February 6, 2025

Application for error correction/जिले में शुद्धिकरण पखवाड़े की तैयारियां,राजस्व अभिलेख में त्रुटि सुधार के लिए आवेदन करें

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कलेक्टर ने बैठक लेकर की समीक्षा

रतलाम,08 अक्टूबर (इ खबरटुडे)।राज्य शासन के निर्देश अनुसार रतलाम जिले में भी आगामी 1 नवंबर से 15 नवंबर तक शुद्धिकरण पखवाड़ा मनाया जाएगा। इस दौरान राजस्व अभिलेखों में त्रुटि सुधार किए जाएंगे। कोई भी व्यक्ति अपने राजस्व अभिलेख में त्रुटि सुधार के लिए आवेदन कर सकता है।

आवेदन अपनी ग्राम पंचायत के अलावा तहसील या कलेक्टर ऑफिस में भी किया जा सकता है। कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने शुद्धिकरण पखवाड़े की तैयारियों को लेकर एक बैठक कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित की। कलेक्टर ने निर्देश दिए कि प्रत्येक ग्राम पंचायत में राजस्व विभाग एक व्यक्ति नियत करें जो आवेदन लेकर त्रुटि सुधार का कार्य करवाएगा।

अपर कलेक्टर एम.एल. आर्य, सीईओ जिला पंचायत श्रीमती जमुना भिड़े सहित जिले के एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार तथा राजस्व निरीक्षक बैठक में उपस्थित थे।

कलेक्टर ने निर्देश दिए कि शासन के निर्देश अनुसार शुद्धिकरण पखवाड़े को सफलतापूर्वक आयोजित करना है। इस कार्य में शत-प्रतिशत सफलता से जिले में 90 प्रतिशत राजस्व अभिलेखों की त्रुटियों संबंधी समस्याओं का निराकरण हो जाएगा और आम आदमी की बड़ी समस्या हल हो जाएगी। कलेक्टर ने निर्देश दिए कि शुद्धिकरण पखवाड़े की तैयारी के लिए अगले 7 दिनों में सभी राजस्व अधिकारी फील्ड वर्क पूरा कर ले। कलेक्टर ने कहा कि यह पहली बार है कि डाटा राज्य स्तर पर मौजूद है और आप राजस्व अधिकारी जो भी कार्य करेंगे और राज्य स्तर पर ऑनलाइन दिखेगा। शुद्धिकरण पखवाड़े के सफलतापूर्वक आयोजन के लिए राजस्व अधिकारियों की प्रत्येक शुक्रवार बैठक आयोजित की जाएगी और समीक्षा होगी।

इस पखवाड़े में मुख्य रूप से फौती नामांतरण और भूमि स्वामी का नाम आधार कार्ड अनुसार सुधारा जाएगा जिससे किसान को शासन की योजनाओं का लाभ मिलने में दिक्कत नहीं हो। शुद्धिकरण पखवाड़े के दौरान राजस्व रिकॉर्ड में उपलब्ध समानता एवं रिकॉर्ड की त्रुटियों को सुधारा जाएगा। इनमें फौती नामांतरण, भूमि स्वामी नाम सुधार, खसरा, रकबा एवं नक्शा संबंधी त्रुटियों का सुधार, व्यापवर्तन डाटा, एंट्री डाटा, परिमार्जन, खसरा क्षेत्रफल सुधार, रिक्त भूमि स्वामी, सक्रिय एवं मूलबटक मिसिंग खसरा, भूमि प्रकार एवं भूमि स्वामी प्रकार संशोधन, अल्फान्यूमैरिक खसरा तथा नक्शा तरमीम सम्मिलित है।

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