राष्ट्रपति का अभिभाषण : रक्षा क्षेत्र में मेक इन इंडिया पर विशेष ध्यान, नए ड्रोन नियम भी बनाए, 2035 में पूरा होगा 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी का सपना
नई दिल्ली,31 जनवरी (इ खबरटुडे)। संसद का बजट सत्र आज सोमवार से शुरू हो गया है। इसकी शुरुआत राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण से हुई। संसद के दोनों सदनों को संबोधित करते हुए उन्होंने कोरोना महामारी से लेकर इस दौरान चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी दी। उनके भाषण में किसानों, महिलाओं से लेकर तीन तलाक तक के मुद्दे शामिल रहे।
राष्ट्रपति ने अभिभाषण की शुरुआत आजादी के सिपाहियों को नमन करने के साथ ही। इसके बाद उन्होंने कोरोना के दौर में वैक्सीन और सरकार की स्वास्थ्य योजनाओं की जानकारी दी। राष्ट्रपति के अभिभाषण के मुख्य बिंदु
मैं देश के उन लाखों स्वाधीनता सेनानियों को नमन करता हूं, जिन्होंने अपने कर्तव्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी और भारत को उसके अधिकार दिलाए। आजादी के इन 75 वर्षों में देश की विकास यात्रा में अपना योगदान देने वाले सभी महानुभावों का भी मैं श्रद्धापूर्वक स्मरण करता हूं।
सरकार और नागरिकों के बीच यह परस्पर विश्वास, समन्वय और सहयोग, लोकतन्त्र की ताकत का अभूतपूर्व उदाहरण है। इसके लिए, मैं देश के प्रत्येक हेल्थ और फ्रंट लाइन वर्कर का, हर देशवासी का अभिनंदन करता हूँ।
माननीय सदस्यगण, मेरी सरकार सबका साथ, सबका विकास पर चलते हुए सशक्त भारत के निर्माण की तरफ चल रही है। कोरोना माहतारी ने पूरी दुनिया को प्रभावित किया है, इन परिस्थितियों में हमारी सरकार और नागरिकों के बीच परस्पर भरोसा बना रहा है।
हमने एक साल से भी कम समय में 150 करोड़ से भी ज्यादा वैक्सीन लगाने का रिकॉर्ड कायम किया है। इस अभियान की सफलता ने नागरिकों को ऐसा सुरक्षा कवच दिया है, जिससे उनकी सुरक्षा बढ़ी है और उनका मनोबल भी बढ़ा है। देश में 70 % से ज्यादा लोग एक डोज ले चुके हैं।
इसी माह वैक्सीन प्रोग्राम में 15 वर्ष से ज्यादा के किशोर-किशोरियों को भी वैक्सीन दी जा रही। प्रिकॉशन डोज भी दी जा रही है। अभी 8 वैक्सीन देश में दी जा रही हैं। भारत में बनी वैक्सीन दुूनियाभर में काम आ रही है। मेरी सरकार दूरदर्शी समाधान तैयार कर रही है।
प्रधानमंत्री आयुष्मान स्वास्थ्य मिशन की मदद से 80 हजार से अधिक हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर खुले हैं। सरकार ने 8000 से अधिक जन औषधि केंद्र बनाए हैं, जो बहुत बड़ा कदम है।
भारतीय फार्मा कंपनियों के उत्पाद 180 देशों में पहुंच रहे हैं। सरकार की तरफ से किए गए प्रयासों के फलस्वरूप देश में योग और आयुष उत्पादों की मांग बढ़ रही है। दुनिया के सबसे पहले WHO सेंटर ऑफ ट्रेडिशनल मेडिकल हेल्थ की शुरुआत भारत में की जा रही है।
बाबा साहेब की बातों को मेरी सरकार अपना मूलमंत्र मानती है। हाल के वर्षों में भारत की यह भावना भलीभांति झलकती है।
माननीय सदस्य गण, कोरोना के इस काल में हमने बड़े देशों में खानपान की त्रासदी देखी है, लेकिन हमारी सरकार ने ऐसा नहीं होने दिया। हमारी सरकार दुनिया का सबसे बड़ा फूड डिस्ट्रिब्यूशन प्रोग्राम चला रही है, जिसे मार्च तक बढ़ा दिया गया है।
