रेलवे की सुरक्षा के लिए खतरनाक साबित हो सकता है पाईन्टमैन को हटाना
रतलाम,25 फरवरी(इ खबरटुडे)। रेल कर्मचारियों के ओव्हरटाईम पर खर्च होने वाली राशि का बचाने के लिए रेल प्रशासन ने संरक्षा नियमों को ताक में रखते हुए रोड साईड स्टेशनों पर ट्रेन के गुजरते वक्त तैनात रहने वाले पाईन्टमैन की छुट्टी कर दी है। अब केवल स्टेशन मास्टर ही ट्रेन पर नजर रख रहे है। रेल प्रशासन का फायदे के लिए कायदा भूलना कभी भी बहुत मंहगा पड सकता है।
पश्चिम रेलवे के रतलाम मंडल में मुंबई-दिल्ली रूट की बडी लाईन तथा रतलाम-खण्डवा रूट की मीटर गेज लाईन पर कई स्टेशन है। इन स्टेशनों से कईपर अधिकांश एक्सप्रेस ट्रेनो का विराम नहीं है। इन गाडियों की संरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रेलवे ने गाडी पर नजर रखने के लिए यह नियम बनाया था। जिसके तहत स्टेशन मास्टर और पाईन्टसमैन ट्रेन के गुजरते वक्त पेनी नजर रखते है। एक और स्टेशन मास्टर तो दूसरी पाईन्टसमैन ट्रेन के स्टेशन से गुजरते वक्त पूरी सतर्कता रखते है। रेलवे की भाषा में इसे ‘अन्यूसअल’ पर नजर रखना कहा जाता है। रेलवे के संरक्षा से जुडे जानकारों कहना है कि उक्त मामले में रतलाम रेल मंडल में अनयूसअल को बहुत सामान्य रूप से लिया जा रहा है। मंडल के कई रोड साईड स्टेशनों पर ट्रेन पर केवल एक साईड से स्टेशन मास्टर ही नजर रख रहे है, दूसरी ओर नजर नहीं है। सुरक्षा और संरक्षा नियमों को दरकिनार कर दिया गया है, जबकि यह किसी दिन बडी लापरवाही बन सकती है।
रेल सूत्रों के अनुसार ओव्हरटाईम राशि बचत के आदेश मुख्यालय से आए है। आदेश के मंडल में पहुंचते ही मंडल के कई विभागों में बचत शुरू करते हुए जोखिम मोल लेना शुरू कर दिया है। कई विभाग ऐसे जो यात्री संरक्षा से सीधे जुडे नहीं है उनमें तो इसका असर नहीं पड रहा है, लेकिन जिनका सीधा संबंध यात्रियों की सुरक्षा और संरक्षा से है उन पदों के कर्मचारियों के ओव्हरटाईम पर इस असर सामने आ रहा है। सूत्रों के मुताबिक जिस दिन से रोड साईड स्टेशनों पर से पाईन्टमैन की सेवाओं में कटौती की गई है, उसी दिन से गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है। रात में यह खतरा और अधिक बढ गया है। ऐसे में जबकि पश्चिम रेलवे में रतलाम रेल मंडल से जुडे अन्य मंडल में महत्पवूर्ण गाडियों में आगजनी आदि की घटनाएं हो चुकी है, ऐसे में बचत के लिए यह प्रयोग खतरनाक हो सकते है।
रेल सूत्रों के अनुसार एक पाईन्टमैन से को प्रतिघंटा ओव्हरटाईम पर करीब 100 से 150 रूपए दिया जाता है। रोस्टर नियम तो आठ घंटे सेवा लिए जाने का है, लेकिन कतिपय परिस्थितियों में 12 घंटे की सेवाएं एक कर्मचारी से ली जाती है। इस स्थित में यदि एक कर्मचारी 3 से 4 घंटे अतिरिक्त नौकरी करता है तो उसे प्रतिदिन कम से कम 500 रूपए वेतन के अतिरिक्त मिलते है। महीने में यह राशि हजारों रूपए में हो जाती है। ऐसे में किस पाईन्टमैन को ओव्हरटाईम का लाभ मिलेगा, इसका निर्धारण कई बातों को ध्यान में रखकर किया जाता है। हालांकि मुख्यालय से आए बजत के निर्देशों को दोनों ही पक्ष अपने लिए घाटे का सौदा बता रहे है।
रतलाम रेल मंडल के जनसंर्पक अधिकारी प्रदीप शर्मा का इस मामले में कहना है कि, ओव्हरटाईम का मामला पश्चिम रेलवे मुख्यालय से संबंधित है। रोड साईड स्टेशनों पर फ्लैग स्टेशनों को छोडकर ग्रुप डी और ई श्रेणी में स्टेशन मास्टर और पाईन्टमैन दोनो ही विपरीत दिशा में ट्रेन चेक करते है। पाईन्टमैन के नहीं होने पर स्टेशन मास्टर यह कार्य करते है। सरंक्षा श्रेणी के पदों में कर्मचारियों की कमी एक बडी समस्या है।