पत्रकारिता पाखण्ड की पीठ पर चुनौतियों का चाबुक,लोकमंगल की पत्रकारिता करें पत्रकार, नारद जयन्ती पर प्रख्यात साहित्यकार प्रो.अजहर हाशमी ने कहा(देखें विडीयो सन्देश)
रतलाम,9 मई (इ खबरटुडे)। देवर्षि नारद इस ब्रम्हाण्ड के प्रथम और दिव्य पत्रकार है,जिन्होने सदैव लोकमंगल की पत्रकारिता की। वर्तमान समय में मीडीयाकर्मियों को नारद जी से प्रेरणा लेकर लोकमंगल की पत्रकारिता करना चाहिए।
उक्त उद्गार प्रख्यात साहित्यकार एवं चिंतक प्रो.अजहर हाशमी ने नारद जयन्ती के उपलक्ष्य में इस संवाददाता से विशेष चर्चा करते हुए व्यक्त किए। प्रो.हाशमी ने कहा कि नारद जी तीनों लोकों में संवाद का दिव्य सेतु बनाते है। वे दिव्य संवाद के सेतु निर्माता है और इस सेतु निर्माण में सदैव लोकमंगल का लक्ष्य छुपा होता है,इसलिए वे इंसानियत के इंजीनियर भी है।
आदि संवाददाता देवर्षि नारद के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए प्रो. हाशमी ने कहा कि नारदी की पत्रकारिता में सजगता,सतर्कता,सत्यता,पारदर्शिता,प्रामाणिकता और संप्रेषणीयता है। ïवे टेबल रिपोर्टिंग नहीं करते,स्पाट रिपोर्टिंग करते है। ये उन्ही के संवादों का असर था कि राम ने रावण का और कृष्ण ने कंस का वध किया। अगर नारद जी संवाद नहीं पंहुचाते तो रावण और कंस वध की भूमिका ही नहीं बनती। नारद जी को कोई लोभ नहीं है। वे सत्य की खोज करते हैैं। स्पाट रिपोर्टिंग के साथ ही खोजी पत्रकारिता की बुनियाद भी सबसे पहले उन्ही ने रखी।
प्रो.हाशमी ने कहा कि पत्रकारिता सुविधाओं का सोफा नहीं बल्कि चुनौतियों की चटाई है। यह पाखण्ड की पीठ पर चुनौती का चाबुक है जो पाखण्ड को खण्ड खण्ड कर देता है। नारद जी ने अपने संवादों से यही किया। वर्तमान युग के मीडीयाकर्मियों को नारद जी के व्यक्तित्व से प्रेरणा लेकर सत्य की पत्रकारिता करना चाहिए। प्रो. हाशमी ने कहा कि आज कल कुछ मीडीया संस्थान खबरें गढते हैैं फिर उन्हे पढते हैैं और गलत साबित हो जाने पर दूसरों के माथे दोष मढते हैैं। नारद जी कभी फेकन्यूज नहीं देते। इसलिए मीडीयाकर्मियों को फेक न्यूज से बचना चाहिए और लोकमंगल की पत्रकारिता करना चाहिए। नारद जयन्ती के उपलक्ष्य में प्रो.हाशमी जी ने मीडीयाकर्मियों के लिए अपना विडीयो सन्देश भी दिया।