेंटेशन देंगे. आज सीएम योगी सीनियर ब्यूरोक्रेसी की पहली क्लास लेंगे. प्रमुख सचिव और सचिव स्तर के अधिकारी आज से अपने विभाग के कार्ययोजना की प्रजेंटेशन मुख्यमंत्री को देंगे.
ये प्रजेंटेशन बीजेपी के संकल्प पत्र के वादों के अनुसार तैयार की गई है. सोमवार को पहली प्रजेंटेशन शिक्षा विभाग को लेकर होगी. यानी सोमवार को CM के सामने उच्च शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, बेसिक शिक्षा, व्यवसायिक शिक्षा, प्राविधिक शिक्षा और कृषि शिक्षा जैसे विभागों की प्रजेंटेशन होगी. इस बैठक में इन विभागों के सभी आला अधिकारी और विभागध्यक्ष मौजूद रहेंगे. साथ ही इन विभागों के मंत्री भी मुख्यमंत्री के साथ बैठक में शामिल हो सकते हैं.
UPPSC के चेयरमैन तलब
सीएम योगी आदित्यनाथ ने भर्ती में गड़बड़ियों को लेकर UPPSC के चेयरमैन डॉ. अनिरुद्ध यादव को तलब किया है. एमएलसी दिनेश सिंह की शिकायत पर अनिरुद्ध यादव को तलब किया गया है. भर्ती में एक विशेष जाति को प्राथमिकता देने के आरोप लगे थे.
अफसरों को थमाया था संकल्प पत्र
शपथ लेने के अगले दिन ही आदित्यनाथ अफसरों के साथ बैठक कर उन्हें कहा कि वे बीजेपी का संकल्प पत्र पढ़ें और उसे लागू करें. बैठक मे दोनों उप मुख्यमंत्रियों के साथ सभी प्रमुख सचिव, विशेष सचिव, सचिव शामिल हुए थे. आगे की प्लानिंग और कार्य करने के निर्देश दिए गए थे. सरकार की प्राथमिकताओं के कार्यों की संभावना, प्लान और जरूरतों की पूरी रूपरेखा तैयार करने के आदेश दिए गए थे. उस बैठक में कैबिनेट की पहली बैठक मे जिन-जिन वायदों को लागू करना है उनके बारे मे पूरा ब्योरा और तैयारी का तरीका तैयार करने को कहा गया. सभी विभागों मे अब तक किए गए कार्यों की समीक्षा रिपोर्ट तैयार करने को कहा गया था.
बुंदेलखंड में पेयजल के लिए दिए 47 करोड़
इस बीच मुख्यमंत्री ने बुंदेलखंड क्षेत्र में पेयजल उपलब्ध कराने के लिए तात्कालिक तौर पर 47 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत करते हुए कहा है कि आवश्यकतानुसार राज्य सरकार इस मद में अतिरिक्त धनराशि भी उपलब्ध कराएगी. उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि किसी भी स्थिति में बुंदेलखंड की जनता एवं उसके पशुधन को पेयजल की कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए.