किसानों ने रोकी रेल..
कैन्द्र सरकार की किसान विरोध नितियों के खिलाफ किया प्रदर्शन
रतलाम,3 अप्रैल (इ खबरटुडे)। रतलाम, 3 अप्रैल (इ खबरटुडे)। कैन्द्र सरकार के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी किसाना मोर्चा ने मंगलवार को रेल रोकों आंदोलन किया। इसके पूर्व स्थानीय दो बत्ती चौराहे पर आमसभा हुई, जिसे वरिष्ठ नेताओं ने संबोधित किया। बाद में जावरा फाटक से स्टेशन में प्रवेश करते हुए इंदौर जाने वाली ट्रेन के आगे प्रदर्शन करते हुए उसे रोका गया। इस दौरान भारी पुलिस बल तैनात रहा।
मिली जानकारी के अनुसार कैन्द्र सरकार की किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ भाजपा किसान मोर्चा ने यह आंदोलन किया । आंदोलन की शुरुआत आमसभा के साथ हुई। आमसभा को सबोंधित करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेताओं एवं किसान नेताओं ने संबोधित करते हुए कहा कि भारत कृषि प्रधान देश है, इसके बाद भी देश का अन्नदाता कहलाने वाला किसान दुखी है। 24 घंटे काम करने के बाद भी किसान हमेशा घाटे में ही रहता है। कर्मचारियों के वेतन में 18 गुना बढोतरी हो जाती है और किसान की उपज का समर्थन मुल्य चार गुना भी नहीं बढता है। जबकि खाद-बीज के दाम दोगुने बढे है। किसान को समर्थन मुल्य को बढाने को लेकर हमेशा आंदोलन करना पड़ता है। किसान हमेशा से उपेक्षित रहा है। किसान नेताओं ने कहा कि बैंक जब किसानों को कर्ज देता है तो उसकी प्रक्रिया काफी कठिन है। खाता खसरा नकल के लिए किसान को परेशान होना पड़ता है। किसानों ने मांग की कि ऋण पुस्तिका को ही खाता खसरा नकल मानकर प्रति बीघा के मान से ऋण दिया जाए। आमसभा को किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष बंशीलाल गुर्जर, पूर्व गृह मंत्री हिम्मत कोठारी, भाजपा जिला अध्यक्ष राजेन्द्र पांडे, महामंत्री चंद्रप्रकाश ओस्तवाल, पूर्व मंत्री धुलजी चौधरी, भेरुलाल पाटीदार, बलंवत भाटी, किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष शांतिलाल पाटीदार, पूर्व विधायक रघुनाथ सिंह आंजना आदि ने संबोधित किया। आमसभा में आए नेताओं का तिलक लगाकर स्वागत किया गया। आंदोलन के लिए जिले के अलग-अलग क्षेत्रों से बसों में किसान रतलाम पहुंचे थे।
खड़ी रेल को रोका
रेल रोको आंदोलन के लिए आमसभा स्थल से किसान रैली के रुप में स्टेशन की और बड़े। इस दौरान किसान कैन्द्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए ढोल भी बजा रहे थे। रैली में सभी वरिष्ठ नेता भी शामिल थे। रेल रोकों आंदोलन को देखते हुए रेलवे स्टेशन पर भारी मात्रा में पुलिस बल लगा दिया गया था। जिल के सभी थानों से अधिकारी और बल को रतलाम बुलाया गया था। वहीं आरपीएफ और जीआरपी का बल भी स्टेशन पर तैनात किया गया था। किसान नेताओं से चर्चा में पहले स्टेशन से प्लेटफार्म पर जाकर रेल रोकने का निर्णय हुआ था, लेकिन दिलबहार चौराहे पर पहुंचते ही रैली स्टेशन की और जाते हुए पलट गई और जावरा फाटक से प्रवेश करते हुए प्लेटफार्म की और आगे बड़ी। किसानों के अचानक पलटने से पुलिस भी तत्काल हरकत मे आई और मोर्चा संभाल लिया। किसाम मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष बंशीलाल गुर्जर, भाजपा जिलाध्यक्ष राजेन्द्र पांडे और पूर्व मंत्री हिम्मत कोठारी के नेतृत्व में रतलाम-महू फास्ट पेसेंजर ट्रेन के आगे प्रदर्शन किया। इस दौरान किसानों ने नारेबाजी करते हुए भाजपा पार्टी के झंडे लहराए। दोपहर 3 बजे आंदोलनकारी किसान रेल पटरी पर प्रदर्शन करने पहुंचे गए थे, जहां उन्होने पंद्रह मिनट तक प्रदर्शन किया। सवा तीन बजे आंदोलनकारी पटरी से हट गए थे, जिसके बाद ट्रेन अपने निर्धारित समय 3 बजकर 20 मिनीट पर इंदौर के लिए रवाना हुई।
रेल रोकों आंदोलन को देखते हुए पुलिस और प्रशासन के अधिकारी सुबह से ही मुस्तैद थे। पुलिस बल को कंट्रोल रुम पर बुला लिया गया था। एएसपी राजेश व्यास ,प्रशिक्षु आईपीएस गौरव तिवारी, एसडीएम दिनेशचंद्र सिंघी, सीएसपी जी.एस.वर्धमान. तहसीलदार विरेन्द्र कटारे और जिले के कई थानों के प्रभारी मौजुद थे। स्टेशन पर किसानों की गिरफ्तारी के लिए बस और फायर बिग्रेड की व्यवस्था भी की गई थी।