Corona Dairy 5 लॉकडाउन समाप्त होने में सिर्फ एक दिन बाकी
-वैदेही कोठारी
13 अप्रेल 2020
आज लॉकडाउन का 20 वा दिन है। लॉकडाउन का दिन है। लॉकडाउन समाप्त होने होने में शैष एक दिन बाकी है। डब्ल्यु एच ओ के अनुसार स्वाइन फ्लू से 10 गुना खतरनाक है कोरोनो वायरस। हेल्थ मिनिस्टर के अनुसार तीसरी स्टेज पर नही जाएगा कोरोना। चलो ये तो अच्छी खबर मिली। आज कोरोना को 20 दिन हो गए है। लेकिन संक्रमित मरीजों की संख्या में कोई कमी नही आई। आज भारत में 9352 नए संक्रमित हो चुके है। मध्य प्रदेश में 614 नए मरीज। 50 लोगों की मौत भी हो गई है। कल फिर 10 बजे मोदी जी का सम्बोधन है। देखते है,क्या होता है? लॉकडाउन बढ़ता है या कुछ रिहाई मिलती है।
आज मेरी वंदना ताई से(मेरी बड़ी ननद) से हुई,बहुत दिनो बाद उनके हालचाल पूछे तब उन्होने बताया कि उन्हे 15 दिनों के लिए क्वारनटीइन रखा गया था। कुछ दिनों पहले वह आस्ट्रेलिया गई थी,वहां एक महीने भर रुकी और वापसी का टिकट करा लिया था। जब तक उन्हे कोरोना की कोई ज्यादा जानकारी नही थी। इस तरह फैलेगा यह मालुम नही था। जब वह फ्लाईट से दिल्ली पहुंची तो एयरपोर्ट पर सभी लोगों का चेकअप हो रहा था। कई लोगों को तो घर भेज दिया। किंतु 60 प्लस के जितने भी लोग थे उन्है 15 दिनों के लिए क्वारनटीन कर दिया गया। ताई जीजा जी 15 दिनों के लिए क्वारनटीन रहना पड़ा। उनको 18 मंजिला बिल्डिंग में सभी 60 प्लस वालों को रखा गया था। वहां सभी को एक रुम किचन अटेच लेट बॉथ वाले रुम दे रहे थे। एक फ्लेट में दो लोगों को रहना था। ताई जीजा जी एक फ्लेट में रुके। वहां पर प्रशासन ने बहुत अच्छी व्यवस्था कर रखी थी। सुबह शाम नाश्ता भोजन,गर्म पानी चाय,कॉफी के पाउच साथ में मिनरल वाटर भी प्रत्येक रुम में रखे हुए थे। सोने के लिए भी बढिय़ा फोल्डिंग वाले बिस्तर थे.आस पास हरियाली व खुला हुआ मेदान था। उनके 12 दिन तो बहुत अच्छे निकले किंतु 12 वे दिन की रात को तबलीगी जमात वाले लोगों को भी उसी बिल्डिंग के नीचे वाले फ्लेट में रखा गया था। तब से यहां का माहौल ही बदल गया। बहुत तेज नीचे से आवाजे आने लगी,बाहर देखो तो उन्होने खाने की झुटी प्लेटस डस्टबीन में न डालते हुए उन्होने बाहर खुले में फैक दी। बाहर कहीं भी टायलेट कर रहे थे। जिसके कारण डॉक्टरस और सफाईकर्मी भी परेशान हो रहे थे। ताई जीजा जी को 14 दिन में डिस्चार्ज कर दिया था। खैर ताई से बात करके अच्छा लगा। कि वह ठीक है और सुरक्षित अपने घर गुडग़ांव पहुंच गए।
ताई से बात खत्म ही हुई थी, कि रोहित सर(जन अभियान परिषद परामर्शदाता)घर आ गए। हम दोनो ने आंगन में ही गरीब जरूरत मंदो के लिए सुखा खाद्य सामान के अलग अलग पैकेट तैयार किये। दाल,चावल,आटा,नमक,तेल,बिस्किट,मिर्च मसाला,आलु प्याज सभी सामग्री का एक एक पैकेट तैयार किया,ताकी हम जरूरतमंदो को दे सके। इस काम को करते करते 6 बज गए पता ही नही चला। सारे पैकेट मैने रोहित सर को ही दे दिये। क्योंकि मेरा बाहर जाना मुमकिन नही था। उन्होने ने ही सभी जगह दे दिये।