रतलाम कलेक्टर सूर्यवंशी ने संवेदनशीलता और सुशासन की मिसाल की कायम/ आदिवासी बालिका की पीड़ा सुनकर उसके उपचाररत पिता को देखने कलेक्टर पहुंचे अस्पताल, उपचार का पूरा खर्च प्रशासन वहन करेगा
अस्पताल प्रबंधन अब उपचार की बची राशि 2 लाख रुपया भी नहीं लेगा
रतलाम 20 मार्च (इ खबर टुडे)। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अपेक्षा के अनुसार कलेक्टर रतलाम नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी द्वारा संवेदनशीलता व सुशासन की मिसाल कायम की गई। सोमवार को कलेक्ट्रेट कक्ष में बाजना क्षेत्र के ग्राम इमलीपाड़ाकला की आदिवासी बालिका मनीषा चरपोटा अपनी पीड़ा लेकर कलेक्टर के पास पहुंची।
बालिका ने बताया कि उसके पिता दुर्घटना के कारण शहर के निजी नर्सिंग होम में भर्ती है, अभी तक काफी राशि उपचार पर खर्च हो चुकी है। अस्पताल को अभी 2 लाख रुपए और चाहिए। अब परिवार के पास पैसे नहीं है। अस्पताल वालों ने आईसीयू से भी उसके पिता को बाहर करके जनरल वार्ड में भर्ती कर दिया है और 4 दिन से इलाज भी नहीं कर रहे हैं।
बालिका की पीड़ा को सुनकर कलेक्टर श्री सूर्यवंशी उसे ढांढस बंधाया, उसके सर पर हाथ रखा और फिर सीईओ जिला पंचायत श्रीमती जमुना भिड़े एवं सीएमएचओ डॉ. ननावरे को साथ लेकर अस्पताल में पहुंचे। बालिका के पिता मरीज भूरजी चरपोटा को देखा। अस्पताल प्रबंधन को सख्ती से निर्देशित किया कि भुरजी का पूर्ण उपचार किया जाए, उसकी प्रत्येक जरूरत का पूरा ख्याल रखा जाए। उसको किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं आने पाए।
कलेक्टर ने मरीज को वापस आईसीयू में भर्ती करवाया तथा अस्पताल प्रबंधन से कहा कि मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान अन्य वर्गों के साथ-साथ आदिवासी समाज के लिए अत्यंत संवेदनशील है। मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार मरीज के उपचार का पूरा खर्च शासन प्रशासन वहन करेगा।कलेक्टर से चर्चा एवं उनकी समझाईश पश्चात अस्पताल प्रबंधन ने भी आदिवासी परिवार से मरीज के उपचार की पेंडिंग राशि 2 लाख रुपए नहीं लेने का निर्णय लिया।
इसके साथ ही कलेक्टर ने अन्य खर्चों के लिए बालिका को रेडक्रॉस से 25 हजार रुपया का चेक भी दिया। कलेक्टर ने बालिका मनीषा और साथ में मौजूद उसकी भाभी अमरीबाई से कहा कि भुरजी चरपोटा को हर आवश्यक उपचार दिलवाया जाएगा। यहां से भी आगे यदि किसी और अच्छे अस्पताल में भर्ती कराने की आवश्यकता होगी तो वह भी किया जाएगा। शासन-प्रशासन परिवार के दुख में आपके साथ खड़ा है।
कलेक्टर की संवेदनशीलता और सहृदयता को देखकर आदिवासी परिवार की आंखें खुशी से नम हो गई। परिवार ने कलेक्टर के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का उनके सुशासन और आदिवासियों के लिए संवेदनशील शासन के लिए दिल से आभार जताया। अस्पताल से जाते हुए कलेक्टर श्री सूर्यवंशी ने बालिका मनीषा से कहा कि अब आगे जब भी कोई जरूरत हो, परेशानी हो, बता देना तत्काल परेशानी का हल कर दी जाएगी।