November 16, 2024

भाजपा की सूची से जिले में साफ हुई चुनावी द्वंद की स्थिति ;महिदपुर से बहादुरसिंह चौहान,उज्जैन उत्तर से अनिल जैन कालूहेडा,बडनगर से जितेन्द्र पंडया

उज्जैन, 21अक्टूबर( ब्रजेश परमार / इ खबर टुडे)। नाम निर्देशन पत्र के पहले दिन भाजपा ने जिले में अपने शेष तीन उम्मीदवारों का भी खुलासा कर दिया है। इससे जिले में चुनावी द्वंद बिलकुल साफ हो गया है। भाजपा की जारी सूची में उज्जैन जिले के महिदपुर विधानसभा क्षेत्र से बहादुरसिंह चौहान,उज्जैन उत्तर से अनिल जैन कालूहेडा,बडनगर से जितेन्द्र पंडया,आलोट से पूर्व सांसद चिंतामणि मालवीय को मैदान में उतारा गया है।

भाजपा ने क्षेत्रीय स्तर पर सभी समीकरणों को साधने की कवायद सूची में की है। उज्जैन संसदीय क्षेत्र की 08 विधानसभा क्षेत्र में जातियगत,मतदाता आधारित एवं सामाजिक सभी समीकरणों को महत्व देते हुए प्रत्याशी घोषित किए गए है। पूर्व की ही पार्टी जिले में तराना से पूर्व विधायक ताराचंद गोयल ,घटिट्या सीट से पूर्व विधायक सतीश मालवीय,नागदा-खाचरोद से डा.तेजबहादुरसिंह चौहान,उज्जैन दक्षिण से मोहन यादव को अपना प्रत्याशी घोषित कर चुकी है।

उज्जैन संसदीय क्षेत्र : किस का मुकाबला किससे

नागदा-खाचरौद

यहां कांग्रेस के 4 बार के विधायक दिलीप गुर्जर का सामना भाजपा के संगठन मे काम करने वाले डा. तेजबहादुरसिंह चौहान से होगा। इस विधानसभा में जहां भाजपा से बगावत कर विधि प्रकोष्ठ के संयोजक लोकेन्द्र मेहता मैदान में निर्दलीय उतर रहे हैं तो भाजपा के पूर्व विधायक दिलीपसिंह शेखावत भी टिकिट वितरण पर पूर्व में विरोध जता चुके हैं। बाद में संगठन ने उन्हें कैलाश विजयवर्गीय के माध्यम से समझाया है।

महिदपुर

यहां कांग्रेस ने अपनी और से दिनेश जैन बोस को मैदान में उतारा है। जैन को यहां कांग्रेस के ही कुछ दावेदार भीतरघात कर नुकसान पहुंचा सकते हैं। भाजपा की और से तीन बार के विधायक बहादुरसिंह चौहान को एक बार फिर मैदान में उतारा गया है। भाजपा में प्रतापसिंह आर्य ने खुली बगावत का बिगुल बजा दिया है। वे जिला पंचायत में निर्दलीय चुनाव लडकर पहुंचे थे। इसके साथ ही महिदपुर क्षेत्र में लगने वाली जिला पंचायत की चारों सीटें पंचायत चुनाव में भाजपा हार गई थी।

तराना

यहां कांग्रेस के वर्तमान विधायक महेश परमार का मुकाबला भाजपा के पूर्व विधायक ताराचंद गोयल 2003-08 से होगा। महेश को यहां कोई खतरा नहीं है । उनको छोडकर कांग्रेस से यहां से किसी ने कोई दावा नहीं किया था। उनकी अपेक्षा भाजपा के गोयल को भीतरघात का खतरा बना हुआ है।कांग्रेस ने यहां से परंपरागत बाहुल्य मतदाता क्षेत्र बलाई समाज को ही प्रतिनिधित्व दिया है जबकि भाजपा ने यहां से वाल्मिकी समाज को ।

घटिट़या

यहां से कांग्रेस ने तीन बार के विधायक रामलाल मालवीय को मैदान में उतारा है ,जबकि उनके सामने भाजपा ने पूर्व विधायक सतीश मालवीय 2013-18 को। दोनों ही मालवीय बलाई समाज से संबंधित हैं।यहां कांग्रेस को किसी प्रकार के भीतरघात की कोई आशंका नहीं है वहीं भाजपा प्रत्याशी भी पूरी तरह से आश्वस्त हैं।

उज्जैन उत्तर

कांग्रेस की और से नया चेहरा माया राजेश त्रिवेदी के रूप में सामने लाया गया है। वे इससे पूर्व कांग्रेस से बगावत कर चुनाव लड चुकी हैं और 4 बार से पार्षद हैं। उनके नाम की घोषणा पर कांग्रेस में विरोध की स्थिति बनी थी और दावेदार विक्की यादव बगावत कर आप में शामिल होकर चुनाव लड रहे हैं। भाजपा ने भी यहां से नए चेहरे के रूप में अनिल जैन कालूहेडा को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। वे पहली बार चुनावी मैदान में आए हैं। 6 बार के विधायक पारसचंद्र जैन ने पिछली बार ही कह दिया था कि यह अंतिम बार है। इसके चलते उनका टिकिट कटना तय माना जा रहा था। उनके साथ ही यहां से भाजपा के 6 दिग्गजों ने टिकिट की मांग करते हुए जोर अजमाईश की थी। इस बार उत्तर में द्वंद ब्राम्हण विरूद्ध जैन के रूप में देखी जा रही है।

उज्जैन दक्षिण

कांग्रेस ने युवा चेतन प्रेमनारायण यादव पर अपना दाव खेला है। वे पूर्व में पार्षद रहे हैं। उन्हें पैतृक रूप से राजनीति मिली है।लंबे समय बाद वे चुनावी मैदान में आए हैं।भाजपा की और से दो बार के विधायक मोहन यादव मैदान में रहेंगे। कांग्रेस प्रत्याशी को भीतरघात का खतरा हो सकता है। इस सीट पर पिछले चार चुनाव से कांग्रेस के निर्दलीय अपनी ही पार्टी के प्रत्याशी को आघात पहुंचाते रहे हैं।

बडनगर

कांग्रेस की और से नए चेहरे राजेन्द्र सिंह सोलंकी को मैदान में उतारा गया है। अभिभाषक पेशे से जुडे सोलंकी इससे पूर्व जिला पंचायत सदस्य रह चुके हैं। उन्हें चुनावी मैदान का पूरा ज्ञान है।पूर्व विधायक मुरली मोरवाल का टिकिट पार्टी ने यहां से काट कर यह निर्णय लिया है। उनके विरोध की स्थिति बनने की बात सामने आ रही है।उनके सामने भाजपा ने पूर्व विधायक उदयसिंह पंडया के पूत्र जितेन्द्र पंडया को मैदान में उतारा है। यहां ठाकुर और औदिच्य ब्राम्हण प्रत्याशियों के बीच सीधी टक्कर तय है।पंडया पहली बार चुनाव मैदान में उतरेंगे इससे पूर्व उन्हें संगठन का ही अनुभव रहा है।

आलोट

कांग्रेस विधायक मनोज चावला का मुकाबला भाजपा के पूर्व सांसद डा.चिंतामणि मालवीय से होगा।कांग्रेस को यहां से निर्दलीय चुनाव लडने की घोषणा कर चुके प्रेमचंद गुडडू नुकसान पहुंचा सकते हैं।

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