November 17, 2024

MP Board 12th Exam Canceled/मध्‍य प्रदेश में भी 12 वीं बोर्ड की परीक्षा रद्द

भोपाल,02 जून (इ खबरटुडे)। केंद्र सरकार ने इस साल सीबीएसई 12वीं की परीक्षा भी रद कर दी है।इसके बाद मप्र बोर्ड 12 वीं की परीक्षा भी रद कर दी गई है । इससे पहले दसवीं की परीक्षा भी रद्द हो गई थी।

अब बारहवीं की परीक्षा रद होने फैसले को लेकर शिक्षाविदों का मानना है कि परीक्षा करियर के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है, इसलिए इसे रद्द नहीं करना चाहिए। वहीं सीबीएसई बारहवीं के विद्यार्थियों का कहना है कि परीक्षा कैंसिल होना सही फैसला है, लेकिन ऑनलाइन परीक्षा लेकर तब रिजल्ट तैयार होना चाहिए। बता दें, कि राजधानी में 96 सीबीएसई स्कूलों के एक लाख 30 हजार विद्यार्थी बारहवीं परीक्षा में शामिल होने वाले थे। परीक्षा को लेकर पूरी तैयारी कर ली गई थी।

मप्र बोर्ड दसवीं की परीक्षा रद कर दी गई है और बारहवीं की परीक्षा की तिथि घोषित करने को लेकर जल्द ही निर्णय होने वाला था, लेकिन सीबीएसई 12वीं की परीक्षा रद होने के बाद अब मप्र बोर्ड भी परीक्षा को लेकर विचार करेगा। बुधवार को 12वीं परीक्षा को लेकर स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री अधिकारियों के साथ बैठक लेंगे। यह बैठक मंत्रालय में होनी है।

इसके बाद स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार का बयान आया है। उनके अनुसार CBSE 12 वीं की परीक्षा को रद्द कर पीएम मोदी ने छात्रों के हित में लिया निर्णय। एमपी बोर्ड को लेकर आज होगा निर्णय। सीएम शिवराज के साथ होगी बैठक। विकल्पों पर कर रहे विचार। छात्रों के हित में करेंगे निर्णय। भारत सरकार की मंशा के अनुरूप होगा निर्णय।

प्रदेश में 15 जून से छात्रों के एडमिशन की प्रक्रिया होगी शुरू। फिलहाल स्कूल नहीं खुलेंगे।निजी स्कूल फीस की मनमानी पर बोले मंत्री। कहा- रिकार्ड बुलाकर करेंगे समीक्षा। मनमानी के खिलाफ करेंगे वैधानिक कार्रवाई। स्कूल में ऑनलाइन पढ़ाई को लेकर कर रहे प्लानिंग।छात्रों को दी जाने वाली सुविधा पर कर रहे विचार।जल्द जारी होंगी गाइडलाइन।

इंदर सिंह परमार, स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री
-सीबीएसई या मप्र बोर्ड किसी में भी 12वीं की परीक्षा रद नहीं होनी चाहिए। जुलाई में भी परीक्षा ली जा सकती थी। इसके आधार पर बच्चों के एडमिशन और करियर की दिशा तय होती है।

एके दीक्षित, शिक्षाविद
सीबीएसई 12वीं बोर्ड को रद करना बच्चों के हित में सही फैसला है, लेकिन मप्र शासन को बोर्ड के संबंध में निर्णय अपने राज्य की स्थिति को देखकर लेना चाहिए।

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