December 26, 2024

7 में बनने वाला शौचालय बनाया साढ़े 14 लाख में फिर भी तालों में बंद

rashan dukan (1) (1)

उज्जैन,28अगस्त(इ खबरटुडे)।ग्राम नईखेड़ी की पान बड़ौदिया पंचायत में एमपी टूरिज्म द्वारा कराये गये निर्माण कार्य विवादों में घिर गये हैं। पंचक्रोशी मार्ग पर यात्रियों की सहूलियत के लिये सिंहस्थ में शौचालय तथा टीन शेड निर्माण कराया गया था। लेकिन साढ़े 14 लाख रूपये लगाने के बाद भी इस शौचालय का उपयोग नहीं हो पाया और अब तक ताले में बंद है।

जिला पंचायत इस शौचालय का निर्माण 7 लाख में कराने वाली थी। लेकिन अधिकारियों ने एमपी टूरिज्म से इसका निर्माण कराया और इसकी लागत साढ़े 14 लाख हो गई। जिला पंचायत उपाध्यक्ष भरत पोरवाल तथा आरईएस के कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा सी.एन. मिश्रा शनिवार को पान बड़ौदिया पंचायत में पहुंचे। पोरवाल के अनुसार पंचायत में 13 लाख 34 हजार 180 रूपये की लागत से शौचालय का निर्माण करना बताया गया है। साथ ही 1 लाख 7 हजार 708 रूपये की लागत से पानी की टंकी और उसकी स्टैंड बनाया गया है। लेकिन शौचालय के निर्माण के बाद से अब तक इस टंकी में पानी ही नहीं पहुंचा। जिसके कारण शौचालय का उपयोग ही नहीं हो पाया। साढ़े 14 लाख की लागत से बने इस शौचालय में आरसीसी की छत डलना थी ।लेकिन टीन शेड डालकर छोड़ दिया गया। निरीक्षण करने पहुंचे तो शौचालय में ताला डला हुआ था।

 

ताला खुला तो 14 लाख 59 हजार की लागत से बने शौचालय के अंदर सीमेंट, तिरपाल, लकड़ियां पड़ी हुई मिली। दरवाजे इतनी घटिया क्वालिटी के लगे हैं कि उपयोग में आने से पहले ही जर्जर होने लगे हैं। सरपंच कौशल्याबाई चैनसिंह कुशवाह के अनुसार यही शौचालय जिला पंचायत 7 लाख में निर्माण कर छत डालकर दे रहे थे। लेकिन सीईओ रूचिका चैहान ने कहा कि इस राशि को सीमेंट कांक्रीट रोड़ निर्माण में लगा लो। शौचालय का निर्माण एमपी टूरिज्म कर लेगा। शौचालय से थोड़ी ही आगे एमपी टूरिज्म द्वारा एक शेड का निर्माण कराया गया जिसकी लागत 12 लाख 79 हजार 479 रूपये दर्शाई गई और यहीं समीप में करीब 2 लाख की लागत से बोरिंग किया गया। मौके पर आये एमपी टूरिज्म के इंचार्ज ईई किशोर चैरसिया ने बताया कि समय नहीं था सिंहस्थ प्रारंभ हो गया था इसलिए छत नहीं डाली और शेड बनाकर छोड़ दिया था। चैरसिया ने जिला पंचायत उपाध्यक्ष से कहा कि आप कहेंगे तो हम टीन शेड निकलवाकर छत डलवा देंगे। आपने कहा कि हम तो यहां शौचालय बना ही नहीं रहे थे कलेक्टर कवीन्द्र कियावत ने जबरदस्ती बनवाया। हमने पहले ही कहा था कि पानी पीएचई सप्लाय करेगी।

आरईएस के कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा सी.एन. मिश्रा ने निरीक्षण उपरांत कहा कि कार्य की गुणवत्ता ठीक है लेकिन मूल्यांकन अधिक लगता है। एमपी टूरिज्म से डीपीआर मंगवाकर देखा जाएगा। गांव में गरीबों को नहीं मिल रहा राशन नईखेड़ी में सेवा सहकारी संस्था मर्यादित अंबोदिया उप दुकान पर अक्सर ताला डला रहता है। जिला पंचायत उपाध्यक्ष भरत पोरवाल के यहां पहुंचने पर ग्रामीणों ने शिकायत की। ग्रामीणों ने कहा कि कंट्रोल कभी खुलती है कभी नहीं खुलती शकर साल भर में राखी के पहले दी थी वह भी तीन-तीन किलो। गेहूं दो तीन महीने में कभी कभार देते हैं। कंट्रोल खुलने का कोई समय नहीं है कभी 10 बजे आ जाए तो कभी दोपहर दो बजे और कई बार तो आए ही नहीं। दोपहर तक आता है जब तक गांव वाले मजदूरी पर निकल जाते हैं। सचिव बद्रीलाल राठौर इस दुकान को संचालित करते हैं। कई लोगों को तो सालभर में सिर्फ तीन किलो ही शहर मिली।

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