सैलाना, बाजना, रावटी निवासी साहुकारों के ऋण से मुक्त
साहुकारी संबंधी समस्त संव्यवहार शुन्य घोषित
रतलाम 05 अक्टूबर(इ खबरटुडे)कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी बी.चन्द्रषेखर ने रतलाम जिले की सैलाना, बाजना एव ंरावटी तहसील जो कि संविधान के अनुछेद 244 के खण्ड (1) में निर्दिष्ट अनुसूचित क्षेत्र की श्रेणी में आती है में जहा आदिवासी बाहूल्य ग्रामों में साहुकारों से अधिक ब्याज दरों पर साहुकारी के कारोबार संबंधी शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए साहुकारी संबंधी समस्त संव्यवहार को सवैधानिक प्रावधानांे के अनुसार शुन्य घोषित किये जाने संबंधी आदेश जारी किये है।जिले के सैलाना, बाजना एवं रावटी क्षेत्र के ऐसे समस्त ऋणी नागरिक जिन्होने साहुकारों के पास अपनी जमीन या अन्य मूल्यवान वस्तुऐं गिरवी रखी हैं वे उसे प्राप्त करने के हकदार हो गये हैं।
साहुकारी अवैधानिक व्यवहार
कलेक्टर ने मध्यप्रदेश साहुकार संषोधन अधिनियम 2000 अंतर्गत साहुकारी कारोबार हेतु प्राप्त रजिस्ट्रीकरण प्रमाण पत्र को शुन्य घोषित करते हुए बताया हैं कि संविधान के अनुछेद 244 के खण्ड (1) में निर्दिष्ट अनुसूचित क्षेत्र की श्रेणी में आने वाले क्षेत्र में न तो कोई व्यक्ति साहुकारी कारोबार कर सकता हैं और न इस हेतु रजिस्ट्रीकरण प्रमाण पत्र दिया जा सकता है। उन्होने अपने आदेश में स्पष्ट किया हैं कि उक्त तहसीलों में पूर्व में जारी किये गये रजिस्ट्रीकरण प्रमाण पत्र एवं वर्तमान में नवीनीकृत प्रमाण पत्र या साहुकारी लायसेंस अनुछेद 244 के खण्ड (1) की धारा 11 (ख) के प्रभाव में स्वयं ही निष्फल एवं शुन्य हो जाते है। ऐसी स्थिति में उक्त तहसीलों में केाई भी व्यक्ति साहुकारी कारोबार करने के लिये न तो पंजीकृत हैं और न अधिकृत है।
कलेक्टर द्वारा जारी आदेश में स्पष्ट लेख किया गया हैं कि उक्त तहसीलों में साहुकारों द्वारा अनियंत्रित एवं अनाधिकृृत रूप से ग्रामीण, आदिवासी एवं गरीब लोगों को अधिक ब्याज दरों पर ऋण देकर बदले में उनकी मूल्यावान वस्तु भूमि गिरवी रखी जा रही हैं और यह भी कि अनेक ग्रामीण परिवार साहुकारों के करजे के बोझ तले लम्बे समय से दबे हुए है। जिससे उन्हें आर्थिक क्षति तो हो ही रही हैं उनका सर्वागीण विकास भी बाधित हुआ है।
उन्होने कहा हैं कि जिले की तहसील रतलाम, बाजना एवं रावटी में अनाधिकृत रूप से पूर्व में किये गये व वर्तमान में समस्त साहुकारी संव्यवहार उक्त अधिनियम के उल्लंघन की श्रेणी में आते है। ऐसे समस्त संव्यवहार स्वतः ही शुन्य हो जाते हैं। रतलाम जिले की उक्त तहसीलों के भीतर किसी भी साहुकारांे के द्वारा नागरिकों को दी गई ऋण पर राशि अवैधानिक व्यवहार की श्रेणी में आती है। ऐसे नागरिक ऐसी राशि साहुकारों को लौटाने हेतु बाध्य नहीं है एवं ना उन्हें बाध्य किया जा सकता है। नागरिकों द्वारा ऐसे साहुकारों के पास गिरवी रखी भूमि या मूल्यवान वस्तु सवमेव मुक्त हो जाती हैं और उसे तत्काल प्राप्त करने हेतु ऋणी नागरिक हकदार है। कलेक्टर ने आदेश का कड़ाई से पालन सुनिष्चित कराने के निर्देश एसडीएम सैलाना को दिये है।