टैक्स भरने के बावजूद देना पड रहा है हजारों का जुर्माना
प्रदेश के ट्रक मालिक भुगत रहे हैं कम्प्यूटर की गलती का खामियाजा
भोपाल/रतलाम,२८ फरवरी(इ खबरटुडे)। प्रदेश के ट्रक मालिक इन दिनों खासे परेशान है। टैक्स जमा होने के बावजूद उन्हे दोबारा टैक्स भी जमा करना पड रहा है और हजारों रुपए का जुर्माना भी चुकाना पड रहा है। इससे इंकार करने पर उनके ट्रक खडे कर दिए जाते है। सारी गडबडी कम्प्यूटर में डाटा अपडेशन नहीं होने की वजह से हो रही है।
आरटीओ सूत्रों के मुताबिक परिवहन विभाग के कम्प्यूटराईजेशन के बाद सारा रेकार्ड आनलाईन कर दिया गया है। विभाग की रुटीन चैकींग के दौरान जब किसी ट्रक का रेकार्ड चैक किया जाता है तो कम्प्यूटर उसका टैक्स बकाया बताता है। ऐसी स्थिति में विभाग ट्रक मालिक से टैक्स की राशि के साथ साथ जुर्माना भी वसूल करता है। कई ट्रक मालिकों को बेवजह हजारों रुपए चुकाने पड गए है।
सारा गडबडझाला कम्प्यूटराईजेशन और मैन्यूअल वर्किंग की दुविधा के कारण हो रहा है। परिवहन विभाग के सूत्रों के मुताबिक वर्ष २००६ से विभाग का सारा रेकार्ड कम्प्यूटराईज्ड किया जा चुका है। लेकिन वर्ष २००६ के बाद कुछ अवधि ऐसी भी है जिसका डाटा कम्प्यूटर में आज तक फीड नहीं किया गया है। आरटीओ सूत्रों के मुताबिक १ अप्रैल २००६ से ३० जून २००६ की तिमाही,जनवरी २००७ से मार्च २००७ और जनवरी २००८ से मार्च २००८ की तिमाहियों में परिवहन विभाग ने वसूली बढाने के चक्कर में ट्रक मालिकों को टैक्स भरने पर मैन्यूअल रसीदें(हाथ से लिखी हुई) दी गई थी। इन अवधियों में भरे गए टैक्स का रेकार्ड आज तक कम्प्यूटर में फीड नहीं किया गया है। नतीजा यह है कि जब भी किसी ट्रक का रेकार्ड आनलाईन चैक किया जाता है,कम्प्यूटर टैक्स बकाया होने की जानकारी देने लगता है। आमतौर पर कोई भी व्यक्ति किसी भुगतान रसीद को लम्बी अवधि तक सम्हाल कर नहीं रखता। रसीद संभाल कर रखी भी हो तो हर वक्त साथ नहीं रखता। चैकींग के वक्त रसीद नहीं दिखा पाने पर विभाग के अधिकारी कर्मचारी सीधे ट्रक मालिक पर टैक्स और पैनल्टी दोनो ठोक देते है।
जानकार सूत्रों के मुताबिक यदि किसी ट्रक का २००६ का एक तिमाही का टैक्स बकाया हो तो उसे टैक्स की राशि ३७०० रुपए के साथ साथ १४८ रु.प्रतिमाह के हिसाब से पैनल्टी भी चुकाना पडेगी। इस प्रकार एक ट्रक मालिक को ६ साल की पैनल्टी के रुप में १०६५० रुपए चुकाने पडते है।
परिवहन विभाग के सूत्रों के मुताबिक कम्प्यूटर में रैकार्ड व्यवस्थित नहीं होने के कारण और भी कई तरह की परेशानियां आ रही है। एक ट्रक की एनओसी वर्ष २००९ में इन्दौर आरटीओ द्वारा जारी कर दी गई थी। अब इस ट्रक का फिटनेस लेने की नौबत आई तो कम्प्यूटर ने इस पर १ लाख ३४ हजार ४१२ रुपए बकाया बता दिए। ट्रक मालिक विभाग को हिसाब दिखा दिखा कर परेशान है लेकिन समस्या का निराकरण नहीं हो पा रहा। इसी तरह १६२०० किलोग्राम वजन वाले एक ट्रक का वजह कम्प्यूटर ने १६२००० किलोग्राम कर दिया। नतीजा यह हुआ कि कम्प्यूटर ने ४१ लाख रुपए का टैक्स बकाया बता दिया। इस ट्रक को इन्दौर आरटीओ ने चार दिनों तक रोके रखा। रतलाम आरटीओ ने जब इस बात का प्रमाणिकरण दिया कि ट्रक पर कोई राशि बकाया नहीं है तब कहीं जाकर चार दिन बाद ट्रक छोडा गया। चार दिन ट्रक खडे रहने की वजह से ट्रक मालिक को जो नुकसान भुगतना पडा उसकी भरपाई करने वाला कोई नहीं है।
वैसे विभाग के अधिकारी भी इस गडबडी से खासे परेशान है। जब किसी ट्रक पर कम्प्यूटर बकाया निकालता है और मालिक द्वारा रसीद प्रस्तुत कर दी जाती है,तो विभाग द्वारा उपर पत्राचार किया जाता है। सरकारी महकमों की लालफीताशाही की वजह से कई दिनों बाद रेकार्ड अपडेट हो पाता है और तब कहीं जाकर ट्रक मालिक को राहत मिल पाती है।