यूडीए के दागी पटेल आरडीए पहुंचे
ग्वालियर से फिर उज्जैन के नजदीक आये
उज्जैन ,29 फरवरी(इ खबरटुडे)। विकास प्राधिकरण उज्जैन के दागी लेखाधिकारी सीके पटेल तिकड़म भिड़ा कर फिर से उज्जैन के नजदीक पहुंच गये है। हाल ही में वे ग्वालियर से रतलाम विकास प्राधिकरण में पहुंच गये है। विकसित हो रहे आरडीए में उनके पहुंचने से कर्मचारियों में घबराहट है । आरडीए की योजनाओं के गडबडाने का खतरा भी उनके आने से बढ गया है।
उजैन विकास प्राधिकरण में वर्ग-4 के पद से लेखाधिकारी तक पहुंचने वाले चंद्रकांत पटेल यहां काफी विवादित रहें है। 7 अप्रैल 2011 को तीसरी बार लोकायुक्त ने इन्हें जद में लेते हुए इनके निवास पर छापा मारा था। छापे में करीब 25 लाख से अधिक की नकद राशि मिली थी। इसके बाद इन्हें ग्वालियर विकास प्राधिकरण में भेजा गया था। वहां से पटेल तिकडम भिड़ा कर रतलाम विकास प्राधिकरण में हाल ही में पदस्थ हो गये है। सेवाकाल की शुरूआत में ही लोकायुक्त के रंगें हाथों पकडे जाने का आरोप नकदी नहीं मिल पाने के कारण अपुष्ट रहा। इसके बाद भी लोकायुक्त बार-बार इन पर कार्यवाही करता रहा। हाल ही में मकान विक्रय के मामले में भी इन्होंने शासन को स्टाम्पडयूटी में चोट पहुंचाई थी। इनके खिलाफ माधवनगर थाने में धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज हुआ था। नामांरतण शुल्क में गडबडी पर ये निलबित भी हो चुके है। स्वयं का वेतन बढ़ाने के मामले में जांच चल रही है। 1982 में लोकायुक्त ने डेढ सौ रूपये की रिश्वत लेने के मामले का आरोप था। त्रिवेणी-शिप्रा विहार में विद्युतीकरण योजना में भी इनपर रिश्वत लेने के आरोप लगे थे। प्राधिकरण के पाईप घोटाले में भी इनका नाम उछला था।
पटेल के आरडीए में आने से अब आरडीए की योजनाएं गडबडाने का खतरा बढ गया है। रतलाम विकास प्राधिकरण का गठन अभी कुछ दिनों पूर्व ही हुआ है और आरडीए के शुरआती दौर में ही दागी अधिकारी के आने से आरडीए चेयरमेन विष्ुणु त्रिपाठी की चुनौतियां बढ सकती है।