Corona Dairy-6 लॉकडाउन का अन्तिम दिन… और पहला भी
वैदेही कोठारी
14 अप्रेल 2020
आज लॉ$कडाउन का अन्तिम दिन है,और सेकंड लॉकडाउन का पहला दिन भी है। कहने का तात्पर्य यह है कि 21 दिन का पहला लॉकडाउन आज पूरा हो गया है। आज मोदी जी के सम्बोधन ने आज से फिर लॉकडाउन बढ़ा दिया है,3 मई तक।
आज सुबह 10 बजे प्रधान मंत्री जी का सम्बोधन था। लॉकडाउन पर सम्बोधन में कहा वापस से स्ट्रीक्ट लॉकडाउन ही रहेगा 3 मई तक। अगर संक्रमित लोगो की संख्या में कमी आई तो कुछ छूट मिल सकती है। अन्यथा वह भी नही मिलेगी। खैर हमें तो देश के हित में रहकर लॉकडाउन पूर्ण पालन करना है। हमें तो राक्षस रूपी कोरोना को हराना है। कई लोगो को आशा थी कि कुछ दिनों की छूट मिल जाएगी। पर जिस तरह कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ती जा रही है,उसके अनुसार पूरे देश को फिर लॉकडाउन कर दिया गया19 दिनो के लिए।
एक और पाजिटिव मिलना हमारे रतलाम के लिए दुख दाई खबर थी। खैर क्या कर सकते है। रतलाम का पहला पाजिटिव का बेटा ही दूसरा पाजिटिव केस निकला। पहले पाजिटिव वाले परिवार को पहले से ही क्वारंटाइन कर रखा था। तो कोई परेशानी नही अब उसे आइसोलेशन में पहुचा दिया गया।
आज भारत में कोरोना संक्रमित 10815 हो चुकी है,और मरने वालों की 350 हो गए है। मध्य प्रदेश में 730 ने संक्रमित। अब रोज 100 से अधिक संक्रमित हो रहे है। मरने वालों की संख्या भी बढ़ती जा रही है।
आज फिर पायल (बदला हुआ नाम)का फोन आया। उससे पहला सवाल यही था कि आ गई रतलाम। वो बोली नही यार,नही आई। आज पति से झगड़ा हो गया है। मैने पूछा क्यों?तो बोली मेरे यहां रहने पर,मैने कहा तुम तो मजबुरी में रह रही हो। जानबुझकर थोडी न रह रही हो। उसके पति पहले लेने जा रहे थे किंतु उसने मना कर दिया था। इसलिए आज दोनो में खट पट हो गई। पायल को अब बहुत बुरा लग रहा है। मुझसे बात करते करते पायल रोने लगी और बोली क्या करु यार? कुछ समझ नही आ रहा है। मेरे सास ससुर विडियों कॉल से बेटे से बात करते है,बोलते है तुम्हारे बीना घर सुना सुना लग रहा बोलते बोलते उनके आंखो से आसूं आ जाते है.इधर बेटा भी उनको याद करके रोता है। अभी वह पांच साल का है,उसे क्या पता कि लॉकडाउन क्या होता है? उसे जैसे तेैसे समझाकर चुप कराती हूं। उनको देखकर मुझे भी रोना आ जाता है। पायल बोली काश मेरे पास जादुई गाड़ी होती तो उड़ कर चली जाती। पायल बोली पहले सोचा था कि 14 को खत्म हो जाएगा,किंतु मोदी जी ने फिर बढ़ा दिया ला$कडाउन। यार ये लॉकडाउन हमारी जुदाई बढ़ा रहा है। पता नही कब रतलाम पहुंच पाउगीं। मैने उसे समझाया चिंता मत कर सब ठीक हो जाएगा।
गर्मी भी फुल अपने सबाब पर आ गई थी। इसलिए आज हमने कुलर चालु करने का काम किया। कुलर टान पर होता है इसलिए मेरे से नही उतरता। तुषार और उनके दोस्त मिलकर कुलर उतारा फिर उसे खिड़की के बाहर स्टेंड पर रख दिया गया। सभी के लिए मैने अच्छी अदरक वाली चाय बनाई,सभी को धन्यवाद कहा। चलो कुलर तो चालु हो गया। सबको बाहर तक छोड़ा गेट बंद कर ही रही थी कि इतनी देर में सब्जी की मेजिक गाड़ी आ गई। सभी ने सोशल डिस्टेंस के साथ सब्जियां खरीदी। सब्जियों के छोटे छोटे किट बने हुए थे। एक किट 100 रुपये में था। किट के अंदर गिल्की,लोकी,करेला,ककड़ी,हरी मिर्ची,टमाटर और धनिया था। खरीद तो लिया किंतु कुछ टमाटर मिर्ची सडी़ थी। खैर लॉकडाउन में ये भी मिल गया तो ये गनीमत है। इसी तरह आज हमने फलों की भी किट खरीदी 100 रुपये में। किट के अंदर एक किलो आम और आधा किलो अंगुर निकले। ये अच्छी बात है कि कुलर चालु हो गया ।
आज के अखबार में अजय भैया(जेठ जी)का फोटो व्ययाम करते हुए फोटो आया। उन्होने वही फोटो मुझे वाट्सअप भी भेजा,मैने देखा उनको तुरंत फोन लगाया बधाई देने के लिए। भैया ने फोन उठाया। उनको बधाई दी,मैने कहा बहुत अच्छा लगा आपको अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक देख कर। आप से मुझे सीखना चाहिए। उन्होने कहा हमतो कम करते है। किंतु आप तो कितना अच्छा लिखते हो। आपका कोरोना वाला आर्टिकल पढ़ा बहुत अच्छा लगा। बहुत ही सटिक एवं सही लिखा। मैने उनको धन्यवाद कहा। उनकी बेटी ने उनसे एक सवाल पूछा कि काकी हिंदू सपोर्ट में लिखती है या मुस्लिम में,उन्होने ये बात मुझे बताई तो बड़ा अजीब लगा फिर मैने उनसे पूछा आपने क्या जवाब दिया तब वह बोले वह निष्पक्ष लिखती है। मानवता और समाज हित के लिए लिखती है। ये सुनकर अच्छा लगा। उनको कहा बहुत अच्छा जवाब दिया। फिर उन्होने भाभी से बात कराई,उनसे उनके हालचाल पूछा उनकी दिनचर्या पूछी तो जानकर बहुत अच्छा लगा। उन्होने बताया दिन की शुरूआत योग से होती है। उसके बाद घर के काम फिर शाम के भोजन के बाद छत पर सभी लोग आ जाते है,उनकी दोनो जिठानी बच्चे सभी जन लूडो,पत्ते और भी गेम सभी साथ में खेलते है। अच्छा लगा सुनकर की कोरोना ने सभी एक साथ कर दिया है.। वरना कहां किसको फूर्सत होती है। साथ बैठने की।