May 2, 2024

बिना महिलाओं की होगी नई महापौर परिषद

महापौर ने दिए संकेत,एक सप्ताह में गठित होगी नई एमआईसी
रतलाम,२९ जुलाई (इ खबरटुडे)। नगर सरकार के मुखिया शैलेन्द्र डागा अगले एक सप्ताह के भीतर नई महापौर परिषद का गठन करेंगे। उनकी नई एमआईसी न सिर्फ छोटी होगी,बल्कि उसमें महिला पार्षदों को स्थान मिलने की संभावना भी बेहद कम है। अपने ही एमआईसी सदस्यों से परेशान महापौर ने शनिवार रात को एमआईसी भंग करने की घोषणा की थी।
महापौर शैलेन्द्र डागा लम्बे समय से  कुछ एमआईसी सदस्यों के बर्ताव से बेहद परेशान थे। नियमानुसार महापौर परिषद के गठन का एकमात्र अधिकार महापौर को होता है,लेकिन राजनीतिक मजबूरियों के चलते नेता को कई तरह के संतुलन करना पडते है। महापौर श्री डागा ने भी अपनी महापौर परिषद के गठन में संगठन के विभिन्न धडों का ध्यान रखते हुए पार्षदों का चयन किया था। महापौर परिषद के चयन में उनकी व्यक्तिगत पसंद नापसंद की बजाय संगठन की जोड तोड और गुटीय संतुलन का असर ज्यादा था। यही कारण था कि उनकी महापौर परिषद के सदस्य उन्ही के फैसलों में मीन मेख निकालने से भी बाज नहीं आते थे। सत्ता के सूत्र धीरे धीरे अपने हाथ में लेने के बाद महापौर शैलेन्द्र डागा इस स्थिति में आने लगे थे कि वे एमआईसी अपनी पसंद के हिसाब से बना सके। इसी दौरान कतिपय एमआईसी सदस्यों की अनुशासनहीनता ने उन्हे मौका दे दिया कि वे एमआईसी भंग कर सके। उल्लेखनीय है कि हाल ही में लोक निर्माण समिति प्रभारी सरिता लोढा और पार्षद पति बन्टी शर्मा द्वारा किए गए कार्य अखबारों की सुर्खियां बने थे।
इन घटनाओं के मद्देनजर महापौर शैलेन्द्र डागा ने पार्टी हाईकमान को भरोसे में लेकर एमआईसी भंग कर दी।
एमआईसी के भंग होने के साथ ही अब तक एमआईसी से दूर रहे पार्षद एमआईसी में स्थान हासिल करने की जोड तोड में लग गए है। हांलाकि महापौर शैलेन्द्र डागा अब किसी भी तरह के समझौते के मूड में नहीं है। उन्हे इस मामले में पार्टी हाईकमान का ग्रीन सिग्रल भी मिल गया है। इ खबरटुडे से अनौपचारिक चर्चा के दौरान श्री डागा ने इस बात के साफ संकेत दिए कि नई एमआईसी पूरी तरह से उनकी पसंद की होगी। श्री डागा ने इस बात के संकेत भी दिए कि नई एमआईसी न सिर्फ आकार में छोटी होगी बल्कि इसमें महिला पार्षदों के होने की संभावना भी नगण्य है। नई एमआईसी में नए चेहरों को मौका दिया जाएगा और उनके चयन का आधार उनकी काम करने की क्षमता को माना जाएगा। महापौर चाहते है कि वे अपने कार्यकाल में कुछ उल्लेखनीय उपलब्धिायां अर्जित करें,और यह तभी संभव है जब एमआईसी के सदस्य उनके प्रति निष्ठावान हो।

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