दावेदारों के प्रदर्शन ; मंदसौर में विपिन जैन तो मनासा में नरेंद्र नाहटा….
मंदसौर ,23मार्च(इ खबर टुडे /चंद्र मोहन भगत)। जब किसी भी सरकार के निर्णयों से जनता आहत होकर उब जाती है तो मानव स्वभाव की तरह बदलाव की तैयारी ही कर लेती है । कुछ ऐसा जन प्रदर्शन जिले के मंदसौर और मनासा क्षेत्र के दो कांग्रेस नेताओं के सार्वजनिक कार्यक्रमों में नजर आया। विधानसभा चुनाव करीब हैं इसलिए माना जा रहा है कि जिला कांग्रेस अध्यक्ष विपिन जैन का पदभार ग्रहण और मनासा में पूर्व मंत्री नरेंद्र नाहटा का सार्वजनिक जन्मदिन कार्यक्रम अपना जन समर्थन दिखाकर प्रत्याशी होने का प्रभावी प्रदर्शन रहा ।
यह अलग बात है कि प्रत्याशी बनने की दौड़ में और भी नाम होंगे और सार्वजनिक प्रदर्शन भी होंगे। पर भाजपा सरकार के रहते जन समर्थन को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि आम जनमत कहीं ना कहीं शिवराज सरकार से सतह से ज्यादा भीतर ही भीतर ज्यादा नाराज चल रहा है । विपिन जैन का तो संगठन का पदभार ग्रहण कार्यक्रम था इसलिए पार्टी कार्यकर्ताओं की जिला मुख्यालय पर अच्छी खासी उपस्थिति होना सामान्य बात थी। इसका एक कारण यह भी था कि मुख्य अतिथि पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा थे जिनका अपना जनसमर्थन इंदौर उज्जैन संभाग में व्यापक है । अतः जितना भी जनसमर्थन नजर आया विपिन जैन की दावेदारी में एक दर्जा बढ़ा गया।
इसके अलावा सुवासरा मल्हारगढ़ के भावी प्रत्याशियों ने भी खुद की ताकत दिखाने के लिए कि जिला कांग्रेस के कार्यक्रम भी अपने समर्थकों की भीड़ जुटाई थी । मनासा विधानसभा क्षेत्र के पूर्व मंत्री नरेंद्र नाहटा का जन्मदिन कार्यक्रम मनाया गया समय दोनों कार्यक्रमों का एक ही था पर यहां व्यक्तिगत था जबकि मंदसौर में जिला कांग्रेस का । मंदसौर में पूरी कांग्रेस भिड़ी थी तो मनासा में सिर्फ नाहटा समर्थकों की टीम ने आयोजन सम्भाला था । सफल दोनों ही कार्यक्रम कहे जा रहे हैं पर निष्पक्ष मॉनिटर किया जाए तो मनासा के कार्यक्रम को अधिक अंक मिलेंगे कारण बहुत ही सार्वजनिक और स्पष्ट रहा कि पूरा आयोजन सिर्फ नरेंद्र नाहटा के नाम पर था आयोजक भी अतिथि भी और जनसमर्थन भी उन्हीं का था ।
जिला मुख्यालय से 90 किलोमीटर दूर इस कार्यक्रम में 20 किलोमीटर दूर पिपल्या मंडी से ही समर्थक समूहों द्वारा स्वागत किया जाना विपक्ष में बैठी कांग्रेस के लिए अत्यधिक प्रसंशनीय कहा जा सकता है । मनासा जैसे विधानसभा क्षेत्र में सिर्फ नरेन्द्र नाहटा के आव्हान पर लगभग आठ हजार कार्यकर्ताओं का एकत्रित हो जाना नाहटा की लोकप्रियता तो दर्शा ही रहा है । ये भी की सत्ता से बाहर रहकर भी जनसैलाब एकत्रित कर लेना वह भी शिवराज की भाजपा सरकार के विरुद्ध जो कांग्रेस समर्थकों को निशाने पर रखती हो तब निश्चित ही महती उपलब्धि माना जा रहा है ।
भावी विधानसभा चुनाव की दृष्टि से राजनेतिक परिदृश्य देखें तो यह कहना अतिशयोक्ति न होगा कि कांग्रेस के लिए सबसे बेहतर जीतने वाला प्रत्याशी भी नरेंद्र नाहटा ही हो सकते हैं । कांग्रेसमें तो इनका कोई प्रतिस्पर्धी भी नजर नहीं आ रहा है उधर भाजपा के वर्तमान विधायक माधव मारू से जनमत में तो नाराजगी पनप ही गई है साथ ही भाजपाइयों में भी भारी विरोध सतह पर होता नजर आ रहा है। पूर्व भाजपा मंत्री कैलाश चावला विधायक राधेश्याम लड़ा समर्थकों के विरोध के चलते विधायक माधव मारू भावी प्रत्याशियों में भी गौण नजर आ रहे हैं ।
कुल मिलाकर कांग्रेसी नेताओं के दोनों आयोजन से यह स्पष्ट हो गया है कि नरेंद्र नाहटा की अपने विधानसभा क्षेत्र मनासा के जनमत पर सशक्त पकड़ बरकरार है इसका कांग्रेस संगठन भरपूर फायदा उठा सकती है। रही बात मंदसौर के कार्यक्रम की तो विपिन जैन मंदसौर से प्रत्याशी बनने की दौड़ में सशक्त प्रत्याशी माने जाने लगे हैं पर यहां के राजनीतिक परिदृश्य के कारण इनकी जीत पर अभी निश्चितता की मुहर लगना बाकी है। कांग्रेस के इन दोनों आयोजनों पर दोनों दलों के संगठन ने नजरे रखी होगी । अपनी अपनी पार्टी की जन साथ का आकलन करने के साथ ही विभिन्न माध्यमों ने भावी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर आकलन भी किया ही होगा इसमें भी आम जनमत की राय को मेरिट माना जाता है
फिर भी सार्वजनिक राजनीतिक दृश्य आम आदमी को इजहार तो कर ही देते हैं कि किस विधानसभा क्षेत्र में कौन दल का प्रत्याशी जीतने वाला है ।