Raag Ratlami Bodhi Scam : कब तक खैर मनाएगी बकरे की अम्मा,आखिरकार अदालत में पंहुचा जमीन दलाल का बोधि घोटाला / हर जगह सक्रीय है बेख़ौफ़ मिशनरीज
-तुषार कोठारी
रतलाम। बेईमानी करने वाले तमाम बेइमानों को लगता है कि उनकी बेइमानी वे किसी ना किसी तरह छुपा ले जाएंगे। और जब बेईमानी शहर के सबसे बडे बेइमान जमीन दलाल की हो,जो खुद को राजाओं का इन्द्र समझता हो,तो उसे पक्का यकीन होता है कि उसकी बेइमानी कभी पकडी नहीं जाएगी और अगर पकड भी ली गई तो वो अफसरों की जेबें गर्म करके उसमे से निकल जाएगा। लेकिन हर बार ऐसा नहीं होता। बकरे की अम्मा आखिर कब तक खैर मनाती ? जमीन के इस महाकमीन दलाल की पच्चीस साल पहले की चोरी आखिरकार ना सिर्फ सामने आ गई बल्कि बोधि का घोटाला अब अदालत की चौखट तक जा पंहुचा है और दस्तावेजी सबूतों के चलते अब जल्दी ही इस दलाल का बोरिया बिस्तर बंधने वाला है।
जमीन के इस कमीन दलाल ने पच्चीस साल पहले शहर सरकार की बेशकीमती जमीन को स्कूल खोलने के नाम पर कौडियों के दाम झटक लिया था। जमीन के इस जादूगर ने गजब की जादूगरी दिखाई थी। उसने जिस संस्था के नाम पर जमीन ली,इस संस्था का कोई अस्तित्व ही नहीं था। शहर सरकार के तब के नेता और अफसर इस दलाल की नवाजिशों तले ऐसे दबे हुए थे कि उन्होने यह तक नहीं पूछा कि भाई तू जिस संस्था के नाम पर जमीन ले रहा है,वह संस्था है कहां? है भी या नहीं है।
जमीन का कमीन दलाल यहीं नहीं रुका। जो संस्था अस्तित्व में ही नहीं थी और अस्तित्वहीन संस्था ने ये जमीन एक दूसरी संस्था को दे दी। दूसरी संस्था भी जमीन दलाल की ही थी। फिर दलाल ने इस संस्था के नाम से बच्चों को पढाने के लिए एक स्कूल भी खोल दिया। कमाल देखिए कि चोरी और बेईमानी से हडपी गई जमीन पर भगवान गौतम बुद्ध के नाम पर स्कूल चला दिया गया। बेईमानी की जमीन पर बने स्कूल में अब बच्चों को नैतिकता के संस्कार देने की बातें कही जाने लगी।
लेकिन दलाल की इस बेईमानी के तमाम दस्तावेज दफ्तरों में मौजूद थे। बेइमान दलाल की बेइमानी पर नजर रखने वाले एक बन्दे ने इन तमाम दस्तावेजों को इकट्ठा किया और आर्थिक घोटालों की जांच करने वालों को तमाम दस्तावेज सौंप दिए। जांच करने वालो ने इस मामले मे बाकायदा एफआईआर दर्ज कर ली और आगे की जांच शुरु कर दी।
जमीन दलाल को अपनी जादूगरी पर बडा भरोसा था। घोटाले की तमाम जांच होने के बाद मामले को अदालत के सामने लाने के लिए महकमे के भोपाली अफसरों की इजाजत चाहिए थी। जमीन दलाल ने अपनी जादूगरी से इस इजाजत को कई बरसों तक रुकवा कर रखा। लेकिन आखिरकार भोपाली अफसरों ने घोटाले को अदालत के सामने लाने की इजाजत भी दे दी है। अब पूरी उम्मीद की जा सकती है कि जल्दी ही जमीन के कमीन दलाल की सारी कारगुजारियां अदालत के सामने आएगी और तब इस दलाल का बोरिया बिस्तर बन्ध कर रहेगा।
हर जगह सक्रिय है बेखौफ मिशनरीज
शहर से लेकर सूबे तक और सूबे से लेकर दिल्ली तक सब जगह भगवा पार्टी का राज है। हिन्दुत्व की राजनीति करने वाली फूलछाप पार्टी का राज होने के बावजूद हिन्दुओं को धर्मान्तरित करने वाले मिशनरीज कितने बेखौफ है इसका उदाहरण रविवार को शहर के एकदम नजदीक आमलीपाडा में देखने को मिला। आदिवासियों के इस गांव में बरसों से इन अशिक्षित और भोले भाले आदिवासियों को लालच देकर धर्मान्तरित किया जा रहा है।
एक तरफ भारत के यान मंगल ग्रह तक जा रहे है और चिकित्सा विज्ञान नई उंचाईयां छू रहा है,लेकिन वहीं दूसरी तरफ आमलीपाडा जैसे अनगिनत आदिवासी गांवों के आदिवासियों को कहा जा रहा है कि उनकी बीमारी इलाज से नहीं बिल्क यीशू की प्रार्थना से ठीक हो जाएगी। मिशनरीज के लोग इन भोले भाले अनपढ आदिवासियों से यीशू की प्रार्थना कराते है और दवाईयां चोरी छुपे पानी या खाद्य पदार्थों में मिलाकर देते है। आदिवासियों को लगता है कि उसकी तकलीफ बिना दवाई के सिर्फ यीशू की प्रार्थना से ठीक हो रही है।
गडबड सिर्फ इतनी ही नहीं है। इन आदिवासियों को मन मस्तिष्क से तो इसाई बना दिया गया है,लेकिन ना तो उनके नाम बदले जाते है ना उनकी परम्पराओं से छेडछाड की जाती है। ताकि इसाई बन जाने के बावजूद उन्हे आदिवासियों को मिलने वाले तमाम लाभ और सुविधाएं मिलती रह सके। महिलाएं बाकायदा मंगलसूत्र पहनती है,चूडी,बिन्दी जैसी सारी रस्मे निभाती है,लेकिन वे इसाई हो चुकी है।
जिले में एक सिर्फ आमलीपाडा नहीं बल्कि बाजना,रावटी और सैलाना के तमाम गांवों में इस तरह के चर्च बनाए जा रहे है,जहां आदिवासियों को लाकर बहकाया जा रहा है। गांवों में काम करने वाले सरकारी महकमों के लोग,हिन्दू संगठन,पार्टी कार्यकर्ता जैसे कई लोगों के होते हुए भी मतान्तरण का यह खेल बेखटके बेखौफ चल रहा है।
गनीमत सिर्फ यही है कि भगवा पार्टी की सरकार होने की वजह से ऐसे मामलो में आपराधिक प्रकरण दर्ज होने लगे है,वरना तो बरसों तक कानून होने के बावजूद ऐसे मामलो में एफआईआर तक नहीं की जाती थी। लेकिन इसके बावजूद जिला इंतजामिया के अफसरों और हिन्दू संगठनों को पहले से कहीं ज्यादा सक्रियता बढाना होगी वरना ये दुस्साहसी मिशनरीज तमाम आदिवासियों को बहकाने में सफल हो जाएंगे।