Taliban /तालिबान ने कहा- भारत बिना चिंता के अफगानिस्तान में अपने प्रोजेक्ट पूरे करे
नई दिल्ली,17 अगस्त (इ खबर टुडे)। ताबिलान के रुख में इस बार कुछ बदलाव देखा जा रहा है। इसकी एक और बानगी मंगलवार को उस समय देखने को मिली जब तालिबान की ओर से अफगानिस्तान के सरकारी कर्मचारियों से कहा गया कि वे अपनी दफ्तर लौट सकते हैं। साथ ही तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने साफ कहा है कि भारत को चिंता करने की जरूरत नहीं है और वह चाहे तो अफगानिस्तान में अपने डेवलपमेंट प्रोजेक्ट पूरे कर सकता है।
बकौल सुहैल शाहीन, भारत को चिंता करने की जरूरत नहीं है। भारत ने अफगानिस्तान की अवाम के लिए ये प्रोजेक्ट शुरू किए हैं। बहरहाल, भारत अभी इंतजार करेगा और यह देखेगा कि वहां किस तरह की सरकार बनती है।
अफगानिस्तान: पुरुष कर्मचरियों को अनुमति, लेकिन महिलाएं नहीं कर सकतीं काम
आतंकी संगठन की ओर से कहा गया कि सभी को सामान्य जीवन जीने की आजादी है। हालांकि महिलाओं को दफ्तरों में काम करने की छूट नहीं है। सोमवार को ऐसी ही कुछ महिला कर्मचारियों को उनके घर भेज दिया गया था और कहा गया था कि उनके स्थान पर परिवार के पुरुष काम पर आ सकते हैं। बता दें, 90 के दशक में तालिबान कहीं अधिक क्रूर था। तालिबान की कोशिश है कि उसकी सरकार को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर समर्थन मिले। यही कारण है कि हालात सामान्य बनाए जा रहे हैं।
अमेरिका के सम्पर्क में भारत के विदेश मंत्री और एनएसए
अफगानिस्तान के अलग-अलग हिस्सों में फंसे हुए 120 भारतीय लोगों को जल्द ही भारत लाया जाएगा। उन्हें एक या दो दिन में भारतीय वायु सेना के विमान से भारत वापस लाया जाएगा। सरकार से जुड़े सूत्रों ने यह जानकारी दी है। सोमवार शाम को, भारतीय वायु सेना का विमान कर्मचारियों और उपकरणों के साथ काबुल से भारत पहुंचा। विमान में 46 कर्मचारी और कुछ उपकरण भी थे। काबुल हवाईअड्डे पर अफरा-तफरी के कारण विमान सबसे पहले सुबह ताजिकिस्तान में उतरा। जब तक अमेरिकी सुरक्षा बल भीड़ को नियंत्रित नहीं कर लेते तब तक काबुल एयरपोर्ट में ऐसे विमानों का उतरना मुश्किल है।
सूत्रों के मुताबिक अफगानिस्तान में करीब 500 भारतीय अधिकारी और सुरक्षाकर्मी फंसे हुए हैं। इस बीच, भारत सरकार अमेरिका के साथ लगातार सम्पर्क में है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने समकक्ष अमेरिकी अधिकारियों से बात की है। भारत चाहता है कि अफगानिस्तान में फंसे भारतीयों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए और उनकी स्वदेश वापसी की कवायद की जाए।