डॉ.रत्नाकर पर लगे रिश्वतखोरी के आरोप सही
विकलांग प्रमाणपत्र देने के लिए ली थी रिश्वत,जांच में आरोप प्रमाणित
रतलाम,18 जून (इ खबरटुडे)। कुछ ही दिनों पूर्व सिविल सर्जन बनााए गए डॉ.बीआर रत्नाकर पर लगाए गए रिश्वत खोरी के आरोप जांच में सही पाए गए है। आरोपों की जांच रिपोर्ट,कार्यवाही की अनुशंसा के साथ शासन को भेज दी गई है।
उल्लेखनीय है कि सिविल सर्जन बनाए गए डॉ.रत्नाकर ने विगत दस जून को मांगरोल निवासी मोहनलाल परमार से उसके ग्यारह वर्षीय पुत्र का विकलांगता प्रमाणपत्र जारी करने के लिए बारह सौ रुपए रिश्वत मांगी थी। मोहनलाल परमार ने जिला चिकित्सालय परिसर में स्थित डॉ.रत्नाकर के निवास पर जाकर रिश्वत की राशि उन्हे सौंपी और विकलांगता प्रमाणपत्र प्राप्त किया,लेकिन साथ ही पूरे घटनाक्रम की गोपनीय तरीके से विडीयो रेकार्डिंग करके पूरे मामले की शिकायत कलेक्टर बी चन्द्रशेखर को कर दी। कलेक्टर श्री चन्द्रशेखर ने मामले की जांच का दायित्व प्रशिक्षु आईएएस सतीश कुमार को सौंपा था। सतीश कुमार ने पूरे घटनाक्रम की जांच के बाद डॉ.रत्नाकर पर लगाए गए आरोपों को सही पाया और जांच रिपोर्ट कलेक्टर को प्रस्तुत कर दी।
कलेक्टर बी चन्द्रशेखर ने इ खबरटुडे से चर्चा में कहा कि डॉ.रत्नाकर के विरुध्द की गई जांच की रिपोर्ट उन्हे मिल गई है।जांच में आरोपों को सही पाया गया है। उक्त जंच रिपोर्ट को अनुशासनात्मक कार्यवाही की अनुशंसा के साथ राज्य शासन को भेजा जा रहा है। शासन स्तर पर निर्देश मिलते ही कार्यवाही की जाएगी।