आचार्य श्री के श्री चरणों में प्रणाम करने पुनः आऊंगा – मुख्यमंत्री
मोबाईल पर किया श्रद्धालुओं को सम्बोधित
रतलाम,10 जुलाई (इ खबरटुडे)। जयंतसेन सुरीश्वरजी म.सा. के सान्निध्य में आयोजित चार्तुमास कार्यक्रम में मौसम की खराबी के चलते सम्मिलित न हो पाने पर प्रदेश के मुखिया शिवराजसिंह चौहान ने मोबाईल पर श्रद्धालुओं को सम्बोधित किया। उन्होने क्षमा प्रार्थना करते हुए कहां कि वे आत्मिक रूप से कार्यक्रम में मौजूद है। शारीरिक रूप से सम्मिलित नहीं हो पाने के कारण उन्होने आश्वस्त किया कि वे आचार्य श्री के श्री चरणों में प्रणाम करने हेतु शीघ्र ही उपस्थित होगे। बिबड़ौद रोड़ रतलाम में आयोजित चार्तुमास प्रवेश कार्यक्रम में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री भारत शासन थावरचंद्र गेहलोत, ऊर्जा मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री पारसचंद्र जैन, क्षेत्रिय सांसद कांतीलाल भूरिया, मंदसौर – जावरा सांसद सुधीर गुप्ता, महापौर डॉ. सुनिता यार्दे, जिला पंचायत अध्यक्ष प्रमेश मईड़ा एवं विधायक गण मौजूद थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मोबाईल पर दिये अपने सम्बोधन में कहा कि मनुष्य एवं धरती दोनों के स्वास्थ्य की देखभाल करना आवश्यक है। उन्होने कहा कि मनुष्य में मानवीयता का पक्ष प्रबल बनाये रखने के लिये शिक्षा पद्धति में भी बदलाव की आवश्यकता है। श्री चौहान ने कहा कि इन कार्यो में आचार्य श्री के मार्गदर्शन को भी आवश्यक बताते हुए कहा कि वे इसके लिये उनका आशीर्वाद लेने के लिये शीघ्र ही पुनः आयेगे। उन्होने कहा कि आज वायुयान के उतरने के लिये अनुकूल मौसम नहीं होने के कारण उन्हें यहां आकर भी वापस लौटना पड़ रहा है। श्री चौहान ने सभी उपस्थित श्रद्धालुओं से क्षमा प्रार्थना की। उन्होने कहा कि प्रदेश में लगातार हो रही बारिश के कारण जनता को होने वाली दिक्कतों को दूर करने और उनकी सेवा के लिये निरंतर प्रयास कर रहे है। इस हेतु निरंतर बैठके ली जा रही हैं और हालात की सतत निगरानी की जाकर आवश्यक कदम उठाये जा रहे हैं ताकि सेवा भाव में कोई कमी न रहे और परेशानियों को यथासम्भव शीघ्रता से दूर किया जा सके।
प्रवचनों को आचार, विचार, संस्कार में अंगीकार करें – थावरचंद्र गेहलोत
21वीं सदी भारत की हो ऐसा संतो की सदैव से ही कल्पना रही है। भारत की पताका का विश्व में ऊची रहे इसके लिये संतो के द्वारा निरंतर प्रयास किये जा रहे है जिसमें जयंतसेन सुरीश्वरजी म.सा. का भी अग्रणी स्थान है। उन्होने सभी उपस्थित जनों से आग्रह किया कि वे आचार्य श्री के अमृत वचनो को न सिर्फ सुने बल्कि उन्हें अपने आचार, विचार एवं संस्कारों में भी स्वीकार करते हुए उसी के अनुरूप अपना व्यवहार करें। श्री गेहलोत ने कहा कि प्रवचन सुनने के बाद अपनी दिनचर्या को पूर्ववत न अपनाते हुए उसमें परिवर्तन लाते हुए सदमार्ग की ओर अग्रसर होने का प्रयत्न करें। उन्होने स्वयं के जन्म, जाति और कर्म के बारे में बताते हुए कहा कि वे आज स्वयं को सभी प्रकार के व्यसनों से मुक्त पाकर प्रसन्न महसुस करते है।
जैन समाज का सिंहस्थ हैं यह आयोजन – पारसचंद्र जैन
जिले के प्रभारी मंत्री एवं ऊर्जा मंत्री मध्यप्रदेश शासन पारसचंद्र जैन ने समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि संतो की सेवा का सौभाग्य रतलाम वासियों को मिला है और इस भव्य आयोजन को देखने के बाद मन बरबस ही कह रहा है कि यह जैन समाज का सिंहस्थ है। उन्होने कहा कि इसी प्रकार का सेवा भाव उज्जैन सिंहस्थ के दौरान नगर वासियों में एवं श्रद्धालुओं में संतो के प्रति आगध श्रद्धाभाव देखने को मिला था। उन्होने आयोजन के लिये मुक्तकंठ से स्थानीय विधायक चेतन्त काश्यप की सराहना की।
चार्तुमास प्रवेश समारोह के आयोजनकर्ता एवं रतलाम शहर विधायक चेतन्य काश्यप ने आचार्य श्री द्वारा चार्तुमास कार्यक्रम में सम्मिलित होने के लिये स्वीकृति प्रदान करने पर स्वयं को भाग्यशाली मानते हुए सभी उपस्थित श्रद्धालुओं का हार्दिक रूप से आभार व्यक्त किया।