Show Cause Notice : लापरवाही पर कलेक्टर सख्त,पोषण आहार वितरण में प्रगति न होने पर चार परियोजना अधिकारियों को शो काज नोटिस
रतलाम 24 जुलाई(इ खबर टुडे)। कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने शनिवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में महिला बाल विकास विभाग के कार्यों की समीक्षा की। साथ ही जिला बाल संरक्षण इकाई, जिला बाल कल्याण समिति, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जिला स्तरीय टास्क फ़ोर्स समिति , प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना जिला स्तरीय समिति एवं सेल वन स्टॉप जिला स्तरीय समिति की संयुक्त की बैठक भी ली । बैठक में पुलिस अधीक्षक गौरव तिवारी भी मौजूद थे। कलेक्टर ने बैठक में पूरक पोषण आहार वितरण में प्रगति कमजोर पाए जाने पर जिले के चार परियोजना अधिकारियों को शोकाज नोटिस जारी करने के निर्देश दिए । परफॉर्मेंस सुधार नहीं किए जाने पर वेतन भी रोका जाएगा।
बैठक में कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास रजनीश सिन्हा, जिला बाल संरक्षण समिति के अध्यक्ष सुधीर निगम, सदस्य श्रीमती सुमित्रा आवतानी, सहायक संचालक अंकिता पंड्या, जिला विधिक सहायता अधिकारी श्रीमती पूनम तिवारी, जिला शिक्षा अधिकारी केसी शर्मा, नगर निगम आयुक्त सोमनाथ झरिया, डीएसपी महिला प्रकोष्ठ श्रीमती शीला सुराणा, प्राचार्य अग्रणी कॉलेज डॉ. संजय वाते भी उपस्थित थे।
गर्भवती महिलाओं की उचित देखभाल करें
कलेक्टर द्वारा की गई समीक्षा में रतलाम शहर क्रमांक दो ,पिपलोदा, जावरा ग्रामीण तथा आलोट परियोजना क्षेत्रों में पूरक पोषण आहार का वितरण प्रतिशत अत्याधिक कम पाए जाने पर सख्त नाराजगी व्यक्त करते हुए संबंधित सीडीपीओ को शोकाज नोटिस जारी करने के निर्देश दिए गए।
बच्चों में कुपोषण को दूर करने के लिए कलेक्टर ने निर्देश दिए कि विभाग गर्भवती महिलाओं की उचित देखभाल पर अपना फोकस करें । महिला की गर्भावस्था के प्रारंभ से ही यह ध्यान दिया जाए कि उसको उचित आहार तथा आवश्यक दवाइयां उपलब्ध कराई जाए इससे बच्चा कुपोषित नहीं होगा ।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना की समीक्षा के दौरान कलेक्टर द्वारा निर्देशित किया गया कि महिलाओं तथा युवतियों को कौशल संवर्धन उन्नयन प्रशिक्षण देने के साथ ही उनके रोजगार की भी उपलब्धता सुनिश्चित की जाना चाहिए, मात्र प्रशिक्षण देने से काम नहीं चलेगा। उनको प्लेसमेंट भी दिलवाया जाए। लाडली लक्ष्मी ,पीएम मातृ वंदना योजना की भी समीक्षा की गई।
परिवार के सभी बच्चों के मान से पोषण आहार दिया जाए
कलेक्टर श्री पुरुषोत्तम ने निर्देश दिया कि परिवार के सभी बच्चों के मान से पोषण आहार का वितरण किया जाए। कुपोषित बच्चों के घर पर सिर्फ कुपोषित बच्चों को यदि पोषण आहार दिया जाता है तो उसे बड़े एवं छोटे बच्चे भी यह पोषण आहार खा लेते हैं जिससे कुपोषित बच्चे को पूरा पौष्टिक आहार नहीं मिलता। आदिवासी क्षेत्रों में गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाली गर्भवती महिलाओं का विशेष ध्यान रखने का दायित्व आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को सौंपा जाए। उन्होंने कहा कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की पोषण को दूर करने के लिए प्रशिक्षण कराया जाए। सोसाइटी वाईज गर्भवती महिलाओं हेतु डाइट की प्लानिंग की जाए। कुपोषण दूर करने के लिए माइक्रो प्लानिंग किए जाने हेतु उन्होंने निर्देश दिए । उन्होंने कहा कि सैलाना एवं बाजना की गर्भवती महिलाओं की कैपेसिटी बिल्डिंग करें ताकि स्थिति में सुधार हो । यदि गर्भवती महिला स्वस्थ होगी तो बच्चा स्वस्थ होगा और कुपोषण समाप्त हो जाएगा। बैठक में शहरी विकास अभिकरण महिला एवं बाल विकास विभाग के समस्त परियोजना अधिकारी मौजूद थे।