November 1, 2024

Taliban Take Over : अफगानिस्तान पर अब तालिबान का कब्जा, सत्ता हस्तांतरण की प्रकिया जारी, अशरफ गनी तालिबान को सौंप रहे हैं सत्ता

काबुल,15 अगस्त (इ खबरटुडे)। अफगानिस्तान पर अब तालिबान का कब्जा हो चुका है। सत्ता हस्तांतरण की प्रकिया जारी है। सूत्रों के अनुसार, रविवार को नई अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में अली अहमद जलाली को चुना गया है। तालिबान को सत्ता हस्तांतरित करने के लिए अफगान प्रेसिडेंशियल पैलेस एआरजी में बातचीत चल रही है। खामा प्रेस न्यूज एजेंसी ने बताया कि राष्ट्रीय सुलह के लिए उच्च परिषद के प्रमुख अब्दुल्ला अब्दुल्ला के बारे में कहा जाता है कि वे इस प्रक्रिया में मध्यस्थता कर रहे हैं।

सूत्रों ने यह भी कहा है कि अली अहमद जलाली को नई अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में नियुक्त किया जाएगा। द खामा प्रेस न्यूज एजेंसी ने यह जानकारी दी है।

इस बीच, आंतरिक और विदेश मामलों के कार्यवाहक मंत्रियों अब्दुल सत्तार मिर्जाकवाल ने अलग-अलग वीडियो क्लिप में आश्वासन दिया कि काबुल के लोगों को सुरक्षित किया जाएगा क्योंकि वे अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों के साथ शहर की रक्षा कर रहे हैं। मिर्जाकवाल ने कहा कि काबुल पर हमला नहीं किया जाएगा। मिर्जाकवाल ने काबुल निवासियों को आश्वासन दिया कि सुरक्षा बल शहर की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे।

इससे पहले, तालिबान ने एक बयान में काबुल के निवासियों को डरने का आश्वासन नहीं दिया कि उनका इरादा अफगान राजधानी में सैन्य रूप से प्रवेश करने का नहीं है। उन्होंने शांतिपूर्ण सत्ता हस्तांतरण की बात कही।

आपको बता दें कि तालिबान ने हर तरफ से आज अफगान राजधानी काबुल में प्रवेश किया। इस दौरान उन्होंने बहुत कम ही प्रतिरोध का सामना करना पड़ा। टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार तालिबान ने अब अपने सदस्यों को काबुल गेट के पास इंतजार करने और शहर में प्रवेश करने का प्रयास नहीं करने का आदेश दिया है।

इस बीच, रूस, अफगानिस्तान के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक आपातकालीन बैठक बुलाने पर काम कर रहा है। अफगानिस्तान के लिए रूसी विशेष राष्ट्रपति के प्रतिनिधि ज़मीर काबुलोव ने रविवार को कहा, “हम बैठक बुलाएंगे। लेकिन इससे स्थिति नहीं बदलेगी, हमें इसके बारे में पहले सोचना चाहिए था और अब बैठक नहीं करनी चाहिए।”

शांति से कर दो सरेंडर, काबुल पर जबरदस्ती नहीं करेंगे कब्जा

रविवार को जैसे ही तालिबान के लड़ाके अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के बाहरी इलाकों में दाखिल हुए, तालिबान नेतृत्व ने यह भी दावा किया कि काबुल के नागरिकों का जीवन सुरक्षित है। उनका कहना है कि राजधानी काबुल पर बलपूर्वक कब्जा नहीं करेंगे। साथ ही उनका दावा है कि शांतिपूर्ण आत्मसमर्पण के लिए सरकार के साथ बातचीत जारी है। तालिबान के एक प्रवक्ता ने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को बताया है कि वे काबुल के शांतिपूर्ण आत्मसमर्पण के लिए अफगान सरकार के साथ बातचीत कर रहे हैं।

तालिबान के लड़ाकों ने राजधानी काबुल के बाहरी इलाकों में रविवार को प्रवेश कर लिया। चरमपंथियों की देश पर मजबूत होती पकड़ के बीच, घबराए सरकारी कर्मचारी दफ्तरों को छोड़कर भाग निकले। इसी दौरान अमेरिकी दूतावास पर हेलीकॉप्टर आ गए हैं। अफगानिस्तान के तीन अधिकारियों ने एसोसिएटेड प्रेस को बताया कि तालिबान ने राजधानी काबुल के बाहरी इलाकों में रविवार को प्रवेश कर लिया है। अधिकारियों ने बताया कि तालिबान के लड़ाके कलाकान, काराबाग और पघमान जिलों में मौजूद हैं। चरमपंथियों ने इससे पहले जलालाबाद पर कब्जा किया था।

काबुल में गोलीबारी की रूक-रूककर आ रही आवाज के बीच तालिबान ने काबुल को जबरदस्ती अपने कब्जे में नहीं लेने का संकल्प लिया। तालिबान के प्रवक्ता ने कहा कि वो शांतिपूर्ण हस्तांतरण का इंतजार कर रहे हैं। तालिबान ने कहा, ”किसी की भी जान, संपत्ति, सम्मान को नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा और काबुल के नागरिकों की जिंदगी पर खतरा नहीं होगा।

दूतावास छोड़ भागे अमेरिकी अधिकारी

राजधानी काबुल के बाहरी इलाकों में प्रवेश से पूर्व रविवार सुबह चरमपंथी संगठन ने जलालाबाद पर कब्जा कर लिया था। इसके कुछ घंटे बाद रविवार को अमेरिका के बोइंग सीएच-47 हेलीकॉप्टर यहां अमेरिकी दूतावास पर उतरे। अमेरिकी दूतावास के निकट राजनयिकों के बख्तरबंद एसयूवी वाहन निकलते दिखे और इनके साथ ही विमानों की लगातार आवाजाही भी देखी गई। हालांकि अमेरिका सरकार ने अभी इस बारे में तत्काल कोई जानकारी नहीं दी है। दूतावास की छत के निकट धुआं उठता देखा गया जिसकी वजह अमेरिका के दो सैन्य अधिकारियों के मुताबिक राजनयिकों द्वारा संवेदनशील दस्तावेजों को जलाना है। अमेरिकी दूतावास के निकट सिकोरस्की यूएस-60 ब्लैक हॉक हेलीकॉप्टर भी उतरे। इन हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल आमतौर पर सशस्त्र सैनिकों को लाने-ले जाने के लिए किया जाता है।

काबुल के अलावा जलालाबाद ही ऐसा इकलौता प्रमुख शहर था जो तालिबान के कब्जे से बचा हुआ था। यह पाकिस्तान से लगती एक प्रमुख सीमा के निकट स्थित है। अब अफगानिस्तान की केंद्रीय सरकार के अधिकार में देश की 34 प्रांतीय राजधानियों में से काबुल के अलावा छह अन्य प्रांतीय राजधानी ही बची हैं।

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