March 29, 2024

नासिक कुंभ : निर्मोही और दिगंबर अखाड़े में हुआ विवाद, साधुओं में तनीं तलवारें

नासिक.29अगस्त (इ खबरटुडे)। महाराष्ट्र के नासिक में सिंहस्‍थ कुंभ के पहले शाही स्‍नान के दिन दो अखाड़ों में विवाद हो गया। शोभायात्रा निकालने को लेकर विवाद इतना बढ़ गया कि साधुओं ने पुलिस बैरिकेडिंग तोड़ दी। एकदूसरे पर हथियार भी तान दिए। हालात संभालने में पुलिस के पसीने छूट गए। 20 मिनट बाद हालात काबू में आए। इस बीच, शनिवार को नासिक में एक श्रद्धालु की राम कुंड में डूब जाने से मौत हो गई। उसकी पहचान नहीं हो पाई है।

निर्मोही और दिगंबर अखाड़े के साधु भिड़े
दिगंबर अखाड़ा अपने तय वक्त से धीरे चल रहा था। इस वजह से नासिक के लक्ष्मी नारायण चौक पर निर्मोही अखाड़े ने दिगंबर अखाड़े के रथ को रोकने और अपनी शोभायात्रा शुरू करने की कोशिश की। तभी निर्मोही अखाड़े के महामंत्री महंत श्यामसुंदरदास महाराज का दिगंबर अखाड़े के महंतों से विवाद हो गया। इसके बाद साधुओं ने रथों की सजावट तोड़ने की भी कोशिश की। पुलिस ने दखल देकर विवाद खत्म करने की कोशिक की, लेकिन पूरे जुलूस में तनाव बना रहा। कुछ साधुओं ने गुस्से में आकर पुलिस की बैरिकेडिंग भी तोड़ दी। एकदूसरे पर तलवार, लट्ठ और बाकी हथियार भी तान दिए।

 साध्वियों किया शाही स्नान का बहिष्कार
महिला साधुओं ने शाही स्नान का बहिष्कार कर दिया है। साध्वी त्रिकाल भवंता ने बताया कि उन्होंने साध्वियों के स्नान के लिए अलग जगह की मांग की थी, जो नहीं पूरी की गई। इस वजह से यह फैसला लिया गया। भवंता ने आरोप लगाया कि कुछ साधुओं के दखल की वजह से साध्वियों को अलग से स्नान की इजाजत नहीं मिली।

नासिक में क्यों लगता है कुंभ?
भारत के 12 ज्योतिर्लिंग में से एक त्र्यंबकेश्वर में है। यह नासिक से 38 किलोमीटर दूरी है। गोदावरी नदी का उद्गम भी यहीं से हुआ है। हर 12वें साल सिंहस्थ कुंभ मेला नासिक और त्र्यंबकेश्वर में होता है। मान्यता है कि नासिक उन चार स्थानों में से एक है, जहां अमृत कलश से अमृत की कुछ बूंदें गिरी थीं।कुंभ के दौरान होता है शाही स्नान कुंभ में लाखों श्रद्धालु नदी में स्नान करते हैं। माना जाता है कि इससे आत्मा की शुद्धि होती है

You may have missed

Here can be your custom HTML or Shortcode

This will close in 20 seconds