November 22, 2024

उज्जैनवासियों ने आसमानी बारिश में इंसानियत और भाईचारे की बूंदें बरसा दीं

उज्जैन में आपदा : रफीक के घर पर रुके राम
कचोरी बेचने वाली ने नफे-नुकसान  में उलझे बगैर मुफ्त में ठेला लुटा दिया
उज्जैन,06मई(इ खबरटुडे)।आसमानी बारिश शाम को थमी और उज्जैनवासियों ने इंसानियत, संवेदना और भाईचारे की बूंदें बरसा दीं। जाति- धर्म से परे उठकर इंसानी रिश्तों की डोर मदद कर मजबूत कर दी।

नाका क्षेत्र में रफीक खान ने राम सिंह के परिवार को अपने यहां पनाह दी तो ठेले पर भजिए कचोरी बेचने वाली सुमित्रा ने नफे-नुकसान के गणित में उलझे बगैर मुफ्त में ठेला लुटा दिया।
मुस्लिम परिवार ने दी पनाहram_stay_rafiq_home
आगर नाका क्षेत्र में रहने वाले मोहम्मद रफीक गैरेज चलाते हैं। बारिश के बाद पंडाल पानी से भर गए और लोग सड़क पर भीगते नजर आए तो रफीक भाई ने इंसानियत का रिश्ता निभाया। बागोरी गांव के राम सिंह और उनके परिवार को अपने घर में पनाह दी।उन्हें भर पेट भोजन कराया। छोटे बच्चों के लिए बिस्किट और दूध की व्यवस्था की। कमरे में सीलिंग फेन नहीं था तो दो टेबल फेन ले आए, ताकि घर रुका मेहमान इत्मिनान से रात गुजार सके।
ऐसी कमाई का क्या करू
रात के 12 बजे थे। मंगलनाथ क्षेत्र में ठेले से सुमित्रा यादव लोगों को पूरी भाजी बांट रही थी। पूछने पर बताया कि दोपहर तक कचोरी भजिए बेच रही थी। बारिश के बाद लोगों को भूखे भटकते देखा तो मन नहीं माना। पैसा लेकर क्या कमाती इन लोगों से। भजिए छोड़कर पूरी बनाने लगी और सबकों पेट भर खिलाया।
इंदिरानगर मंगलनाथ क्षेत्र के करीब है। रहवासी संघ ने बारिश में भीगे श्रद्धालुओं की मदद का फैसला लिया। रहवासी इकट्ठा हुए। घरों से आटे के डिब्बे और तेल आने लगा। पूरी भाजी तैयार कराई और सबको भर पेट भोजन कराया। इतना ही नहीं, लोगों ने ड्राइंग रूम को गेस्ट रूम में तब्दील कर दिया।
15 से ज्यादा कमरों में बाहर से आए लोगों को रुकवाने का इंतजाम किया। छतों पर भी व्यवस्था की। शर्मा परिवार ने उड़ीसा से आए विष्णु नारायण के परिवार को तीसरी मंजिल के हॉल में रुकवाया। विष्णु ने कहा हम रामगोपाल धाम में रुके थे, वहां पानी भर गया। इस परिवार के हम जिंदगी भर शुक्रगुजार रहेंगे।
पेट्रोल पंप बना रैन बसेरा
आगर रोड पर गोपाल माहेश्वरी का पेट्रोल पंप है। यहां 30 से ज्यादा लोगों के उन्होंने रुकने की व्यवस्था कराई। 50 से ज्यादा खाने की पैकेट तैयार कराए और बिछात का इंतजाम भी। गोपाल ने कहा कि उज्जैन महाकाल की नगरी है। यहां कोई भूखा कैसे सो सकता है।

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