पेयजल जागरूकता सप्ताह पर केन्द्रित कार्यशाला संपन्न
रतलाम 6 फरवरी (इ खबरटुडे) जिले में 20 फरवरी से आरंभ होने वाले राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल जागरूकता सप्ताह की रूपरेखा के निर्धारण के लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग एवं उद्यमिता विकास केन्द्र व्दारा गत दिवस रोटरी हाल में जिला स्तरीय प्रशिक्षण सहकार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में कार्यपालन यंत्रीलोक स्वास्थ्य यांत्रिकी संतोष साल्वेने राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल जागरूकता सप्ताह के दौरान होने वाली गतिविधियों के बारे में विस्तृत ज्पानी से होने वाली बीमारियों का ब्यौरा देते हुए कहा कि शुद्ध पेयजल स्त्रोतों की उपलब्धता में कमी को देखते हुए जनमानस में जागरूकता लाने की दृष्टि से स प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन बेहद प्रासंगिक है। जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास सी.एल.पासी ने स्वस्थ शरीर के लिए पौष्टिक आहार के साथ शुद्ध पेयजल व शुद्ध वातावरण की आवश्यकता को रेखांकित किया। कार्यशाला के दौरान पेयजल स्त्रोतों के रख-रखाव,ठोस एवं तरल अपशिष्ट पदार्थों के उचित प्रबंधन,भू-जलसंवर्धन एवं संरक्षण की संभावनाओं का पता लगाने और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के एएनएम व आशा कार्यकर्ता के सहयोग से पेयजल स्त्रोतों का फील्ड टेस्ट किट से परीक्षण जैसे मसलों पर व्यापक विचार-विमर्श हुआ।
इसके अलावा यह निर्णय भी लिया गया कि स्कूलों में पेयजल एवं स्वच्छता विषय पर भाषण एवं वाद-विवाद प्रतियोगिताओं एवं रैलियों का आयोजन किया जाए। महिला एवं बाल विकास विभाग की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं के माध्यम से प्रत्येक घर तक पेयजल एवं स्वच्छता के बारे में जागृति संदेश पहुंचाने का भी फैसला हुआ। कार्यशाला के दौरान पूरे देश में पेयजल,स्वच्छता और जनभागीदारी के संदर्भ में मॉडल बन चुके महाराष्ट्र के ग्राम हिवड़े बाजार पर तैयार लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया। साथ ही पेयजल गुणवत्ता की पंचायत स्तर पर फील्ड टेस्ट किट से की जा रही जांच का प्रदर्शन रसायनज्ञ कु. नीहारिका व्यास एवं अखिलेश तिवारी व्दारा कियागया।इस मौके पर सहायक यंत्री संजय शर्मा ने भी विचार व्यक्त किए। कार्यशाला में कार्यपालन यंत्री आरःइ एस ए.के.संतोषी,जिला शिक्षाअधिकारी जे.के.शर्मा,जल संसाधनव मत्स्य विभाग के अधिकारी,जिला सलाहकार आःइ सी व एचआरडी तथा रसायनज्ञ और विकासखण्ड समन्वयक मौजूद थे। रसायनज्ञ लोकेश डायमा ने अतिथियों का आभार माना।