देश में स्वनिधि रोजगार योजना भी चलाई जा रही है। सरकार ने श्रमिकों के लिए ई-श्रम पोर्टल भी शुरू किया है। जनधन पोर्टल को सरकार ने मोबाइल से जोड़ा है। डिजिटल इंडिया और डिजिटल इंकोनॉमी के दौर में UPI की सफलता के लिए सरकार को धन्यवाद दूंगा।
महामारी की बाधाओं के बावजूद बड़ी संख्या में घरों को नलों से जोड़ा गया है। इसका सबसे बड़ा फायदा महिलाओं को हुआ है। सरकार देश के गरीबों को सशक्त बनाने की दिशा में काम कर रही है।
सरकार ने सबसे ज्यादा फसलों की खरीदारी की है। खरीफ की फसलों की खरीद से 1.30 करोड़ किसान लाभान्वित हुए। वर्ष 2020-21 के दौरान निर्यात करीबन 3 लाख करोड़ पहुंच गया।
हॉर्टिकल्चर- शहद उत्पादन के मामले में हम आगे बढ़े। 2015-15 के मुककाबले 115% की बढ़ोतरी हुई। सरकार ने कोरोना काल में सब्जियों, फलों और दूध जैसी जल्दी खराब होने वाली चीजों के लिए रेल चलाई।
देश के 80% किसान छोटे किसान हैं, जिन्हें सरकार ने लाभ पहुंचाया है। देश के 8 करोड़ से ज्यादा किसानों को एक लाख करोड़ से ज्यादा धनराशि दी जा चुकी है। खाद्य तेल नेशनल मिशन ऑन एडिबल ऑइल जैसे प्रयासों की शुरुआत की है।
संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2022 को इंटरनेशनल इयर ऑफ मिलेट्स के रूप में घोषित किया है। मेरी सरकार कई ग्रुप्स के साथ मिलकर इसे सफल बनाएगी।
देश में सिंचाई की परियोजनाओं और नदियों को जोड़ने के काम को भी आगे बढाया है। केन-बेतवा प्रोजेक्ट के लिए 150 करोड़ रुपए के फंड से काम चल रहा है। सेल्फ हेल्प ग्रुप्स के लिए भी सरकार काफी काम कर रही है। महिला सशक्तिकरण सरकार की प्रमुख योजनाओं में से एक है।
बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के पहले से अच्छे परिणााम सामने आए हैं। सरकार ने बेटियों की विवाह की उम्र बढ़ाकर लड़कों के बराकर करने के फैसले को समाज की स्वीकार्यता मिली है। देश की शिक्षा नीति में जेंडर इन्क्लूससिवनेस को बढ़ावा दिया गया है। सैनिक स्कूलों में लड़कियों को जगह मिलेगी, NDA में महिलाओं का पहला बैच जून में आ जाएगा। स्किल इंडिया मिशन के तहत हेल्थ केयर के लिए 6 कार्यक्रम तैयार किए गए।
टोक्यो ओलिंपिक के दौरान हमने भारत की क्षमताओं को देखा है। भारत ने इसमें 7 मेडल जीते। पैरालिंपिक में भी भारत ने 19 पदक जीते। पैरा खिलाड़ियों को अच्छी ट्रेनिंग देने के लिए सरकार ने ग्वालियर में सेंटर फॉर डिसेबिलिटी तैयार किया है।
देश में चलाए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों के तहत कई दिव्यांगों को फायदा पहुंचा है। साइन लैंग्वेज डिक्शनरी बनाई गई है।
कोरोनाकाल में देश में 40 से अधिक यूनिकॉर्न स्टार्टअप अस्तित्व में आए। भारत टेक्नोलॉजी की दिशा में भी तेजी से काम कर रहा है। सरकार ने कई नए सेक्टरों में एंट्री के द्वार खोले हैं।
सरकार के प्रयासों से देश फिर से विश्व की तेजी से विकसित हो रही अर्थव्यवस्थाओं में से एक बन गया है। देश में विदेशी निवेश लगातार बढ़ रहा है। 48 बिलियन डॉलर का विदेशी निवेश शुरुआती 7 महीनों में आया है।
7 मेगा इंटीग्रेटिड टेक्सटाइल रीजन बनाए जा रहे हैं। MSME भारत को आगे ले जाने में बेहद अहम रहे हैं। हाल की योजनाओं से साढ़े 13 लाख MSME को जीवनदान दिया गया। खादी की सफलता- 2014 की तुलना में देश में खादी की बिक्री तीन गुना बढ़ी है। इंफ्रास्ट्रक्चर- विकास कार्यों को गति देने के लिए अलग-अलग मंत्रालयों के काम को प्रधानमंत्री गतिशक्ति मंत्रालय के अंतर्गत एसाथ जोड़ा है।