March 29, 2024

सलमान चिंकारा मामले में 18 साल बाद बरी

SC जाने की तैयारी में वकील, पूछा- फिर हिरण को किसने मारा?

जोधपुर ,25 जुलाई(इ खबरटुडे)।जोधपुर में चिंकारा शिकार मामले में बॉलीवुड अभि‍नेता सलमान खान के लिए सोमवार का दिन बेहद खास साबित हुआ. हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद सलमान खान को चिंकारा मामले में सभी आरोपों से बरी कर दिया. सेशन कोर्ट से अभि‍नेता को पांच साल कैद की सजा मिली थी.
कोर्ट की कार्यवाही शुरू होते ही सलमान को बरी करने का फैसला सुनाया गया. मामले में 12 आरोपी थे, जिनमें से 11 को बरी किया जा चुका है. इसका लाभ सलमान को मिला. सलमान खान की बहन अलवीरा अग्न‍िहोत्री उनके वकील के साथ जोधपुर हाई कोर्ट पहुंची थीं. हाई कोर्ट के फैसले को बिश्नोई समाज आगे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगा.

सलमान को अब शादी कर लेनी चाहिए-रजा मुराद
कोर्ट के फैसले के बाद फिल्म अभिनेता रजा मुराद ने कहा कि यह लोकतंत्र है और हमेशा सच्चाई की जीत होती है. उन्होंने फैसले पर खुशी जताते हुए कहा कि सलमान खान अब केस के मामले से निपट गए हैं, उन्हें अब घर बसा लेना चाहिए.

सलमान के खि‍लाफ दोनों ही मामले गलत
सलमान खान के वकील हस्तीमल ने कहा, ‘दो केस दर्ज थे. घोड़ा फार्म हाउस मामले में सलमान को 5 साल कैद और भवाद केस में एक साल कैद की सजा मिली थी. हाई कोर्ट ने मामले में राज्य सरकार की अर्जी को खारिज कर दी और सलमान को बरी कर दिया. कोर्ट ने दोनों ही मामलों को गलत पाया. केस में जिन लोगों को गवाह बनाया किया कोई कभी पेश नहीं हुआ. इसमें जिप्सी का ड्राइवर भी शामिल है.’

‘सलमान को कभी टेंशन में नहीं देखा’
वकील हस्तीमल ने कहा कि उन्होंने कई केस लड़े हैं. लोगों को हमेशा टेंशन में देखा है, लेकिन सलमान खान को उन्होंने कभी टेंशन में नहीं देखा. शायद ऐसा इसलिए कि सलमान जानते थे कि उनके खिलाफ गलत मामला चल रहा है. हस्तीमल ने कहा, ‘हमने कोर्ट में साबित किया जिन सबूतों का जिक्र किया जा रहा है, सभी फर्जी हैं. जो चाकू जब्त किया गया वह नया चाकू था और छोटा था. इसके अलावा जिप्सी में जो छर्रे मिले वह गन की बुलेट से मैच नहीं करते.’

‘हम फैसले के खि‍लाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे’
दूसरी ओर, बिश्नोई समाज के वकील महिपाल बिश्नोई ने कहा कि वह इस फैसले के खि‍लाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे. उन्होंने कहा, ‘हम यह जानना चाहते हैं कि चिंकारा मरा कैसे? हम कोर्ट के फैसले से खुश नहीं हैं. हम न्यायालय के फैसले पर सवाल नहीं उठा रहे, लेकिन हम सर्वोच्च अदालत में इसे चुनौती देंगे.’गौरतलब है कि अभि‍नेता ने सेशन कोर्ट के फैसले के खि‍लाफ ऊपरी अदालत में अपील की थी. हाई कोर्ट में मई महीने में ही सुनवाई खत्म हो चुकी है, जिसके बाद फैसला सुरक्षि‍त रख लिया गया था. शिकार के करीब 18 साल बाद इस मामले में फैसला आया है

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