आपदा से बचाव के लिए नागरिक तंत्र विकसित करें-श्री वानखेड़े
दो दिवसीय आपदा प्रबन्धन कार्यशाला का समापन
रतलाम, 15 दिसम्बर (इ खबरटुडे)। आपदा से बचाव के लिए जनमानस को मानसिक रूप से तैयार किया जाना आवश्यक है। प्रत्येक व्यक्ति अपनी नागरिक भूमिका को समझें और किसी भी प्रकार की आपदा के लिए स्वयं को तैयार रखे तभी संभावित अप्रिय स्थिति को टाला जा सकता है एवं उस पर काबू पाया जा सकता है। उक्त विचार अपर कलेक्टर कैलाश वानखेड़े ने जिला पंचायत सभाकक्ष में होमगार्ड विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय आपदा प्रबन्धन कार्यशाला के समापन अवसर पर व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि किसी भी आपदा के प्रबन्धन के संबंध में यह माना जाता है कि यह कार्य शासन का है। आपदा से बचाने का कार्य शासन ही कर सकता है। इस प्रवृत्ति को बदलने की जरूरत है। ऐसे ही आपदा के स्वरूप को ले कर भी कई प्रकार की धारणाएं है। सामान्यतः छोटी आपदा को आपदा माना ही नहीं जाता है। वही आपदा जब बड़ा रूप धारण कर लेती है तो उस पर काबू पाने की कोशिश की जाती है। जरूरत इस बात की है कि आपदा के प्रबन्धन में प्रत्येक व्यक्ति को यह समझाया जाए कि कोई भी आपदा हो उस पर नियंत्रण की कोशिश प्रारंभ से ही कर देना चाहिए। प्राथमिक उपचार की कोशिशें प्रारंभ से ही कर दी जाए तो परिस्थितियां गंभीर हो ही नहीं। आम लोगों को प्राथमिक तौर पर किए जाने वाले प्रयासों के बारे में बताया जाना चाहिए और आम आदमी को प्रशिक्षण दे कर उसे इस काबिल बनाया जाना चाहिए ताकि वह आपदा नियंत्रण में अपनी भूमिका निभा सके। होमगार्ड के साथ अगर आम नागरिको का साथ होगा तो आपदा पर तुरंत नियंत्रण किया जा सकेगा।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी हरजिंदरसिंह ने कहा कि आपदा से बचाव के लिए व्यावहारिक से अधिक प्रायोगिक प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए। जिले में होमगार्ड जवानों द्वारा किए जा रहे कार्यांे की प्रशंसा करते हुए श्री सिंह ने कहा कि आपदा प्रबंधन से जुड़े अमले को तैरना अवश्य आना चाहिए। इसके लिए एक प्रायोगिक कार्यशाला का आयोजन भी किया जाए ताकि सभी को तैरने एवं आपदा से बचाव का उचित प्रशिक्षण मिल सके। इसके साथ्सा ही शारीरिक क्षमता के आंकलन के लिए भी कैम्प आयोजित किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि अक्सर आपदा के समय यह देखा जाता है कि अमले के पास आवश्यक उपकरण नहीं होते हैं। इसके लिए अमले को उपकरणों से लैस रखना चाहिए तथा आम नागरिकों के सहयोग के लिए उन्हें तैयार भी रखना चाहिए।
होमगार्ड के जिला कमांडंेण्ट आर. एस. खींची ने दो दिवसीय कार्यशाला में किए गए प्रयासों एवं प्रशिक्षणार्थियों द्वारा प्राप्त की गई जानकारियों से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि जिले में होमगार्ड के पास अमले की कमी है परंतु साढ़े तीन सौ जवानों में से अधिकांश को तैरना आता है एवं सभी को आपदा से निपटने के लिए तैयार किया गया है। जिले में किसी भी प्रकार की आपदा स्थिति का हल करने के लिए होमगार्ड के जवान सदैव तैयार रहते हैं।
कार्यशाला के समापन पर कार्यशाला में सहभागिता करने वाले सभी अधिकारियों-कर्मचारियों एवं अमले को स्मृति चिन्ह प्रदान किए गए। अतिथियों को स्मृति चिन्ह श्री खींची ने प्रदान किए। कार्यक्रम में पुलिस विभाग, मत्स्य पालन, चिकित्सा, उच्चशिक्षा सहित अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।