November 22, 2024

Corona Dairy3 यमराज गुस्साएं हुए धरती पर कोरोना के रुप में आए हुए

-वैदेही कोठारी

11 अप्रेल 2020

आज लॉकडाउन का 18वा दिन है। ऐसा लग रहा कि यमराज गुस्साएं हुए धरती पर कोरोना के रुप में आए हुए है। मरने वालों की संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है। संक्रमण रुकने का नाम ही नही ले रहा है। दोनो दिन प्रति दिन बढ़ते जा रहे है।
मध्य प्रदेश में अब तक 78 और नए संक्रमित मामले सामने आ गए है। 40 से अधिक लोगों की मौत हो गई है। अभी तक मध्य प्रदेश में 529 लोग संक्रमित हो चुके है भारत में 7529 संक्रमित हुए।
आज की सुबह सामान्य ही थी,न कोई सब्जी वाला,नाही किसी गाड़ी की आवाज चारों तरफ सुनसान वाला माहैल ही था। 10 बजे तक स्वीपर भाभी आए तब कुछ लोग बाहर निकले,कचरा डालने। मैं भी बाहर गई तो भाभी बिल्कुल पहचानने में नही आ रहे थे। पूरा शरीर ढका हुआ मास्क,ग्लब्स,साथ ही कचरे गाड़ी के साइड में पोलिथीन में रखा हुआ सेनिटाइजर ये सब देख मुझे बहुत अच्छा लगा। मैने भी कचरा गाड़ी में डाला और भाभी से दूर से ही उनके हाल चाल पूछ ही रही थी कि घर के पास में रहने वाले भैया पूछने लगे जवाहर नगर में भी कोई पाजिटिव मिला क्या? मैने कहा ऐसी कोई जानकारी तो नही अभी तक। वो बोले स्वीपर भाभी बोल रहे थे। मैने कहा वहां तो कोई नही निकला। कल मोचीपूरा में जरूर एक कोरोना पाजिटिव मिला है। जो कि पहले से ही आइसोलेशन में था। उसका परिवार कोरोनटाइन में रह रहे है। यह रतलाम का पहला पाजिटिव केस था। जैसे ही उसकी रिर्पोट पाजिटिव आई थी। वैसे ही प्रशासन ने सख्ती से पूरे रतलाम में कफर््यु लगा दिया और मोचीपूरा,हाथी खाना,लोहार गली सील कर दी है। अब सभी को डर लग रहा है कि पता नही और कितने लोग पाजिटिव निकलेगें। खैर
आज का दिन बड़ा अच्छा निकला क्योंकि चिंतन ने आज दिन भर बासुरी बजाई और मैं अपनी किताब पढ़ रही थी। बड़ा मनोहर दृश्य था। चिंतन का बासुरी बजाना सभी को अच्छा लगता है। कई बार वह घर के आंगन में बासुरी बजाता तो आस पास के लोग सुनने आ जाते है।
आज एक विडियो देखा,उस विडियों में फल वाला फलों में थूक लगाकर ठेले पर बेचने के लिए जमा रहा था। वो देख कर बड़ा गंदा भी लगा और डर भी। मैने ये विडियों तुषार को दिखाया। तुषार ने विडियो देखा और कहा अब फल खाना तुरंत बंद कर दो। जो भी इससे फल खरीदेगा उसे भी कोरोना हो जाएगा। लो आज से फल खरीदना भी बंद।
आज मेरी दोस्त पायल का फोन आया। वह बड़ी परेशान और चिंतित थी। मैने पूछा क्या हुआ? इतनी उदास-उदास होकर बात कर रही है। अभी तो मायके में है फिर क्यों उदास है? बोलने लगी कुछ करो यार,एक महिना हो गया है। मुझे नागदा में। लॉकडाउन के चक्कर में,और मेरे पति रतलाम में हैं। बहुत दिन हो गए अब याद आने लगी है। बेटे को भी और मुझे भी। वो भी लॉकडाउन में दिन भर घर पर ही अकेले रहते है। उनको भी याद आ रही है,मुझे भी। कुछ उपाय करो यार। तुम और तुम्हारे पति तो पत्रकार है। कुछ तो कर सकते हो। मुझे रतलाम आना है। मैने भी उसे आसवासन दिया है। यहां लाने के लिए देखो अब क्या होता है।
लॉकडाउकन ने भी कितनों को परिवार को दूर कर दिया है। कितने प्यार करने वालों को मिलने भी नही दे रहा है।

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