December 27, 2024

फायनेंस कंपनी के मैनेजर राहुल बैरागी की हत्या खुलासा

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बदनावर (धार)09 जनवरी(इ खबरटुडे)। बेल स्टार इनवेसमेंट एंड फायनेंस कंपनी के मैनेजर राहुल पिता महेंद्र बैरागी निवासी दीनदयाल नगर (रतलाम) के अंधेकत्ल की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली। लूट की नीयत से जीप में सवार होकर शिकार ढूंढने के लिए निकले चार आरोपियों ने मैनेजर को बदनावर चौपाटी पर सूट-बूट में खड़ा देखकर लिफ्ट दी थी, लेकिन मैनेजर की जेब से जब 80 रुपए ही निकले और बैग और जैकेट में भी कुछ नहीं मिला, तो आरोपियों ने गुस्से में उसका गला दबाकर हत्या कर दी।पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया, जहां से एक दिन का रिमांड मिल गया। घटना में शामिल एक आरोपी फरार है। गौरतलब है कि 13 दिसंबर की सुबह मॉडल स्कूल के सामने पेटलावद मार्ग पर शव मिला था। मुंह और गले पर चोट के निशान थे। बाद में परिजनों ने आकर शव की पहचान की थी। राहुल के पास से सामान में बैग, जैकेट, जूते, घड़ी, अंगूठी नहीं मिली थी। इस पर पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच प्रारंभ की, तो मामला हत्या का निकला। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गला घोंटकर हत्या करना पाया गया था। इससे अनुमान लगाया गया कि राहुल का कहीं ओर गला घोटा गया। बाद में लाश मॉडल स्कूल के पास रोड किनारे झाड़ियों में फेंक दी गई थी। इस पर पुलिस ने अज्ञात व्यक्तियों के विरुद्ध हत्या का प्रकरण कायम कर मामला विवेचना में लिया था।

प्रारंभिक पड़ताल में नहीं मिली सफलता
तफ्तीश में पुलिस को पता चला कि राहुल आखिरी बार 12 दिसंबर की शाम को बदनावर चौपाटी पर खड़ा हुुआ देखा गया था। रतलाम से वह रोज आना-जाना करना था। डेढ़ माह पहले ही यहां स्थानांतरित होकर आया था। चौपाटी पर एक होटल के सीसीटीवी फुटेज से उसके वहां होने की पुष्टि हुई थी।

उसके घर नहीं पहुंचने पहुंचने पर परिजनों ने रतलाम में गुमशुदगी दर्ज करवाई थी। घटनास्थल और फोरलेन चौपाटी पर ऐसे कोई सबूत नहीं मिले, जिसके आधार पर किसी पर शंका की जा सके। पुलिस ने मृतक के परिजनों, दोस्तों, स्टाफ के लोगों एवं रिश्तेदारों से सघन पूछताछ की। प्रेम प्रसंग, लेन-देन की बात, दुश्मनी, पारिवारिक विवाद आदि बिंदुओं को फोकस करने के बाद भी कोई नतीजा नहीं निकला।

दोस्त के मोबाइल रिकार्डिंग ने निभाई अहम भूमिका
पुलिस जांच में राहुल ने अंतिम समय में अपने दोस्त राहुल जैन से मोबाइल पर बात की थी, जिसकी रिकार्डिंग ने हत्या के खुलासे में अहम भूूमिका निभाई। पुलिस ने राहुल के दोस्त जैन के मोबाइल की रिकार्डिंग सुनी, तो उसमें राहुल द्वारा तूफान से रतलाम आने का उल्लेख मिला। इस पर पुलिस ने सीसीसीटीवी फुटेज एक बार फिर देखी। इसमें सफेद रंग की तूफान का साइड वाला हिस्सा दिखा।

