November 22, 2024

The Bengal Files : क्यों बनना जरुरी है द बंगाल फाइल्स फिल्म…..?

Howrah, June 10 (ANI): Flames and smoke rise from a vehicle on fire, that was allegedly set ablaze by miscreants during a protest suspended BJP leader Nupur Sharma and Naveen Jindal over their inflammatory remarks, in Howrah on Friday. (ANI Photo)

-डॉक्टर डीएन पचौरी

बंगाल फाइल्स बनना चाहिए या नहीं इस पर चर्चा करने के पूर्व आइए बंगाल की वर्तमान हालत को जाना जाए।

बंगाल की प्राइमरी क्लास में बच्चों की गणित की पुस्तक के प्रश्न का नमूना देखिए। प्रश्न है एक जिहादी 1 दिन में इतने अर्थात कोई संख्या काफिरों का कत्ल करता है और दूसरे दिन इतने काफिरों का क़त्ल करता है और तीसरे दिन इतने तो बताओ 3 दिन में वह कितने काफिरों का कत्ल करता है। बताइए कि ममता के राज में छोटे बच्चों के दिमाग में क्या भरा जा रहा है?

बच्चों की पर्यावरण की पुस्तक अमा देर पुर्वेश अर्थात हमारा परिवेश की पुस्तक में राम धनु इंद्रधनुष को बदलकर रंग धनु करवा दिया गया है क्योंकि ममता को राम शब्द से आपत्ति है।

बंगाल के कुल तीन हजार आठ सौ गाँवो में से आठ सौ गांव में एक भी हिंदू परिवार नहीं है इन्हें भगा दिया गया है अथवा धर्मांतरण कर लिया है। ममता के राज में गत वर्ष मुसलमानों की आबादी लगभग पौने दो प्रतिशत बड़ी है जबकि हिंदुओं की आबादी 2% घटी है। भीतर ही भीतर बंगाल का इस्लामीकरण हो रहा है और इसकी जिम्मेदार ममता स्वयं है। हिंदुओं को अपने रीति रिवाज पर्व त्योहार इत्यादि मनाने तक की स्वतंत्रता नहीं रह गई है। मुस्लिम प्रेम में अंधी हुई ममता बनर्जी हाई कोर्ट तक के आदेश को ठुकरा देती है कई बार मोहर्रम के चलते दुर्गा पूजा के विसर्जन पर रोक लग चुकी है। कोलकाता हाईकोर्ट ने विसर्जन पर रोक लगाना एक अभूतपूर्व घटना बताकर ममता को फटकार लगाई तो उसने कहा कि यहां सब सांप्रदायिक सौहार्द के लिए किया जा रहा है।

वीरभूमि जिले का कांग्ला पहाड़ी गांव मैं 300 घर हिंदुओं के मात्र 25 घर मुसलमानों के हैं लेकिन दुर्गा पूजा पर पाबंदी है क्योंकि गांव के मुसलमानों का कहना है कि मूर्ति पूजा से उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचती है। कभी रामनवमी पर पूजा पर रोक तो कभी हनुमान जयंती पर रोक लगाई जाती है। कई बार हनुमान जयंती के जुलूस को अनुमति नहीं दी जाती। 2 वर्ष पूर्व हिंदू जागरण मंच के कार्यकर्ता पुलिस के पास गए तो पुलिस ने मना कर दिया। इतना ही नहीं फिर भी धार्मिक आस्था के कारण कुछ लोगों ने जुलूस निकाला तो पुलिस ने जबरदस्त लाठीचार्ज किया। बर्बरता पूर्ण कायराना हरकत की। कई लोग बुरी तरह घायल हुए। कई लोगों को आर्म्स एक्ट की धारा में बंद कर दिया गया।

