September 20, 2024

Court Order : उपभोक्ता फोरम के आदेश की लगातार अवहेलना करने पर रिलायंस निप्पोन लाइफ इंश्योरैैंस का शाखा प्रबन्धक गिरफ्तार ; जेल जाने के डर से बीमा रशि के भुगतान को तैयार हुई कंपनी

रतलाम,31 जुलाई (इ खबरटुडे)। बीमीत व्यक्ति की मृत्यु के बाद बीमा राशि का भुगतान नहीं करने पर उपभोक्ता फोरम ने रिलायंस निप्पोन लाइफ इंश्योरैैंस कंपनी को बीमा राशि का भुगतान करने का आदेश दिया था। लेकिन बीमा कंपनी करीब दस महीने तक फोरम के आदेश की अवहेलना करती रही। आखिरकार परिवादी के निवेदन पर बीमा कंपनी के मैनेजर को गिरफ्तार करके लाया गया,तब जाकर जेल जाने से बचने के लिए बीमा कंपनी बीमा राशि करीब सात लाख रु.का भुगतान करने को राजी हुई।

परिवादी के अभिभाषक रोहित कटारिया ने बताया कि रतलाम निवासी स्व.विक्रमसिंह चन्द्रावत ने 24 जनवरी 2020 को रिलायंस निप्पोन लाइफ इंश्योरैैंस कंपनी से स्वयं के जीवन पर 6 लाख 77 हजार 556 रु. की एक जीवन बीमा पालिसी,15 वर्ष की बीमा अवधि केलिए ली थी। इस बीमा पालिसी की प्रीमीयम अदायगी की अवधि 5 वर्ष थी। बीमीत व्यक्ति विक्रमसिंह चन्द्रावत की कोरोना संक्रमण के कारण दिनांक 16 जनवरी 2020 को मृत्यु हो गई। स्व.विक्रमसिंह की मृत्यु के बाद उनकी पत्नी परिवादिनी श्रीमती रामकुंवर बाई पति विक्रम सिंह ने बीमा राशि के भुगतान के लिए रिलायंस निप्पोन इंश्योरैैंस कंपनी के समक्ष बीमा दावा प्रस्तुत किया। लेकिन बीमा कंपनी ने उक्त बीमा दावे को दिनांक 31 दिसम्बर 2020 को यह कहते हुए निरस्त कर दिया कि बीमीत व्यक्ति बीमा होने से पहले ही क्रानिक हिमेटोमा और हायपरटेंशन से पीडीत थे। जबकि बीमा कंपनी ने बीमा करने से पहले स्व.विक्रमसिंह का पूरा मेडीकल चैकअप करवाया था और तभी उनका बीमा किया गया था।

बीमा कंपनी द्वारा बीमा निरस्त करने से व्यथित होकर श्रीमती रामकुंवर ने जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम में पिरवाद प्रस्तुत किया। परिवाद प्रचलित रहने के दौरान परिवादिनी श्रीमती रामकुंवर की मृत्यु हो गई। इसके बाद श्रीमती रामकुंवर के विधिक प्रतिनिधि श्रीमती भारती कुंवर पति चन्दनसिंह नि.नीमच,श्रीमती आरती पिता स्व.विक्रमसिंह और श्रीमती ज्योति पिता स्व. विक्रमसिंह नि.महालक्ष्मी नगर रतलाम ने उक्त परिवाद को चलाया। जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम के अध्यक्ष मुकेश तिवारी ने परिवाद की सुनवाई के पश्चात बीमा कंपनी द्वारा बीमा दावा निरस्त किए जाने को सेवा में कमी मानते हुए 22 सितम्बर 2023 को परिवादी के पक्ष में आदेश पारित किया। अपने आदेश में श्री तिवारी ने बीमा कंपनी को बीमा राशि के 6,77,556 रु.,मानसिक त्रास के लिए 30,000 रु.,और सूचना पत्र व परिवाद व्यय के लिए 2000 रु. इस प्रकार कुल सात लाख 9 हजार 556 रु. परिवादीगण को भुगतान करने का आदेश प्रदान किया।

उपभोक्ता फोरम के विद्वान अध्यक्ष व सदस्य ने उक्त राशि आदेश दिनांक से 60 दिन की अवधि में भुगतान करने का आदेश दिया था। आदेश में यह भी कहा गया था कि यदि निर्धारित अवधि में राशि का भुगतान नहीं किया जाता तो इस राशि पर 8 प्रतिशत की दर से ब्याज जोडकर भुगतान करना होगा। जिला उपभोक्ता फोरम के सुस्पष्ट आदेश के बावजूद रिलायंस निप्पोन लाइफ इंश्योरैैंस कंपनी ने बीमा राशि का भुगतान परिवादीगण को नहीं किया। इससे व्यथित होकर परिवादीगण ने फिर से उपभोक्ता फोरम के समक्ष राशि के भुगतान के लिए आवेदन प्रस्तुत किया।

जिला उपभोक्ता फोरम ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के प्रावधानों के तहत बीमा कंपनी को पहले जमानती वारंट और फिर गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट के माध्यम से न्यायालय के समक्ष उपस्थित होने का आदेश दिया। लेकिन इसके बाद भी जब बीमा कंपनी का कोई प्रतिनिधि फोरम के समक्ष उपस्थित नहीं हुआ तो फोरम द्वारा बीमा कंपनी के शाखा प्रबन्धक को गिरफ्तार करने के आदेश जारी किए गए।

बुधवार को स्टेशन रोड पुलिस द्वारा रिलायंस निप्पोन लाइफ इंश्योरेंस कंपनी के शाखा प्रबन्धक को गिरफ्तार कर फोरम के समक्ष प्रस्तुत किया गया। फोरम द्वारा शाखा प्रबन्धक को जेल भेजे जाने का आदेश देने से पहले ही बीमा कंपनी द्वारा तत्काल पूरी राशि अदा करने का निवेदन किया गया। इस तरह फोरम के सुस्पष्ट आदेश के करीब दस महीने बाद परिवादी को अपनी बीमा राशि प्राप्त हो सकी।

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम में परिवादी को बीमा राशि प्रदान करने का आदेश फोरम के अध्यक्ष मुकेश तिवारी और सदस्य श्रीमती जयमाला संघवी द्वारा किया गया। प्रकरण में परिवादी की सफल पैरवी एडवोकेट रोहित कटारिया और मधुसूदन पाटीदार द्वारा की गई।

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