Human Trafficking : नागपुर की युवती को खरीदकर लाए 16 महिने छुपाकर बच्चा होते ही लावारिस छोड़ा, मुख्य आरोपी सहित दो हिरासत में
उज्जैन,11 नवंबर (इ खबर टुडे /ब्रजेश परमार ) । नागपुर निवासी एक युवती को उज्जैन जिले की तराना तहसील काठबडोदा गांव का नामक युवक खरीदकर लाया और उसे घर में 16 महीने छुपाकर रखा, युवती को बच्चा होने पर उसने बच्चे को अपने पास रखा और युवती को देवासगेट क्षेत्र में लावारिस हालत में बेहोशी की अवस्था में छोड़कर चला गया। पुलिस ने दो दिन युवती का उपचार करवाया। युवती के होंश में आने पर पुरी कहानी सामने आई,उसे वन स्टॉप सेंटर पर भिजवाया गया है। पुलिस ने पांच आरोपियों के विरूद्ध भादवि की धारा 376,365,370,344 में प्रकरण दर्ज कर मुख्य आरोपी सहित एक अन्य को हिरासत में लिया है।
एएसपी शहर रविन्द्र वर्मा के अनुसार देवासगेट थाना पुलिस को 19 वर्षीय युवती 6 नवंबर को देवासगेट पर बेहोंशी एवं बीमार स्थिति में लावारिस हालत में मिली थी। जिसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया था,उपचार के बाद उसे वन स्टाप सेंटर भिजवाया गया था।युवती से बाद में वन स्टाप सेंटर एवं पुलिस को जानकारी देते हुए बताया कि बच्चे की चाह में तराना तहसील कायथा के समीप ग्राम कांठबडौदा के राजपालसिंह नामक व्यक्ति ने 16 महिने पहले उसे खरीदकर उज्जैन लाया था। पीड़ित युवती ने पुलिस को बताया है कि खरीद-फरोख्त करने वाले व्यक्ति ने सबसे पहले पानबिहार के पास उज्जैनिया गांव में अपनी बहन के यहां रखा था। यहीं पर हुई सौदेबाजी के बाद उसे अगले दिन अपने साथ कार में कायथा लेकर गया था। काठबड़ौद गांव में प्रभावशाली होने के कारण उसके घर में कोई गांव का व्यक्ति नही आता है।उसके बाद से घर में ही छुपा कर रखा और जब उसे बच्चा हुआ तो बच्चे को अपने पास रख उस व्यक्तिने युवती को देवासगेट पर छोड़ दिया। चूकिं युवती को बच्चा ऑपरेशन से हुआ था, इसलिए उसे इनफेंक्शन हो गया है। युवती जब गर्भवती हुई तो उसे घर में ही छुपा कर रखा था। लेकिन गांव वालों को यह अहसास ना हो कि बच्चा किसका है इसलिए उसने अपनी पत्नी के पेट पर तकिया बांधकर यह दर्शाया कि उसकी पत्नी ही गर्भवती है। जब युवती को डिलेवरी होने वाली थी तो उसे देवास के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया, जहां आरोपी ने अपनी पत्नी के नाम से युवती को भर्ती करवाया और ऑपरेशन से बच्चा होने के बाद युवती से मुंह फेर लिया। पीडिता ने यह भी बताया कि ऑपरेशन के बाद पत्नी बच्चे को जन्म नहीं दे सकती थी, इसलिए उसने पत्नी और घरवालों की सहमति से बच्चा पैदा करने के लिए उसे खरीदा। आरोपी की पत्नी अक्सर उसके साथ मारपीट करती थी और पति के साथ रहने के लिए कहती थी। जब मैं गर्भवती हुई तो वह व्यक्ति अपनी पत्नी के पेट पर तकिया बांधकर रखता था, ताकि लोगों को लगे कि वह गर्भवती है। युवती ने वन स्टॉप सेंटर को बताया कि वह नागपुर की रहने वाली है, उसके माता-पिता नही है, केवल एक छोटा भाई है। नागपुर की चंदा नामक महिला ने उसे शादी का भरोसा दिया और उसे यहां लेकर आई थी। यहां उसका सौदा कर वह चली गई। उसके बाद से मुझे घर में ही रखा जाता था। सूत्रों से पता चला है कि आरोपी की पत्नी को दो बच्चे हुए थे इसके बाद उसने पत्नी की नसबंदी करवा दी थी। इस बीच बच्चे मर गए, इसलिए अपने खुद के बच्चा पैदा करने के लिए एक युवती को शिकार बनाया गया।
युवती के अनुसार अपनी पत्नी को बच्चे नही होने पर आरोपी ने इस प्रकार की योजना बनाई और नागपुर से युवती को खरीदकर लाने के बाद उसे घर में 16 महिने तक छुपाकर रखा। जब भी युवती को अस्पताल ले जाना होता तो अपने चौपहिया वाहन में पिछली सीट पर लेटाकर ले जाता, ताकि कोई देख ना ले। इस दौरान आरोपी की पत्नी भी खुद को प्रेग्नेंट दर्शाने के लिए तकिये के सहारा लेती रही। पीड़ित युवती ने बताया कि देवास के निजी अस्पताल में डिलीवरी के समय मेरी जगह आरोपी ने अपनी पत्नी का नाम लिखवाया, ताकि बच्चे के जन्म प्रमाण पत्र में उसकी पत्नी का नाम रहे। दशहरे पर बच्चे को जन्म देते ही कुछ लोग कार से उज्जैन छोड़कर धमकी देकर चले गए कि अब दिखाई मत देना, यह बात किसी को बताई तो जान से मार देंगे।
एएसपी वर्मा के अनुसार काठबड़ौद में रहने वाले मुख्य आरोपी राजपालसिंह एवं उसके एक सहयोगी को पुलिस ने हिरासत में लिया है। मुख्य आरोपी का कायथा थाने में आपराधिक रेकार्ड है।