लगभग तीन 4 वर्ष पूर्व दशहरा और मोहर्रम एक ही तारीख को आए तो ममता ने दुर्गा पूजा के विसर्जन पर रोक लगा दी और मोहर्रम जिस दिन निकले दुर्गा पूजा विसर्जन की तारीख एक दिन आगे बढ़ा दी। यह स्वयं को धर्मनिरपेक्षता की बड़ी ठेकेदार समझती है और छद्म धर्मनिरपेक्षता केवल हिंदुओं पर थोपी जाती है। गौरतलब बात यह है कि मोहम्मद साहब के जन्मदिवस अर्थात नबी दिवस पर सरकारी खजाने से फंड दिया जाता है और पुस्तकालयों में जबरजस्ती नबी दिवस का आयोजन कराया जाता है। राज्य में लगभग ढाई हजार सरकारी पुस्तकालय हैं और नबी दिवस के कार्यक्रमों में लाखों रुपए का खर्च किया जाता है। बंगाल में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के नाम पर इन्हें ममता अपने दामाद ओं की तरह रख रही है और इन को खुश करने के लिए हिंदुओं पर दमन चक्र जारी है । वोट बैंक बढ़ाने की खातिर रोहिंग्या मुसलमानों को बसाया जा रहा है।

बंगाल में विभिन्न प्रकार के घोटाले हो रहे हैं जिनमें शिक्षक भर्ती घोटाला 350 करोड़ का है। ईडी द्वारा लगभग 111 करोड़ की संपत्ति जप्त की जा चुकी है। बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी महिला मित्र अर्पिता मुखर्जी प्राथमिक शिक्षा बोर्ड पूर्व अध्यक्ष और तृणमूल कांग्रेस विधायक मानिक भट्टाचार्य स्कूल सर्विस कमीशन के शांति प्रसाद सिन्हा और हुगली जिला परिषद शांति बनर्जी के यहां से करोड़ों की संपत्ति बरामद हुई है जिनमें अकेले अर्पिता के फ्लैट से 50 करोड़ की नगदी और लगभग 6 करोड़ के जेवर बरामद हुए हैं। उपरोक्त विवरण से स्पष्ट है की बंगाल का धीरे-धीरे जो इस्लामीकरण हो रहा है उस पर द बंगाल फाइल्स बननी चाहिए या नहीं?

जब से द कश्मीर फाइल्स के निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने द बंगाल फाइल्स बनाने की घोषणा की है। तबसे सूबे में बवाल मचा हुआ है। तृणमूल कांग्रेस ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है। भाजपा विधायक और प्रतिपक्ष नेता शुभेंदु अधिकारी ने कोलकाता में एक कार्यक्रम में गए अनुपम खेर से भी चर्चा की और द बंगाल फाइल्स बनाने पर जोर दिया। क्योंकि अनुपम खेर द कश्मीर फाइल्स में काम कर चुके हैं। शुभेंदु अधिकारी ने बताया कि ममता बीएसएफ को अपना काम नहीं करने दे रही और बंगाल में देश विरोधी गतिविधियां बढ़ रही है। विवेक अग्निहोत्री का कहना है कि वहां के मुख्यमंत्री कानून व्यवस्था संभालने में नाकाम हो रही है इसलिए मैं बंगाल की वास्तविक स्थिति को उजागर करने के लिए द बंगाल फाइल्स बनाऊंगा।

बंगाल में अनेकों जगह कश्मीर जैसी स्थिति है और मैं हर किसी को बंगाल की कहानी बताना चाहता हूं। तृणमूल कांग्रेस प्रवक्ता कुणाल घोष का कहना है कि बंगाल मुख्यता कोलकाता अल्पसंख्यकों के लिए सबसे अधिक सुरक्षित स्थान है। होना भी चाहिए क्योंकि ममता बनर्जी इन्हें अपने दामाद ओ की तरह जो पाल रही है । केंद्र सरकार को कुछ कठोर कदम उठाने चाहिए अन्यथा ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल को एक और पाकिस्तान के रूप में बदल देगी। यदि बंगाल की कानून व्यवस्था की स्थिति और अधिक खराब होती है तो संविधान के आर्टिकल 352 से 356 के आधार पर मंत्रिमंडल की सहमति से राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है और पार्लियामेंट के अनुशंसा पर 6 महीने तक बढ़ाया जा सकता है।

(लेखक वरिष्ठ शिक्षाविद एवं सम सामयिक विषयो के जानकर है)

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