panchayat elections : MP में नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव के संबंध में सभी पक्षों को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित
भोपाल,17मई(इ खबर टुडे)। सुप्रीम कोर्ट ने नगरीय निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण के बिना चुनाव कराने के आदेश में संशोधन की शिवराज सिंह चौहान सरकार की याचिका पर मंगलवार को सुनवाई की। कोर्ट ने सरकार के तथ्यों को सुनने के बाद कुछ और जानकारी मांगी है। कोर्ट बुधवार या गुरुवार को फिर मामले में सुनवाई करेगा।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पहल पर सरकार ने मोडिफिकेशन ऑफ ऑर्डर आवेदन सुप्रीम कोर्ट में पेश किया था, जिस पर कोर्ट मंगलवार को सुनवाई की। सरकार की मोडिफिकेशन ऑफ ऑर्डर के आवेदन कांग्रेस नेता सैयद जफर ने ट्वीट किया कि सरकार के कोर्ट में लगाए 946 पेज में 860 पेज अनुपयोगी है। सरकार की नाकामी के कारण ओबीसी वर्ग को अब कोर्ट के निर्देश पर प्रदेश स्तरीय आरक्षण देना संभव नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने पुराने आदेश में कहा है कि पूरे प्रदेश में सरकार एक समान आरक्षण नहीं दे सकती। सरकार को जनपद-वार ओबीसी वर्ग को आरक्षण देना है। सरकार ने अपने आवेदन में कही भी जनपद-वार ओबीसी आबादी का उल्लेख नहीं किया है। सैयद जफर ने कहा कि प्रदेश सरकार बयानों में तो ओबीसी वर्ग की हितैषी बन रही है, लेकिन नियम कानून में ओबीसी वर्ग के लिए कोई काम नहीं कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि ओबीसी आरक्षण खत्म होना प्रदेश सरकार की बड़ी प्रशासनिक चूक या षडयंत्र है।
ओबीसी को 27% सीट देने का ऐलान
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने ओबीसी आरक्षण खत्म करने का आरोप एक-दूसरे पर लगाना शुरू कर दिया। दोनों ही राजनीतिक दलों ने बिना आरक्षण के चुनाव होने पर ओबीसी वर्ग को साधने के लिए 27 प्रतिशत टिकट ओबीसी नेताओं को देने का ऐलान किया था।
राज्य निर्वाचन आयोग ने तेज की तैयारी
राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव कराने की तैयारी तेज कर दी है। आयुक्त बसंत प्रताप सिंह ने सभी जिलों के कलेक्टर्स के साथ बातचीत की। उन्होंने साफ कहा कि दोनों ही चुनाव जून माह में करा लिए जाएंगे। पंचायत चुनाव बैलेट पेपर और नगरीय निकाय चुनाव ईवीएम से होंगे।