Raag Ratlami SP – नाम को सार्थक कर वर्दी वालों का गौरव बढाते रहे जाने वाले कप्तान/जमीनखोरों में अब भी है घबराहट
-तुषार कोठारी
रतलाम। वर्दी वालों के कप्तान की बिदाई की वेला आ गई है। लेकिन उन्होने अपने पूरे कार्यकाल में वर्दी वालों का गौरव बढाया और अपने नाम को सार्थक किया। लोगों ने ऐसे कप्तान कम ही देखे है,जिन पर कभी कोई दाग नहीं लग पाया। कप्तान की ईमानदारी तो तारीफे काबिल थी ही,लेकिन आम लोगों के लिए उनका व्यवहार भी हमेशा मददगार वाला रहता था और इसी वजह से उन्हे लम्बे वक्त तक याद किया जाता रहेगा। उनके यहां रहने के दौरान बडे से बडे क्राईम बेहद जल्दी न सिर्फ सुलझा लिए गए बल्कि जुर्म करने वालों को सजा के अंजाम तक भी पंहुचा दिया गया। उनकी इसी काबिलियत के चलते शायद सरकार ने अब उन पर एक जिले के बजाय पूरे सूबे के आतंकियों को ढूंढने की जिम्मेदारी डाल दी है। उन्हे दी गई नई जिम्मेदारी से इस बात की उम्मीदें भी बढ गई है कि अब सूबे में पनाह हासिल करने वाले आतंकी छुपे हुए नहीं रह पाएंगे।
वर्दी वालों के कप्तान,कप्तान बनने से पहले दो बार जिले में रह चुके थे और लोगों के लिए जाने पहचाने हुए थे। इसलिए जब वे कप्तान बन कर आए,तो लोगों को उम्मीद थी कि वे गुण्डे बदमाशों पर सख्ती करेंगे और आम लोगों को सुरक्षा का एहसास करवाएंगे। कप्तान लोगों की उम्मीदों पर पूरी तरह खरे उतरे। उनकी सख्ती का असर था कि जिले में स्थितियां हमेशा नियंत्रण में रही। असामाजिक तत्व सिर नहीं उठा पाए,और कभी किसी ने सिर उठाने की कोशिश भी की,तो जल्दी ही उसका इंतजाम भी कर दिया गया।
उनके रतलाम में रहने के दौरान जिले ने बडे बडे संगीन जुर्म देखें। देव दीवाली जैसे मंगल अवसर पर एक ही घर के तीन तीन सदस्यों का एक साथ कत्ल होने जैसी संगीन वारदात भी हुई,लेकिन कप्तान की मेहनत का नतीजा था,कि कत्ल करने वाले जल्दी ही ढूंढ लिए गए और कत्ल करने वालों को जहन्नुम भी रसीद कर दिया गया। यही नहीं इसी तरह के कई सारे उलझे हुए मामलों को उनकी सदारत में त्वरित रुप से सुलझा लिया गया। सडक पर चलते हुए व्यापारी को लूटने का मामला हो,या अवैध हथियारों की खरीद फरोख्त का मसला। कप्तान ने हर मामले को चुटकियों में सुलझाया। इसी का नतीजा था कि जिले भर में लोग उनके जाने की खबर से दुखी है। हांलाकि उन्होने बेहद लम्बी और सफल पारी खेली। व्यवस्था के लिहाज से उन्होने यहां लम्बा वक्त गुजारा। लेकिन उनकी लोकप्रियता का असर था कि लम्बा वक्त भी लोगों को छोटा लग रहा है।
उनके जाने से जहां ज्यादातर आम लोग दुखी है,वहीं एक तबका ऐसा भी है,जिन्हे इस खबर से खुशी हासिल हुई है। इनमें जहां अवैध काम करने वाले असामाजिक तत्व शामिल है,वहीं कामचोर और भ्रष्ट कुछेक वर्दीवाले भी है। कप्तान ने कामचोरों और भ्रष्ट वर्दीवालों को कभी बर्दाश्त नहीं किया। ऐसे वर्दीवालों को थाने से लाइन भेजने में वे जरा भी वक्त नहीं लगाते थे।
बहरहाल एक लम्बा वक्त गुजार कर और कई सारी उपलब्धियां हासिल करने के बाद अब कप्तान नई जिम्मेदारी निभाने के लिए राजधानी को जाने वाले है। ऐसे में ये उम्मीद की जा सकती है,वे अपनी नई पारी में और भी नए कीर्तिमान बनाएंगे। रतलाम के लोग उन्हे याद रखेंगे तो साथ ही ये उम्मीद भी रखेंगे कि वे भी रतलाम को याद रखेंगे।
जमीनखोरो में घबराहट…..
सरकारी जमीनों पर कब्जा करने वाले और नियम कायदों को ताक पर रखकर निर्माण करने वाले जमीनखोरों के खिलाफ जिला इंतजामिया के तेवर अभी भी तीखे है। जिला इंतजामिया के बडे साहब ने जब इनके खिलाफ मुहिम छेडी थी,तो लोगों को लगा था कि ये मुहिम कुछ दिनों में ठण्डी पड जाएगी। लेकिन हुआ इसका उल्टा। मुहिम ठण्डी तो नहीं पडी,उलटे इसमें गुण्डे बदमाशों को जोड लिया गया। कई सारे लिस्टेड बदमाशों के मकान ढहा दिए गए। जिला इंतजामिया के बडे साहब आम लोगों से अपील कर रहे है,कि वो आगे आकर ऐसे मामलों की जानकारी दे। उन्होने साफ लफ्जों में कह दिया है कि अब किसी भी रंदगारी चलने नहीं दी जाएगी। बडे साहब के तीखे तेवर देखकर जमीनखोरंों में घबराहट का माहौल बना हुआ है। दूसरी तरफ इन तरह की कार्रवाईयां देख कर आम लोग खुश है कि चलो खुद को दबंग बताने वालों की दबंगई को खत्म करने के लिए किसी ने तो पहल की। जिला इंतजामिया की ये मुहिम अभी आगे भी जारी रहने वाली है।