ब्लैक फंगस ने दी बिहार में दस्तक, पटना में मिले पांच मरीज
पटना ,13 मई (इ खबर टुडे)।कोरोना महामारी के दौर में बिहार में ब्लैक फंगस (म्यूकोरमायकोसिस) ने भी दस्तक दे दी है. बुधवार को ब्लैक फंगस से संक्रमित पांच मरीजों का एम्स पटना और आइजीआइएमएस में इलाज किया गया.डॉक्टरों के अनुसार कोरोना काल में अचानक इसके मामले बढ़े हैं.
इस तरह का संक्रमण कोरोना वायरस से छुटकारा पाने के लिए स्टेराॅयड काे बिना डॉक्टर की सलाह के लेने या अधिक डोज लेने के कारण हो रहा है.एम्स, पटना के कोविड-19 के नोडल पदाधिकारी डाॅ संजीव कुमार ने बताया कि इस बीमारी से संक्रमित दो मरीज भर्ती हैं, जबकि दो लोगों को ओपीडी में देखा गया है. वहीं, आइजीआइएमएस में भर्ती एक मरीज में ब्लैक फंगस मिला है. वह मुजफ्फरपुर की रहने वाली है.डाॅ संजीव कुमार ने बताया कि कुछ लोग कोरोना वायरस से निजात के लिए अधिक मात्रा में स्टोराॅयड ले लेते हैं. इसके कारण इम्यूनिटी कमजोर होने से इसका जोखिम बढ़ जाता है. शूगर के मरीजों में इसका खतरा अधिक है.
उन्होंने बताया कि ऐसे मरीजों को इंडोस्कॉपी से ही जांच की जा सकती है, जिससे मरीज में काला धब्बा दिखता है.
जा सकती है आंखों की रोशनी
एम्स, पटना के कोविड-19 के नोडल पदाधिकारी डॉ संजीव कुमार ने बताया कि ब्लैक फंगस के कारण मरीजों की आंख में दर्द, नाक के पास दर्द और चेहरे के अन्य भागों में दर्द होता है. जोखिम यह है कि यह फंगस साइनस के माध्यम से ब्रेन में पहुंच जाता है, जो अधिक खतरनाक होता है. इससे आंखों की रोशनी भी जा सकती है.