इस पर ब्लू रंग के पट्टे के अलावा अन्य कोई पहचान, नंबर या नाम आदि नहीं थे। इस पर पुलिस को उक्त वाहन का पता लगाना नामुमकिन लग रहा था। फिर भी उसने इसी दिशा में जांच आगे बढ़ाया। वाहन की तलाश रतलाम व झाबुआ जिले में भी की गई, तो पता चला कि तूफान जीप में इस प्रकार के पट्टे झाबुआ जिले की पेटलावद क्षेत्र के वाहनों में पाए जाते हैं।

इस पर पुलिस पेटलावद पहुंची और पूछताछ की, तो हत्या में प्रयुक्त हुआ वाहन का पता चल गया। एमपी-09, बीडी-2329 तूफान वाहन गल्ला पिता मेघा खराड़ी के नाम पर दर्ज था। वाहन मालिक ने बताया आरोपी राजेंद्र अपनी पत्नी की तबीयत खराब होने का बहाना बनाकर उससे वाहन मांगकर ले गया था। पुलिस ने उसे पकड़कर पूछताछ की, तो सारी हकीकत सामने आ गई।

ऐसे की गई थी हत्या
मामले में पुलिस ने राजेंद्र उर्फ राजेश (22) पिता भूरजी हटीला निवासी ग्राम अजब बोराली थाना पेटलावद, आकाश (20) पिता भीलजी डामर निवासी तालाबपाड़ा, मुन्ना (26) पिता भूरजी निवासी मेलपाड़ा को गिरफ्तार कर पूछताछ की। जबकि एक आरोपी राजू (30) पिता मडियामाल निवासी मसानिया फरार है।

पुलिस ने बताया कि आरोपी आए दिन वाहन में सवारियां बैठाकर लूटपाट करते थे। 12 दिसंबर को भी जब वे लूट की नीयत से शिकार ढूंढने के लिए निकले, तो बदनावर चौपाटी पर सूट-बूट में एक युवक रतलाम जाने के लिए खड़ा हुआ दिखाई दिया।

उन्होंने उसे जीप में बैठाया तथा कुछ दूूर आगे जाकर उसकी तलाशी ली, लेकिन उसकी जेब से 80 रुपए ही मिले। बैग एवं जैकेट में भी कुछ नहीं मिला। इस पर आरोपियों ने और रुपए बताने की बात को लेकर उसका गला दबा दिया। इससे उसकी मौत हो गई। उसकी लाश को ठिकाने लगाने के लिए तूफान वाहन को उन्होंने वापस बदनावर की ओर मोड़ दिया तथा बड़ी चौपाटी एवं बखतगढ़ मार्ग होते हुए पेटलावद मार्ग पहुंचे।

बदनावर के आगे मॉडल स्कूल के सामने उसकी लाश झाड़ियों में फेंक दी। आरोपी वाहन को फोरलेन पर ले जाने से बचे, ताकि बिलपांंक व बोराली स्थित टोल बैरियर पर सीसीटीवी कैमरे में वाहन की तस्वीर और नबंर न आ सके। आरोपियों ने राहुल का मोबाइल तोड़कर रास्ते में एक तालाब में फेंक दिया, ताकि कोई सबूत न रहे।

एसपी ने की टीम को पुरस्कृत करने की घोषणा
मामले का पर्दाफाश करने में एसपी बीरेंद्रसिंह के निर्देशन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अजयसिंह, रायसिंह नरवरिया तथा एसडीओपी कैलाश मालवीय के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी सुनील गुप्ता, उपनिरीक्षक शरद पाटील, बीके कनोजिया, सहायक उप निरीक्षक अब्दुल रज्जाक खान, प्रधान आरक्षक दिनेश सिसौदिया, दुर्गाप्रसाद, आरक्षक अनिल द्विवेदी, संतोष यादव, सर्वेशसिंह सोलंकी, मेहरबान, देवीसिंह की महत्वपूर्ण भूमिका रही। एसपी ने टीम को पुरस्कृत करने की घोषणा की।

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