November 24, 2024

एक हजार बच्चे प्रस्तुत करेंगे दशावतार

वार्षिकोत्सव के अन्तर्गत सरस्वती विद्या मन्दिर का अभिनव आयोजन

रतलाम,6 जनवरी (इ खबरटुडे)। जब जब इस धरती पर पाप बढे हैं और प्राणियों पर अत्याचार हुआ है,तब तब संसार के पालनकर्ता भगवान विष्णु ने मानव मात्र की रक्षा के लिए विभिन्न रुपों में अवतार लिया है। विष्णु के दस अवतारों पर आधारित दशावतार की कथा का भव्य मंचन सरस्वती विद्या मन्दिर के लगभग एक हजार बच्चों द्वारा 8 जनवरी को किया गया जाएगा।
सरस्वती विद्या मन्दिर में आयोजित एक प्रेसवार्ता के दौरान विद्यालय के प्राचार्य राकेश दुबे व अन्य पदाधिकारियों ने उक्त अभिनव आयोजन की विस्तार से जानकारी दी। श्री दुबे ने कहा कि विद्यालय के वार्षिकोत्सव के अन्तर्गत दशावतार का भव्य आयोजन किया जा रहा है। भगवान विष्णु के दस अवतारों की पौराणिक कथा को विद्यालय के करीब एक हजार भैया बहिन गीत,संगीत,नृत्य,संवाद,ध्वनि,प्रकाश व अभिनय के अद्भुत संयोजन के साथ प्रस्तुत करेंगे। श्री दुबे ने बताया कि पौराणिक कथाओं के अनुसार सृष्टि के आरंभ से अब तक भगवान विष्णु नौ अवतार ले चुके है और एक अवतार कल्कि अवतार अभी शेष है। इन दस अवतारों का पुराणों में अत्यन्त कलात्मक और सुन्दर चित्रण हुआ है। इन्ही अवतारों की कथा का मंचन सरस्वती शिशु शिक्षा समिति के रशेष राठौड,प्राचार्य राकेश दुबे,प्रधानाचार्य कैलाश धनगर एवं विद्यालय के आचार्य दीदीयों के अथक प्रयास से तैयार किया गया है।
श्री दुबे ने बताया कि दशावतार का मंचन गुरुवार 8 जनवरी को शाम पांच बजे किया जाएगा। इस कार्यक्रम में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डॉ.प्रशान्त चौबे मुख्यअतिथि के रुप में उपस्थित रहेंगे,जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ समाजसेवी आजाद मेहता करेंगे। विद्यालय के वार्षिकोत्सव की अगली कडी में शुक्रवार 9 जनवरी को प्रात: साढे नौ बजे प्रतिभा सम्मान समारोह एवं स्नेहभोज का आयोजन किया गया है। इस समारोह में नवनिर्वाचित महापौर डॉ.सुनीता यार्दे मुख्यअतिथि और पूर्व जिला संघचालक राधेश्याम खण्डेलवाल विशेष अतिथि के रुप में उपस्थित रहेंगे। सम्मान समारोह की अध्यक्षता विद्या प्रतिष्ठान के जिला प्रतिनिधि वीरेन्द्र वाफगांवकर करेंगे।
प्रेसवार्ता के दौरान सरस्वती शिशु शिक्षा समिति के अध्यक्ष सुरेन्द्र सुरेका,उपाध्यक्ष वीरेन्द्र सकलेचा,कोषाध्यक्ष जवाहर चौधरी,जिला प्रतिनिधि वीरेन्द्र वाफगांवकर, रशेष राठौड और किशोर जोशी आदि उपस्थित थे।

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